INDIA MODI: क्या मोदी जी से पहले भारत मृत था, क्या ये उपलब्धियां भूतों की देन हैं
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क्या मोदी जी से पहले भारत मृत था, क्या ये उपलब्धियां भूतों की देन हैं छोटा अखबार। अभी कुछ दिनों पहले अमित शाह ने जयपुर मे कहा कि भले ही देश 1947 में आजाद हुआ लेकिन इसमें प्राण अब मोदी जी ने फूंके हैं। कभी-कभी ये राजनेता भी कितनी बेतुकी बातें कर जाते हैं। सन् 1947 से अब तक क्या भारत एक शव था ॽ या मोदी जी में भारत के ऋषि-मुनियों की तरह इतनी तप ताकत थी कि वे किसी भी मृत को जीवित कर सकते थे। इसे कहते हैं बहकना और देश का दुर्भाग्य कि एक-आध को छोड़ कर मौजूदा अखबार भी हूबहू वही छाप देते हैं जो ये नेता लोग किसी भी मंच से कह देते हैं। राजस्थान में एकमात्र राष्ट्रदूत समाचार-पत्र है जो किसी नेता की ख़बर को हूबहू नहीं छापता बाकी अमूमन सब लकीर के फकीर बने हुए हैं। एक जमाना था जब नेता कुछ भी कहता अखबार उसके कहे को तुलनात्मक विवरण देकर प्रकाशित करते थे लेकिन अब कोई अखबार इतनी जहमत नहीं करता। क्योंकि अब लगभग सभी समाचार-पत्र सत्ता के सिर्फ पेम्पलेट हो गए हैं। अमित शाह ने जो कहा वह किसी ने लीड खबर बना कर छाप दिया तो किसी ने बेनर खबर छापी। बस हो गई पत्रकारिता। क्या भारत परमाणु हथियार सम्पन्न राष्ट्र भूत-