कांग्रेस ने सबकुछ खोया सोनिया के कारण
कांग्रेस ने सबकुछ खोया सोनिया के कारण छोटा अखबार। स्व राजीव गांधी एक सीधी सोच और साफ नियत के व्यक्तित्व थे ,अगर आज तक होते तो शायद आज जो काम मोदीजी जी कर रहे है वह राजीव के हाथों कभी का हो चुका होता मगर विधि के विधान को मंजूर नही था । इनके बाद कांग्रेस में हिंदुत्व था जिन्हें हम पी वी नरसिम्हा राव कहते थे उनके समय मे ही ढांचे का विध्वंस हुआ था जोकि उनकी मोन सहमति से ही संभव था जिसका खामियाजा उन्होंने भोगा ओर सत्ता तो कांग्रेस की आई मगर तब तक कांग्रेस में राजमाता ओर युवराज का बोलबाला हो चुका था और भारत ( कांग्रेस ) हिंदुत्व से इसाइकरण करण के मार्ग पर मजबूती से पैर आगे रख चुका था और सत्ता पर चरनपादुकाए रूपी प्रधान मंत्री के रूप में राजमाता स्थापित हो चुकी थी और भरत रूपी मोनी बाबा ने पुजारी होना स्वीकार कर चुके थे जोकि 10 साल तक रहे , इस मध्य हिंदुत्व रूपी एक चेहरा पार्टी में मजबूती से अपनी हाजिरी दर्ज करवा रहा था जोकि प्रणव मुखर्जी थे जिन्हें सत्ता सीधे नही सौपी गई और देश के प्रथम पुरूष के रूप में स्थापित कर दिया । अटल ,आडवाणी ने जिस स्वप्न को देखा था वह एक लंबे समय के अंतराल के