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Showing posts from January 21, 2020

मुख्यमंत्री ने किसान हित में केन्द्र को लिखा खत

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मुख्यमंत्री ने किसान हित में केन्द्र को लिखा खत छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के ग्वार उत्पादक किसानों के हित में केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने गोयल से राज्य में ग्वार गम के निर्यात में आ रही बाधाओं को दूर करने का अनुरोध करते हुए ग्वार गम के अनुसंधान, जांच एवं प्रमाणीकरण के लिए राज्य में राष्ट्रीय स्तर की संस्था का केन्द्र खोलने का अनुरोध किया है। गहलोत ने बताया कि राजस्थान ग्वार गम का प्रमुख उत्पादक राज्य है। वर्तमान में औद्योगिक क्षेत्र में ग्वार गम के नए विकल्पों के कारण इसकी अन्तरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें तेजी से गिरी हैं। इससे राज्य के ग्वार उत्पादक किसानों की आय घट रही है। उनका रूझान इस फसल के प्रति कम हो रहा है। इसे देखते हुए ग्वार उत्पादक किसानों की आय में बढ़ोतरी तथा ग्वार गम के अन्य उपयोगों के बारे में पर्याप्त शोध एवं अनुसंधान की आवश्यकता है। उन्होंने गोयल से अनुरोध किया कि ग्वार गम के अनुसंधान एवं विकास के लिए केन्द्र सरकार योजना बनाए। राज्य सरकार ने इस उद्देश्य से जोधपुर में भूमि भी आवंटित कर दी है। ग्वार ग

शाकाहारी मासाहारी जानकारी के बिना बेच रहे चॉकलेट

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शाकाहारी मासाहारी जानकारी के बिना बेच रहे चॉकलेट छोटा अखबार। विधिक माप विज्ञान टीम ने सोमवार को जयपुर शहर के दो प्रतिष्ठानों गणगौरी बाजार वराह की गली में स्थित गोवा काजू वाले एवं जवाहर नगर बर्मीज कॉलोनी में मितुल इम्पेक्स के यहां जांच कर विधिक माप विज्ञान अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की गई।  विधिक माप विज्ञान टीम ने गणगौरी बाजार में जांच के दौरान पाया कि दुकानदार द्वारा सूखे मेवों को पैक करने का पैकेजिंग किये जाने पंजीकरण प्रमाण पत्र एवं वेइंग मशीन का सत्यापन प्रमाण पत्र भी प्रदर्शित नहीं कर रखा था। जिस पर टीम द्वारा विधिक माप विज्ञान अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई। टीम को जांच के दौरान गोवा काजू वाले के मौके पर 250 ग्राम के मुल्तानी मिट्टी के पैकेट मिले थे। जिनमें से 50 पैकेटों को रैण्डम आधार से चैक किया गया। जिनमें से 14 पैकेटों में से निर्धारित वजन से कम मात्रा में वजन पाया गया। जिस पर टीम द्वारा व्यवसायी को सभी कम पाये जाने वाले पैकेटों को दोबारा पैक किये जाने के लिये पाबंद किया गया।  जवाहर नगर स्थित बर्मीज कॉलोनी में मितुल इम्पैक्स के विरू़द्ध विदेशी चॉकलेट को बिना एम.आ

उत्तराखंड के प्लेटफार्म अब संस्कृत में

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उत्तराखंड के प्लेटफार्म अब संस्कृत में छोटा अखबार। उतराखंड राज्य की आधिकारिक भाषा संस्कृत के महत्व को देखते हुए और रेलवे में प्रवधानुसार उत्तराखंड में रेलवे प्लेटफार्मों पर लगे साइन बोर्डों में अब उर्दू भाषा में लिखे स्टेशनों के नाम बदल कर संस्कृत में लिखाये जाएगे। आम जन को प्लेटफॉर्म पर हिंदी और अंग्रेजी के साथ अब देव भाषा संस्कृत में स्टेशनों का नाम लिखा नजर आएगा। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार के अनुसार नाम बदलने का कदम रेलवे नियमावली के अनुरूप उठाया जा रहा है। जिसमें कहा गया है कि प्लेटफॉर्म के साइन बोर्ड में रेलवे स्टेशनों का नाम हिंदी और अंग्रेजी के बाद संबंधित राज्य की दूसरी आधिकारिक भाषा में लिखा होना चाहिए।उन्होंने बताया कि अब पूरे उत्तराखंड में रेलवे स्टेशनों के साइन बोर्ड में नाम हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू के जगह अब हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में लिखे जाएंगे। ये नाम अभी भी उर्दू में इसलिए हैं क्योंकि इसमें से अधिकतर नाम तब के हैं, जब उत्तराखंड उत्तर प्रदेश का ही एक हिस्सा हुआ करता था। उत्तर प्रदेश की दूसरी आधिकारिक भाषा उर्दू है। जनसंपर्क अधिकारी ने यह भी कहा