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Rajasthan Tourism News: राजस्थान विश्व-प्रसिद्ध पर्यटन केन्द्र —मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा

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Rajasthan Tourism News: राजस्थान विश्व-प्रसिद्ध पर्यटन केन्द्र —मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा  छोटा अखबार। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान में पर्यटन सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। राज्य सरकार निवेशकों को हरसंभव सुविधाएं और रियायतें उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र को गति देने के लिए नई राजस्थान पर्यटन इकाई नीति लाई जा रही है और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न प्रकार की रियायतों का प्रावधान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री मंगलवार को जयपुर स्थित होटल ललित में आयोजित राइजिंग राजस्थान पर्यटन प्री-समिट को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस समिट में पर्यटन क्षेत्र में 142 निवेश प्रस्तावों के एमओयू से प्रदेश में लगभग 14 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा। इससे राज्य में 59 हजार प्रत्यक्ष और 10 लाख से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे। श्री शर्मा ने कहा कि हम राजस्थान को एक विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल बनाना चाहते हैं। इसके लिए राजस्थान पर्यटन विकास बोर्ड का गठन कर राजस्थान टूरिज्म इन्फ्रास्ट्रक्चर एण्ड कैपेसिटी बिल्डिंग

Chief Ministe: ऋषि-मुनि समाज के पथ-प्रदर्शक —मुख्यमंत्री

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Chief Ministe: ऋषि-मुनि समाज के पथ-प्रदर्शक —मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री सेवाभावी हैं, ये नाम और काम दोंनो से झलकता है —जैन मुनि छोटा अखबार। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि गलती होना स्वाभाविक है लेकिन उस गलती को स्वीकार करते हुए क्षमा मांग लेना बहुत बड़ा मानवीय गुण है और सामने वाले को क्षमा करना उससे भी बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि क्षमा मांगने से कटुता और द्वेष-भाव समाप्त हो जाता है जिससे समाज में शांति एवं सद्भाव का मार्ग प्रशस्त होता है। श्री शर्मा रविवार को ‘सामूहिक क्षमापन पर्व समारोह’ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह दिन हमारे आत्मिक शुद्धिकरण का पर्व होने के साथ-साथ समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारियों का स्मरण भी करवाता है। जैन धर्म में क्षमा याचना का बहुत महत्व है। क्षमा याचना से आत्म-शुद्धि होती है जिससे संबंधों में सुधार होता है और मानसिक शांति तथा आध्यात्मिक विकास होता है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि संतों और ऋषि-मुनियों ने देश की गौरवशाली संस्कृति और परम्पराओं को संरक्षित रखने का महती कार्य किया है। मुनियों ने समाज को रास्ता दिखाया और देश की प्रगति में उनका योगदान अप्रतिम है

10 lakh jobs: 5 साल में सरकारी और निजी क्षेत्र में सृजित होंगे 10 लाख रोजगार —मुख्यमंत्री

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10 lakh jobs: 5 साल में सरकारी और निजी क्षेत्र में सृजित होंगे 10 लाख रोजगार —मुख्यमंत्री  छोटा अखबार। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि होनहार प्रतिभाएं अपनी मेहनत और लगन से समाज एवं देश का नाम रोशन करती हैं। उनका सम्मान करने से उन्हें प्रोत्साहन मिलता है तथा अन्य लोग भी उत्कृष्ट कार्य करने के लिए प्रेरित होते हैं। श्री शर्मा रविवार को जयपुर की बस्सी तहसील स्थित बेनाड़ा धाम में अखिल भारतीय हरियाणा गौड़ ब्राह्मण महासभा जयपुर की ओर से आयोजित सामूहिक गोठ एवं प्रतिभा सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की प्रगति के लिए यह आवश्यक है कि हम जातिगत भेदभाव से ऊपर उठकर जरूरतमंद लोगों की मदद करें और उन्हें आगे बढ़ाएं। श्री शर्मा ने कहा कि आपसी भाईचारे की भावना और सर्व समाज को साथ लेकर चलने से ही हम विकसित राजस्थान का संकल्प साकार कर सकते हैं। राज्य सरकार युवाओं को उपलब्ध करा रही आगे बढ़ने के अवसर मुख्यमंत्री ने कहा कि मजबूत एवं समृद्ध समाज की नींव शिक्षा पर टिकी है इसलिए राज्य सरकार युवाओं को आगे बढ़ने के लिए भरपूर अवसर उपलब्ध करवा रही है। 8वीं, 10वीं तथा 12वीं कक्षा में मैर

