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Showing posts from July 12, 2020

राजनीतिक गलियारों में बकवासों की बरसात

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राजनीतिक गलियारों में बकवासों की बरसात अनिल त्रिवेदी छोटा अखबार। प्रदेश में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिये मंत्रिमंडल का विस्तार जी का जंजाल बन गया है। पहले मंत्रिमंडल विस्तार में देरी हुई और उसके बाद अब फिर से कई राजनीतिक कयास लगाए जा रहे है।  इसकी वजह सचिन पायलेट बताए जा रहे हैं जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वो अपने करीबियों को मलाईदार विभाग दिलवाना चाहते हैं। प्रदेश में अफवाओं का बाजार गर्म है। कई समाचार चेनल अपनी टीआरपी बढ़ानें के चक्कर में जनता गुमराह कर रहे है, वहीं राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा हो गई है। मंत्रिमंडल को लेकर खींचतान ऐसी है कि अपने खेमें के लोगों को मंत्री बनाने और शपथ दिलाने में उतावले हो रहे है। मसले का हल निकालने के लिये दिल्ली तक दौड़ लगा रहे है। रातों की नींद हराम हो रही है। वहां कुछ दिन और घंटो का प्रवास कर वापस जयपुर की ओर लौट रहे है, मगर हल निकलता नजर नहीं आ रहा है। लगातार यही कहा जा रहा है कि मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द हो जाएगा।  शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर बैठकों का दौर चला और बकवासों की बरसात हुई और अभी भी जारी है। लेकिन अब तक भी फैसला नही हो पाया

देश में पहला मजदूरी संहिता सितंबर तक

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देश में पहला मजदूरी संहिता सितंबर तक छोटा अखबार। अगस्त 2019 में संसद ने प्रत्येक कर्मचारी के लिए न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करने और कामगारों के भुगतान में देरी जैसे मामलों के समाधान की संहिता को मंजूरी दे दी थी। समाचार सूत्रों के अनुसार श्रम सुधारों से जुड़ा पहला कानून ‘मजदूरी संहिता’ सितंबर तक लागू होने की उम्मीद जताई जा रही है। मंत्रालय ने सभी पक्षों की राय लेने के लिए इसे सार्वजनिक किया है श्रम मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार संहिता पर नियमों के सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिये सात जुलाई से 45 दिनों का समय दिया है। मंत्रालय ने सात जुलाई को ही उसे राजपत्र में अधिसूचित किया है। प्रतिक्रिया पर विचार करने के बाद इसे सितंबर से क्रियान्वित करने कयास लगाये जा रहे है। वहीं श्रम मंत्री संतोष गंगवार का कहना है कि इससे देश में करीब 50 करोड़ कामगारों का हित होगा। बता दें कि मजदूरी संहिता विधेयक, 2019 में मजदूरी, बोनस और उससे संबंधित मसलों  से जुड़े कानून को संशोधित और एकीकृत किया गया है। राज्यसभा ने इसे दो अगस्त 2019 और लोकसभा ने 30 जुलाई, 2019 को पारित कर दिया था। इस संहिता में चार श्रम कानून को समाय

“हम दो-हमारे दो” का नारा इंदिरा गांधी ने भी दिया था, मंत्री जी

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“हम दो-हमारे दो” का नारा इंदिरा गांधी ने भी दिया था, मंत्री जी   छोटा अखबार। विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर आयोजित वर्चुअल राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित करते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश की जनसंख्या पर नियंत्रण के लिए हमें “हम दो-हमारा एक” नारे को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या के चलते संसाधनों के अभाव में विकास अधूरा रह जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की टीएफआर (टोटल फर्टिलिटी रेट) 2.5 है और इसे कम कर 2.1 पर लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।  लेकिन मंत्री जी शायद ये भूल रहे है कि दशकों पहले पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने भी इसी तरह का एक नरा दिया था “हम दो-हमारे दो” जिसका प​रिणाम समूचा देश जनता है। यदि राज्य सरकार इस नारे को लेकर गांव-गांव और ढ़ाणी-ढ़ाणी तक जायेगी तो आने वाले समय में सरकार को गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं सयाने लोगों का कहना है कि सरकार को इस तरह के नारे देने के बजाय संसाधनों के विस्तार और विकास के नये आयामों पर जोर देना चाहिए जैसे कि ‘निरोगी राजस्थान‘। टोटल फर्टिलिटी रेट को कम करने की जगह म