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Showing posts from February 18, 2020

आयुर्वेद विश्वविद्यालय विधेयक 2020 ध्वनिमत से पारित

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आयुर्वेद विश्वविद्यालय विधेयक 2020 ध्वनिमत से पारित छोटा अखबार। राज्य विधानसभा ने सोमवार को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर (संशोधन) विधेयक, 2020  ध्वनिमत से पारित कर दिया।चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ.रघु शर्मा ने सदन में विधेयक प्रस्तुत किया। उन्होंने विधेयक को सदन में लाने के कारणों एवं उद्देश्यों को रेखांकित कर कहा कि यह विधेयक विश्वविद्यालय में पारदर्शिता, जवाबदेही एवं नियमों का पालन करने के लिए लाया गया है। यह विधेयक कुलाधिपति के 14 अगस्त एवं 16 अक्टूबर, 2018 को कुलपति को हटाने संबंधी नियम बनाने के निर्देश की पालना करने, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमों-निर्देशों की पालना करने एवं प्रक्रियाधीन जांच के दौरान गबन एवं अनियमितताओं को रोकने के लिए लाया गया है।  रघु शर्मा ने बताया कि वर्तमान सरकार ने पिछले एक साल में किसी भी कुलपति को नहीं हटाया है जबकि गत सरकार ने बृज विश्वविद्यालय भरतपुर एवं मत्स्य विश्वविद्यालय अलवर के कुलपति को मजबूर कर हटाया था। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद, होम्योपेथी एवं यूनानी चिकित्सा दवा के लिए 33 करोड़ 75 लाख रुपए का बजट प

शिक्षा और संपन्नता अहंकार पैदा कर रहा है — मोहन भागवत

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शिक्षा और संपन्नता अहंकार पैदा कर रहा है — मोहन भागवत छोटा अखबार। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यक्रम संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत में हिंदू समाज का कोई विकल्प नहीं है और हिंदू समाज के पास एक परिवार की तरह व्यवहार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। आजकल तलाक के अधिक मामले शिक्षित और संपन्न परिवारों में सामने आ रहे हैं क्योंकि शिक्षा और संपन्नता अहंकार पैदा कर रहा है जिसका नतीजा परिवार का टूटना है।  समाचार सूत्रों के अनुसार आरएसएस से जारी बयान में कहा गया कि मौजूदा समय में तलाक के मामले बहुत बढ़ गए हैं। लोग निरर्थक मुद्दों पर लड़ रहे हैं। तलाक के मामले शिक्षित और संपन्न परिवारों में अधिक हैं क्योंकि शिक्षा और संपन्नता से अहंकार आता है जिसका नतीजा परिवारों का टूटना है। इससे समाज भी खंडित होता है क्योंकि समाज भी एक परिवार है। हम उम्मीद करते हैं कि स्वयंसेवक अपने परिवार के सदस्यों को संघ की गतिविधि के बारे में बताएंगे क्योंकि कई बार परिवार की महिला सदस्य को हमसे अधिक कठिन कार्य करना पड़ता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हम जो काम कर रहे हैं वह कर सके। भागवत का कह