Chief Minister: राज्य सरकार धार्मिक एवं तीर्थ स्थलों के विकास के लिए प्रतिबद्ध —मुख्यमंत्री

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 Chief Minister: राज्य सरकार धार्मिक एवं तीर्थ स्थलों के विकास के लिए प्रतिबद्ध  —मुख्यमंत्री  छोटा अखबार। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि हमारे जीवन में तीर्थ यात्रा का बहुत महत्व है। हमारे तीर्थ स्थल सांस्कृतिक विरासत और समृद्ध संस्कृति का प्रतीक है तथा हमारी संस्कृति में भी इनकी असाधारण महिमा बताई गई है। उन्होंने कहा कि तीर्थ स्थलों पर जाने से मन को शांति मिलती है तथा नई ऊर्जा एवं सकारात्मकता का संचार होता है। श्री शर्मा ने सोमवार को दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन पर वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना के तहत जयपुर से मदुरई व रामेश्वरम् के लिए इस वित्तीय वर्ष की प्रथम तीर्थ यात्रा स्पेशल ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के मन में यह उत्कंठा एवं हार्दिक इच्छा रहती है कि वह अपने जीवन काल में महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों की यात्रा कर आत्मिक सुख प्राप्त करे। मगर कुछ लोग आर्थिक अभाव और अन्य कारणों से तीर्थ यात्रा पर नहीं जा पाते। उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह खुशी की बात है कि राज्य सरकार की वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना का सर्वाधि

Govinddev ji's procession: गोविंददेव जी की शोभायात्रा को मुख्यमंत्री ने की रवाना

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Govinddev ji's procession: गोविंददेव जी की शोभायात्रा को मुख्यमंत्री ने की रवाना  छोटा अखबार। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मंगलवार को जयपुर के आराध्य गोविंददेव जी मंदिर में भगवान गोविंददेव जी की शोभायात्रा का विधिवत पूजा अर्चना कर शुभारंभ किया।  इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूप गोविंददेव जी जयपुर के आराध्य देव हैं और शहरवासियों की आस्था का केंद्र हैं। उन्होंने कहा कि शोभायात्राओं जैसे कार्यक्रम हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को आगे बढ़ाते हैं। श्री शर्मा ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवद्गीता गीता के माध्यम से सम्पूर्ण विश्व को फल की चिंता किए बिना कर्म करते रहने का संदेश दिया। उनके उपदेश वर्तमान समय में भी प्रासंगिक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार द्वारा मथुरा से उज्जैन तक श्रीकृष्ण के जीवन से संबंधित प्रमुख स्थानों को विकसित करते हुए कृष्ण गमन पथ बनाया जाएगा।

Chief Minister: संत महात्मा हमारे जीवन में मार्गदर्शक की निभाते हैं भूमिका —मुख्यमंत्री

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Chief Minister: संत महात्मा हमारे जीवन में मार्गदर्शक की निभाते हैं भूमिका —मुख्यमंत्री  छोटा अखबार। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि संत महात्मा हमारे जीवन में मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हैं। हमारी आध्यात्मिक उन्नति में उनका अहम योगदान होता है। वे समाज को संस्कारित बनाने का कार्य करते हैं और संस्कारवान भावी पीढ़ियां देश-प्रदेश का नाम रोशन करती हैं।  श्री शर्मा रविवार को एक दिवसीय जोधपुर यात्रा के दौरान गांधी मैदान में आयोजित ‘जीने की कला’ विशिष्ट प्रवचन माला कार्यक्रम में शामिल हुए और संत ललितप्रभ, संत चन्द्रप्रभ एवं डॉ. मुनि शांतिप्रिय महाराज से प्रदेश की खुशहाली का आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत हजारों साल पुरानी है। संत महात्मा हमारी इस संस्कृति के वाहक हैं। श्री शर्मा ने कहा कि हमारी आध्यात्मिक रूप से समृद्धता ही हमें दुनिया में एक विशिष्ट पहचान दिलाती है और इसीलिए भारत को ‘विश्वगुरू’ कहा जाता है। मुख्यमंत्री ने बाद में चांदपोल स्थित रामस्नेही संप्रदाय जूना रामद्वारा पहुंचकर संत श्री अमृतराम जी महाराज का भी आशीर्वाद लिया। 

