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Showing posts from July 22, 2022

जयपुर डिस्कॉम में शिकायतों का होगा समयबद्ध निवारण

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 जयपुर डिस्कॉम में शिकायतों का होगा समयबद्ध निवारण छोटा अखबार। जयपुर डिस्कॉम द्वारा विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली से संबंधित शिकायतों के समयबद्ध निवारण हेतु प्रभावी व्यवस्था की हुई है इसके तहत विद्युत आपूर्ति, बिल की राशि में विवाद संबंधित एवं अन्य शिकायतों को दर्ज करवाने व उनकी सुनवाई और निस्तारण की समय सीमा निर्धारित की हुई है। इसके लिए विभिन्न स्तरो पर आन्तरिक शिकायत निवारण प्रकोष्ठ (आई.जी.आर. प्रकोष्ठ) स्थापित है। जयपुर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक अजीत कुमार सक्सेना ने बताया कि उपभोक्ता अपनी शिकायत डिस्कॉम के टोल फ्री नम्बर 18001806507 या ई-मेल helpdesk@jvvnl.org द्वारा दर्ज करा सकते है। इसके साथ ही उपभोक्ता चाहे तो संबंधित सहायक अभियन्ता कार्यालय में शिकायत निवारण हेतु आवेदन कर सकते है। उन्होने बताया की ऑनलाईन अथवा व्यक्तिगत आवेदन के पश्चात भी शिकायत का निवारण न हो तो संबंधित आंतरिक शिकायत निवारण प्रकोष्ठ (आई.जी.आर. प्रकोष्ठ) में प्रकरण तय समय सीमा के अन्दर दर्ज करवाने पर अधिकतम 30 दिनों में निर्णय दिया जाना अपेक्षित है। इसमें विद्युत अधिनियम-2003 की धारा 126 व 135 के अधीन दर्ज मामले श

आरजीएचएस योजना में पूर्व की तरह मिलती रहेगी कैशलेस दवा

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  आरजीएचएस योजना में पूर्व की तरह मिलती रहेगी कैशलेस दवा छोटा अखबार। राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना की परियोजना निदेशक शिप्रा विक्रम ने स्पष्ट किया है कि आरजीएचएस के तहत राजकीय कार्मिकों एवं पेंशनर्स को कैशलेस दवा पूर्व की भांति ही मिलती रहेगी। उन्हें दवा लेने के लिए राजकीय चिकित्सा केंद्रों पर निशुल्क दवा वितरण केंद्रों से एनओसी नहीं लेनी होगी।  निदेशक ने कहा है कि राजकीय कार्मिक एवं पेंशनर्स को एनओसी लेने की बाध्यता की सूचनाएं भ्रामक एवं त्रुटिपूर्ण हैं। आरजीएचएस के तहत प्राइवेट फार्मा स्टोर से कैशलेस दवा प्राप्त किए जाने की व्यवस्था पूर्व की भांति चल रही है। कोई भी कार्मिक या पेंशनर आरजीएचएस के तहत पंजीकृत दवा स्टोर्स से पूर्व की तरह ही दवा प्राप्त कर सकता है।   

सहकारी बैंकों में होगी 500 कार्मिकों की भर्ती

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 सहकारी बैंकों में होगी 500 कार्मिकों की भर्ती  छोटा अखबार। प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता श्रीमती श्रेया गुहा ने कहा कि बैंकों में 500 से अधिक कार्मिकों की भर्ती के लिए शीघ्र ही विज्ञप्ति जारी की जाएगी ताकि बैंकों में कार्मिकों की कमी को पूरा किया जा सके। उन्होंने निर्देश दिए कि कार्मिशयल बैकों की तरह ही सहकारी बैंक अपने आप को अपडेट करे। उन्होंने निर्देश दिए कि नाबार्ड एवं आरबीआई के नियमों की पालना करे। श्रीमती गुहा ने कहा कि एसएलबीसी के पोर्टल पर एसएचजी ऋण वितरण को अपडेट करे साथ ही त्रैमासिक विवरणिया भी उपलब्ध कराना सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि पैक्स कम्प्यूटराईजेशन के लिए ऑडिट आवश्यक है, अतः जुलाई माह तक समस्त पैक्स की ऑडिट सुनिश्चित करे ताकि पैक्स कम्प्यूटराईजेशन के प्रोजेक्ट में इन्हें शामिल किया जा सके। उन्होंने निर्देश दिए कि केसीसी से संबंधित डाटा एन्श्योर पोर्टल पर अपलोड करे। उन्होेंने कहा कि सक्षम बैंक साथ ही एमएसएमई क्षेत्र में ऋण वितरण करे। उन्होंने निर्देश दिए कि बैंकिंग प्रणाली भी नवीन तकनीकों से प्रबंध निदेशकों को अपडेट करने के लिए समूह में टे्रनिग दी जाए। प्रबंध निदेशक अप

प्रदेश में मत्स्यपालकों और पशुपालकों को मिलेगा बिना ब्याज पर के ऋण

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  प्रदेश में मत्स्यपालकों और पशुपालकों को मिलेगा बिना ब्याज के ऋण  छोटा अखबार। प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता श्रीमती श्रेया गुहा ने कहा कि किसानों के साथ-साथ मत्स्यपालकों एवं पशुपालकों को भी शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराए ताकि इनकी जरूरतें पूरी हो सके। उन्होंंने निर्देश दिए कि अधिक से अधिक नए सदस्य किसानों को फसली ऋण से जोड़ा जाए और इस वर्ष 5 लाख नए सदस्य किसानों को शून्य प्रतिशत पर फसली ऋण का लाभ दिलाया जाए। श्रीमती गुहा गुरूवार को अपेक्स बैंक में सभी केन्द्रीय सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशकों की बैठक को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि सभी बैंक यह सुनिश्चित करे कि राजीविका से जुड़े स्वयं सहायता समूहों को आवश्यकता अनुसार ऋण उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 25 करोड़ का ऋण इन समूहों को वितरित किया जाना है। इसके लिए बैंक योजनाबद्ध तरीके से इन समूहों को ऋण सुविधा से जोड़े। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निर्देशों के क्रम में प्रत्येक ग्राम पंचायत पर ग्राम सेवा सहकारी समिति के गठन किया जाना है। अतः ग्राम सेवा सहकारी समितियों अपनी आय के लिए केवल फसली ऋण वितरण तक ही सीमित नही रहे। उन्ह

ब्राह्मण पुजारियों वाले मन्दिरों को ही नहीं मिलेगा अनुदान

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 ब्राह्मण पुजारियों वाले मन्दिरों को ही नहीं मिलेगा अनुदान  छोटा अखबार। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि ब्राह्मण पुजारियों वालें मन्दिरों को ही अनुदान दिये जाने की सूचना भ्रामक एवं निराधान है। इस सम्बन्ध में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से कोई आदेश नही किया गया है। विभाग के निदेशक ने कहा है कि विप्र बोर्ड के माध्यम से विभाग को ऎसी कोई कार्य योजना या अभिशंषा प्राप्त नहीं हुई हैं। जिसमें कहा गया हो कि केवल ऎसे ही मन्दिरों को विप्र बोर्ड से अनुदान मिलेगा, जिस में ब्राह्मण पुजारी होगें।