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Showing posts from June 23, 2020

कोरोना जागरूकता अभियान में सरकारी धन का दुरुपयोग —जनहित याचिका दायर

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कोरोना जागरूकता अभियान में सरकारी धन का दुरुपयोग —जनहित याचिका दायर छोटा अखबार। कोरोना जागरूकता अभियान के नाम पर राज्य सरकार द्वारा की जा रही धन की बर्बादी के सम्बंध में पत्रकार महेश झालानी की ओर से राजस्थान उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई है। इस जनहित याचिका में मुख्य सचिव के अलावा भारत सरकार, राजस्थान के अतिरिक्त  मुख्य सचिव वित्त एवं स्वास्थ्य, जन सम्पर्क विभाग के प्रमुख शासन सचिव और आयुक्त को पक्षकार बनाया गया है।  याचिका में कहा गया है कि एक तरफ राज्य सरकार ने कोविड—19 के नाम पर कर्मचारियों के वेतन और भत्तो में कटौती की है, जनता के समक्ष गिड़गिड़ाकर मुख्यमंत्री सहायता कोष में राशि जमा करने की अपील की थी । दूसरी ओर सरकार अपनी झूठी वाहवाही के लिए अखबार आदि में पूरे पेज के विज्ञापन देकर सरकारी धन का दुरुपयोग कर रही है। याचिका में उल्लेख किया गया है कि राज्य की वित्तीय स्थिति खराब होने की वजह से सरकारी खजाना खाली है। लिहाजा कई विभागों के कर्मचारियों को वेतन देने में राज्य सरकार असहाय है। ऐसे में जागरूकता अभियान के नाम पर विज्ञापन जारी करना सरासर धन की बर्बादी के अलावा कुछ नही

लुटाया जाएगा सरकारी खजाना, सरकार अब बताएगी सीता कौन थी?

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लुटाया जाएगा सरकारी खजाना, सरकार अब बताएगी सीता कौन थी? महेश झालानी  वरिष्ठ पत्रकार  छोटा अखबार। बाई गॉड ! आज ही पता लगा कि कोरोना है प्रदेश की जनता को दूरदर्शी और बुद्धिमान मुख्यमंत्री माननीय श्री अशोक गहलोत का आभार व्यक्त करना चाहिए जिन्होंने आज पूरे पेज के विज्ञापन के जारी कर लोगों को पहली बार बताया है कि प्रदेश कोरोना से पीड़ित है। प्रदेश की जनता को तत्काल प्रभाव से जागरूक करने के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी को पद्म विभूषण से सम्मानित करना चाहिए। राज्य सरकार द्वारा अपनी पब्लिसिटी के नाम पर खजाने को खाली किया जा रहा है । उपलब्धि के नाम पर रोज पेट्रोल-डीजल के दामो में इजाफा और बिजली की दरों में भारी वृद्धि । जनता को राहत देने के लिए राज्य सरकार ने एक भी ऐसा कार्य नही किया गया है जिसे उपलब्धि की सूची में शामिल किया जाए । इसी कड़ी में आज से कोरोना जागरूकता अभियान के नाम पर सरकारी धन को स्वाहा करने का तमाशा प्रारम्भ किया जा रहा है। देश की जनता पेट्रोल-डीजल के रोज बढ़ते भावों से कराह रही है । बिजली के बिल जमा कराने के लिए लोगो के पास पैसे नही है । ऐसे में राहत देने के बजाय केंद्र और प्रदेश की