गलता ठिकाना किसी की जागीर नहीं —राजस्थान हाईकोर्ट

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गलता ठिकाना किसी की जागीर नहीं —राजस्थान हाईकोर्ट छोटा अखबार। राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को गलता पीठ और उसकी संपत्तियों को लेकर वर्षें से चल रहे गतिरोध पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया। काेर्ट ने सरकार को कहा कि गलता पीठ की मूर्ति और मंदिर की देखरेख के लिए महंत पद पर नियुक्ति करें। वहीं गलता पीठ के महंत पद पर अवधेशाचार्य की नियुक्ति को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने गलता की संपत्ति पर मूर्ति का अधिकार मानते हुए ये फैंसला सुनाया है। और सरकार को इसका संरक्षक बताया। दूसरी और सरकार को कहा कि महाकाल मंदिर और अयोध्या के रामजन्मभूमि मंदिर की तर्ज पर गलता तीर्थस्थल का विकास किया जाए। ये आदेश न्यायाधीश समीर जैन ने स्वर्गीय रामोदराचार्य की पत्नी गायत्री देवी, पुत्र अवधेशाचार्य और सुरेश मिश्रा सहित 7 अन्य याचिकाओं को खारिज करते हुए यह आदेश दिया। मामले में कोर्ट ने 22 फरवरी को ही सुनवाई पूरी कर ली थी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि गलता पीठ की सम्पत्ति का संरक्षण और देखरेख के लिए सरकार जिम्मेदार है। महंत रामोदराचार्य के अधिकार सीमित थे। कोर्ट ने यह भी कहा कि गलता ठिकाना किसी की जागीर और निजी सम्पत्ति नहीं है।

Chief Minister's visit to Deeg-Bharatpur -मुख्यमंत्री ने गुरु पूर्णिमा पर गुरु पूजन कर, मांगी प्रदेश की खुशहाली

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  मुख्यमंत्री ने गुरु पूर्णिमा पर गुरु पूजन कर, मांगी प्रदेश की खुशहाली   छोटा अखबार।    मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रविवार को डीग के पूंछरी का लौठा में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर श्रीनाथ जी मंदिर में पंचामृत से अभिषेक किया एवं पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए कामना की। उन्होंने मंदिर परिसर में संत-महात्माओं का गुरु पूजन कर आशीर्वाद भी लिया। श्री शर्मा ने पूंछरी का लौठा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चलाए जा रहे ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत वृक्षारोपण किया और वहां मौजूद आमजन से अधिक से अधिक पेड़ लगाने की अपील भी की। वहीं मुख्यमंत्री ने भरतपुर के सेवर में लुधावई स्थित बड़ा हनुमान मंदिर में दर्शन किए एवं सपरिवार महंत श्री रामदास जी महाराज का सत्कार कर आशीर्वाद लिया।

religious death:— 5 साल के लला की धार्मिक मौत

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 religious death:— 5 साल के लला की धार्मिक मौत छोटा अखबार। हरिद्वार में धार्मिक आस्था की परिकाष्ठा देखने को मिली। संचार माध्यमों के अनुसार एक महिला ने अपने ही 5 साल के बच्चे को बार-बार गंगा में डुबकी लगवाकर मार डाला। जानकारी के अनुसार 5 साल के लला को ब्लड कैंसर था, वहीं परिवार वालों का मानना था कि हरिद्वार में गंगा के प्रति आस्थानुसार डुबकी लगाने से उनका लला ठीक हो जाएगा। हर की पौड़ी पर मौजूद लोगों के अनुसार परिजनों के द्वारा लगातार बच्चे को डुबकी लगवाई जा रही थी और मंत्रों का जाप किया जा रहा था, जिसके बाद बच्चे की मौत हो गई। बताया यह भी जा रहा है कि घटना स्थल पर मौजूद लोगों ने बच्चे की चीखें सुनकर परिजनों को रोकने की भी कोशिश भी की लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी और 5 साल के लला की मौत हो गई।      

Jashodaben Modi demanding justice

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  Jashodaben Modi demanding justice Chhota akhbar.

