राइट टू हेल्थ बिल के ड्राफ्ट का डॉक्टरों ने किया विरोध
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राइट टू हेल्थ बिल के ड्राफ्ट का डॉक्टरों ने किया विरोध छोटा अखबार। राज्य सरकार द्वारा लाया जा रहा राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में डॉक्टरों ने प्रस्तावित ड्राफ्ट की प्रतियां जलाई। ये सभी डॉक्टर राइट टू हेल्थ बिल में संशोधन की मांग कर रहे हैं। इन डॉक्टरों ने विसंगतियों की जानकारी देते हुए बताया कि जनता से मांगे गए सुझावों को इस बिल में शामिल नहीं किया गया। बिल के मौजूदा ड्राफ्ट में इमरजेंसी की परिभाषा को परिभाषित नहीं किया गया है। एक्सीडेंट के मामले में घायलों को पहुंचाने वालों को तो 5000 रुपए का इनाम है, लेकिन इलाज करने वाले डॉक्टरों को कुछ नहीं है। इस बिल में पंच, सरपंच, जिला परिषद सदस्यों को शामिल कर एक काला कानून बना दिया है। पहले ही प्राइवेट अस्पतालों पर 50 से अधिक लाइसेंस का भार है। इनका उल्लंघन होने पर अस्पताल सीज कर दिए जाते हैं। अस्पतालों में तमाम सरकारी सुविधाओं पर कॉमर्शियल रेट वसूली जाती है। विज्ञापन राइट टू हेल्थ बिल के ड्राफ्ट में जिला स्तरीय, राज्य स्तरीय कमेटियों में पंच, सरपंच, जिला परिषद सदस्यों व अधिकारियों को शामिल किया गया है। इन कमेटियों को निजी अस्पतालों का निरी