डोटासरा के नेतृत्व में कांग्रेस का खेल खत्म
![Image](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgr-GysMdxfEOknBaWoJjhA5MFGM3IIXFl_v-k4h6mWgwL6-n9dB20otY2yU3hh67si8NXluZJ9djUlX22PDWkEyslapEUhbRdQWx6QQpDIJkzxx-dIeXKjni0owPkiGH6cjQMk3xHUnFcH5Jl1lcNcNDefwRTu6rUlenedK9Ax52pbG3KlFIBtXl_Spw/w560-h640/IMG_20230404_235027.jpg)
डोटासरा के नेतृत्व में कांग्रेस का खेल खत्म —सत्य पारीक छोटा अखबार। गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में प्रदेश कांग्रेस का खेल खत्म हो चुका है । डोटासरा को इनके चेचुओं के इलावा कोई प्रदेशाध्यक्ष ही नहीं मानता है । इसी कारण जब इनके निर्देश पर इनके चेन्चुए पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश जारी करतें हैं तो मज़ाक उड़ाया जाता है ये कहकर कि " नाथी के बाड़े से आमन्त्रण आया है " ऐसी छवि वाले प्रदेशाध्यक्ष की लीडरशिप में विधानसभा चुनाव तो क्या पंचायत चुनाव भी नहीं जीत सकते हैं । इसीलिए तो सर्वेसर्वा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बने हुए हैं । गहलोत को अपनी पार्टी की जीत का भरोसा इस कारण है कि उनकी प्रतिद्वंद्वी भाजपा का तो वैसे ही जनाजा उठा हुआ है दूसरा कारण ये है कि मुफ्त की रेवड़ियां से लेकर जिलों की जो सौगात उन्होंने दी है उससे वे मदमस्त हैं । कंगाली बदहाली की स्थिति से गुजरती हुई कार्यकर्ता विहीन कांग्रेस के सत्ता में रहते हुए भी बुरे दिन चल रहें हैं । इसलिए एक हजार दिन अपने प्रदेशाध्यक्ष कार्यकाल के पूरे करने के बाद भी मुख्यमंत्री की चरणवंदना के इलावा गोविंद डोटासरा की कोई