प्रदेश में अब पुराने तरीके से होगा अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में प्रवेश 

प्रदेश में अब पुराने तरीके से होगा अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में प्रवेश 


छोटा अखबार।
प्रदेश में लगभग तीन—चार दशक पहले अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए किसी प्रकार की परीक्षा नहीं होती थी।अभियांत्रिकी में प्रवेश के लिए केवल 12वीं कक्षा के परिणाम की आवश्यकता होती थी। कोविड—19 ने प्रदेश में वो दौर वापस लौटा दिया।  



कोरोना महामारी के कारण JEE मुख्य परीक्षा के आयोजन और परिणाम में अनिश्चिता के चलते अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में प्रवेश 12वीं कक्षा के परिणाम के आधार पर दिया जायेगा। यह निर्णय तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग की अध्यक्षता में आयोजित अभियांत्रिकी महाविद्यालयों की बोर्ड ऑफ गवनर्स की बैठक में लिया गया। 
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अभियांत्रिकी महाविद्यालय बांसवाड़ा में 50 प्रतिशत सीटें राज्य अनुदानित सीटों द्वारा भरी जायेंगी ताकि जनजातीय क्षेत्र के छात्रों को निजी अभियांत्रिकी महाविद्यालय के मुकाबले में आधी फीस में प्रवेश मिल सके।
वहींअभियांत्रिकी महाविद्यालय बांसवाड़ा को 3डी प्रिंटिंग कोर्स का सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स बनाया जायेगा जिसके द्वारा अभियांत्रिकी व पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों के छात्रों को ऑनलाईन प्रशिक्षण निःशुल्क उपलब्ध होगा। इसके लिए राजकीय खेतान पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, जयपुर को पायलेट प्रोजेक्ट के तहत चुना गया है। ये छात्र 3डी प्रिंटिंग के प्रेक्टिकल्स सेन्टर फॉर इलेक्ट्रोनिक गवर्नेस  (CEG)] झालाना डूंगरी, जयपुर में उपलब्ध 3 डी प्रिंटिंग लेब में कर सकेंगे। 



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