AYODHYA, THE WHOLE WORLD IS MESMERIZED

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AYODHYA, THE WHOLE WORLD IS MESMERIZED Consecration of life in the shield of faith Ayodhya soil will be available in Prasad   CHHOTA AKHBAR. Certainly, ages have not seen such a sea of ​​flood of faith which is being seen now. In every corner of the country, there is only one name Shri Ram on every tongue. The same name Shri Ram is at the doorstep of criticism. Those who are unable to go physically are in Ayodhya with their mind. From every village, city and state of the country and after that also from abroad. Certainly, the place and heights that PM Modi has given to Ayodhya on the world horizon through Shri Ram Pran Pratishtha Mahotsav, neither has anyone been able to give it till now nor will anyone be able to give it in future. The recognition that India has got in the whole world on the basis of one temple is astonishing. Even if this is a political move of Modi ji for the Lok Sabha elections, it cannot be denied that on the pretext of Shri Ram Temple, Modi has entered

MODI STEPPED BACK A BIT

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MODI STEPPED BACK A BIT Modi will be the main host on 22nd Only Modi will do the bhog and aarti.   CHHOTA AKHBAR. Now after just four days, the completion of Lord Shri Ram Pran Pratishtha Mahotsav will take place in Ayodhya. It has been three days since the process of the ceremony started amidst many controversies. In view of the controversy arising across the country regarding the Pradhan Puja by PM Modi at the Lord Shri Ram Pran Pratishtha Mahotsav in Ayodhya and the increasing anger among the saints, he took some steps back. Now he will not perform the main puja but he will be the host of all the functions on 22 January. All the previous work is being done by Dr. Anil Mishra. The PM took two steps back because, firstly, he cannot sit with his wife, because there was strong opposition among the eminent scholars, saints, politicians and common people of the country against his sitting alone, which could have harmed him in the future, as a result, he took this decision. Chang

RIFT BETWEEN SAINT GOVERNMENT

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RIFT BETWEEN SAINT GOVERNMENT Shankaracharya of four backs will not go Saint angry, dispute after dispute   CHHOTA AKHBAR. Controversy is increasing in the Sant Samaj against the government's interference in the Pran Pratistha Mahotsav of Lord Shri Ram in Ayodhya. Shankaracharyas of four Peethas have refused to go there. Along with him, his followers also. Here, Champat Rai, General Secretary of Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust, added fuel to the fire of the controversy by saying that the temple does not belong to Shaiva Shaktas and Sannyasis. He belongs to Ramanand sect. On this, Allahabad scholar Shashikant on the contrary targeted Champat Rai that if the temple belongs to Ramanand sect then what is the Sangh doing here. Champat Rai, do not work to divide Sanatan Dharma. Here Champat Rai is forgetting that saints are the beauty of every temple. Without them, the temple does not seem like a temple at all. What Champat Rai said is his pettiness because these Shan

AYODHYA IS JUST AN EXCUSE, IT IS TO MAKE THECOUNTRY LANKAN

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AYODHYA IS JUST AN EXCUSE, IT IS TO MAKE THECOUNTRY LANKAN   CHHOTA AKHBAR. His claim in Ayodhya and in the entire country regarding it is that it will be easier to understand if we start understanding both the form and the essence of what is being done from the very beginning among the Indians all over the world. Therefore, the beginning of understanding what is happening in the name of the sanctity of the newly constructed Ram temple should be started from the biggest wound after the Gandhi assassination that was inflicted on independent India with the demolition of Babri Masjid on 6 December 1992. After this incident, the then biggest BJP leader Atal Bihari Vajpayee had said in a special conversation with NDTV that – “What happened in Ayodhya on 6th December was very unfortunate. This should not have happened. We tried to save it but we did not succeed. We apologize for that. A section of the Kar Sevaks had gone out of control and then they did something which should not have

PREPARATION BEGIN FOR MAHAKUMBH MELA 2025, Rs 794 WILL BE SPENT ON THE FAIR

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PREPARATION BEGIN FOR MAHAKUMBH MELA 2025, Rs 794 WILL BE SPENT ON THE FAIR   CHHOTA AKHBAR. Preparations for the world's largest Maha Kumbh Mela 2025 have started. UP government will spend Rs 794 crore to make this fair special. This amount will be spent on special works like roads, drains, electricity, overbridges, religious places, artefacts. According to Durga Shankar Mishra, Chairman of the Apex Committee of Prayagraj Mahakumbh Mela 2025, all the constructions being done under Mahakumbh will be of permanent nature. He believes that the above work will be beneficial for the public in future also. Approval of Rs 794 crore has been received in the form of 61 projects. This project is of Public Works Department of UP Government, UP Jal Nigam, Ganga Pollution Control Unit, Municipal Corporation Prayagraj, PDA, Tourism Department and Prayagraj Fair Authority. It is believed that this time Mahakumbh Mela 2025 will be celebrated in a divine and grand manner. It is also believed

