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Showing posts from April 17, 2020

20 अप्रैल से कार में सिर्फ दो लोगों को बैठने की इजाजत होगीं —गृह मंत्रालय

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20 अप्रैल से कार में सिर्फ दो लोगों को बैठने की इजाजत होगीं —गृह मंत्रालय छोटा अखबार। देश में केन्द्र सरकार ने लॉकडाउन 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया है। वहीं दुसारी ओर उसने 20 अप्रैल से नियमों में कुछ छूट देने का एलान भी किया है।गृह मंत्रालय की के अनुसार सिर्फ इंसान और पशुओं के इलाज के लिए निजी गाड़ियों को छूट मिलेगी। इसके अलावा जरूरी चीजों को खरीदने के लिए भी आप गाड़ी का उपयोग कर सकते हैं। वहीं कार में सिर्फ दो लोगों को बैठने की इजाजत होगीं। एक व्यक्ति आगे और दूसरा पीछे की सीट पर बैठ सकता है। स्कूटर और मोटरसाइकिल का उपयोग जरूरी चीजें खरीदने के लिए किया जा सकता है। शर्त यह है कि सिर्फ एक व्यक्ति को बैठने की इजाजत होगी। मतलब यह है कि पीछे की सीट पर किसी के बैठने की अनुमती नहीं होगी। टैक्सी, ऑटो रिक्शा और कैब सेवाओं को 3 मई तक अपनी सेवाएं बंद रखनी होगी। अगर आपकी कार खराब है तो 20 अप्रैल के बाद आप उसकी मरम्मत करा सकते हैं। गृह मंत्रालय ने नई एडवायजरी में मरम्मत के कार्यें की अनुमती दी गई है।

सरकार की समझदारी से, ऐसा न हो कि जरूरतमंदों को ही राशन न मिल पाए

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सरकार की समझदारी से, ऐसा न हो कि जरूरतमंदों को ही राशन न मिल पाए छोटा अखबार। देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संकम्रण को देखते हुए विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों ने चिंता व्यक्त की है। इनका मानना है कि अगर सही तरीके से देश के लोगों को भोजन नहीं मुहैया कराया जाता है और दिहाड़ी मजदूरों की बढ़ती समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता है, तो देश में गरीबी बढ़ने और भुखमरी का खतरा बढ़ सकता है। समाचार सूत्रों के अनुसार ख्यातनाम अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन, पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन और नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी ने कहा कि ये बात ठीक है कि सरकार को समझदारी से पैसे खर्च करना चाहिए लेकिन ऐसा न हो कि इस चक्कर में जरूरतमंदों को ही राशन न मिल पाए। सेन, राजन और बनर्जी के अखबारों में छपे लेख में लिखा है कि हम भारतीय किसी बड़े स्तर के ट्रांसफर को लेकर चिंतित रहते हैं कि कहीं पैसा गलत हाथों में न चला जाए या कोई बिचौलिया इससे धनी न हो जाए। लेकिन इस महामारी और वैश्विक आर्थिक संकट में ये हमारी गलत चिंताएं हैं। कहा कि ये स्पष्ट हो गया है कि अभी लॉकडाउन लंबे समय तक चलेगा। ऐसे में

असम चीन से सीधे पीपीई किट मंगवाने वाला देश का पहला राज्य

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असम चीन से सीधे पीपीई किट मंगवाने वाला देश का पहला राज्य छोटा अखबार। देश में कोविड 19 महामारी को लेकर जारी लॉकडाउन में एक तरफ देश के कई राज्यों में पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट) किट की कमी के कारण वहां की सरकारों से सवाल पूछे जा रहे हैं, तो वहीं दुसारी ओर असम चीन से सीधे पीपीई किट मंगवाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। शाम साढ़े आठ बजे असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ब्लूडार्ट विमान की तस्वीर के साथ ट्वीट करते हुए बताया कि खुश होने का एक और बड़ा कारण। जीवन को प्रथम मकसद के रूप में रखते हुए, हम गुआंगज़ो चीन से 50 हजार पीपीई किट मंगवाने के लिए खुश हैं। मैं पीयूष हजारिका स्वास्थ्य राज्य मंत्री के साथ गुवाहाटी हवाई अड्डे पर अभी-अभी इस विशेष विमान को रिसीव करते हुए खुश हूं।  स्वास्थ्य मंत्री सरमा का कहना है कि भारत सरकार के साथ-साथ दुनिया भर के कई देश चीन से पीपीई किट खरीद रहे हैं और असम चीन से सीधे किट आयात करने वाला देश का पहला राज्य हैं। इस बीच चीन ने कोरोनो वायरस के जांच के लिए गुरुवार को 6 लाख 50 हजार टेस्टिंग किट भारत को भेजे हैं। एक जानकारी के अनुसार इस खेप मे

आरबीआई ने ​कि 50,000 करोड़ की आर्थिक पैकेज की घोषणा 

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आरबीआई ने ​कि 50,000 करोड़ की आर्थिक पैकेज की घोषणा  छोटा अखबार। कोरोना महामारी के कारण देश उन्पन्न अर्थव्यस्था में सुस्ती को दूर करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने बड़े आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज सुबह 50,000 करोड़ रुपए निवेश की घोषणा की। गवर्नर के अनुसार आरबीआई राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) को 25,000 करोड़ रुपए, स्मॉल इंडस्ट्रीज़ डेवेलपमेंट बैंक (सिडबी) को 15,000 करोड़ रुपए और नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) को 10,000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। दास के कहना है कि कोरोना महामारी से पूरी दुनिया एक बड़ी आर्थिक मंद की तरफ़ बढ़ रही है लेकिन भारत के हालात उतने ख़राब नहीं हैं।कोरोना के कारण 9.9 ट्रिलियन डॉलर के नुक़सान होने की आशंका जताई जा रही है, जो कि जापान और जर्मनी के संयुक्त जीडीपी से भी ज़्यादा है। कोरोना से व्याप्त मंदी 1929 के ग्रेट डिप्रेशन से भी ज़्यादा बड़ी आर्थिक मंदी होगी। भारत में भी मार्च से हालात ख़राब हुए लेकिन इसके बाद भी भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ रही है। जब दुनिया में मंदी है तब भारतीय अर्थव्यवस्था के 1.9 फ़ीसदी की दर से बढ़ने