IT AGAINST DECORUM FOR PM MODI TO TOUCH THAT STATUE -SHANKARACHARYA

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  IT AGAINST DECORUM FOR PM MODI TO TOUCH THAT STATUE -SHANKARACHARYA   CHHOTA AKHBAR. Puri's Shankaracharya Swami Nischalanand Saraswati recently announced that he will not participate in the Pran-Pratishtha Mahotsav of Ram Lalla. He has expressed strong objection that Modi should touch the idol of Lord Shri Ram there and I should stand there and clap, this cannot happen. This is against decorum. Yesterday in Ratlam, Swami Nischalanand Saraswati said that PM Modi touching that idol is against decorum. Therefore, they cannot witness such violation of decorum. I received an invitation that I could attend the event with only one person. The kind of politics that is happening in Ram temple should not happen. Let us tell you that Swami Nischalanand is a saint of Puri who has followers both in the country and abroad. He is the only saint in the world from whom even the United Nations and the World Bank have taken advice. On 18 April 1974, at the age of 31, he attained the Sannyasa

TRUTH AND LIE HAVE LOST THEIR MEANING IN AYODHYA

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  TRUTH AND LIE HAVE LOST THEIR MEANING IN AYODHYA   CHHOTA AKHBAR. It is said that Ram was born in Ayodhya, played there, grew up, was sent into exile, and when he returned, he ruled there. A temple was built to remember every moment of his life. Wherever Khel, there is Gulela Temple. There is Vashishtha temple where I studied. Wherever he sat and ruled, there is a temple. Sita Rasoi is where we ate food. Wherever Bharat lived, there was a temple. There is Hanuman temple, Kop Bhavan. There is Sumitra temple, Dashrath Bhavan. There are twenty such temples, and the age of all of them is 400-500 years. That is, these temples were built when India was ruled by Mughals or Muslims. Isn't it strange! How could Muslims have allowed this temple to be built? He is remembered for demolishing the temple. During his tenure an entire city was converted into temples and he did nothing! How greedy were those who were giving land for temples! Perhaps those people would be liars who say that

गणेश मंदिरों में गणेश चतुर्थी का जश्न मनाया गया

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 गणेश मंदिरों में गणेश चतुर्थी का जश्न मनाया गया छोटा अखबार। जयपुर के मोती डूंगरी गणेश मंदिर, नहर के गणेश जी, गढ़ गणेश समेत कई मंदिरों में गणेश चतुर्थी का जश्न मनाया गया। मोती डूंगरी गणेश मंदिर में सुबह 4 बजे मंगला आरती से शुरुआत हुई। भगवान का दूध पंचामृत से अभिषेक किया गया। इसके बाद दिन में अलग-अलग समय पर विशेष पूजा की गईं। मोती डूंगरी के दर्शन करने दूर-दराज के इलाकों से भक्त पहुंचे। इसमें पदयात्री नंगे पैर भगवान के दर्शन के लिए समूह में पहुंचे। गणेश चतुर्थी के मौके पर मोती डूंगरी में भगवान गणेश को सोने का मुकुट धारण करवाया। साथ ही चांदी के सिंहासन पर विराजमान किया गया। मोती डूंगरी में दर्शन के लिए पुरूष, महिला और परिवार के लिए अलग अलग व्यवस्था की गई। यह व्यवस्था एमडी रोड़, जेएलएन. मार्ग और रिजर्व बैंक तख्तेशाही मार्ग पर की गई। निशक्तजन के लिए विशेष रिक्शे भी लगाए गए। वहीं मोती डूंगरी मंदिर में भीड़ को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई। सुरक्षा और यातायात व्यवस्था के लिए पुलिस का अतिरिक्त जाब्ता तैनात किया गया। मोती डूंगरी गणेश मंदिर के चारों ओर बैरिकेडिंग की गई। इससे