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Showing posts from January 23, 2020

अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन का काम जल्द हो, मुख्यमंत्री 

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अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन का काम जल्द हो, मुख्यमंत्री  छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सभी विभागों में रिक्त पदों के लिए लम्बित भर्तियों को जल्द से जल्द पूरा करें। उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना और सभी भर्तियों को तय समय में पूरा करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री स्वयं लम्बित भर्तियों की प्रगति की समीक्षा के लिए हर माह बैठक करेंगे। गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर प्रक्रियाधीन भर्तियों की स्थिति पर बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भर्तियों के लिए सम्बन्धित विभाग, कार्मिक विभाग एवं राजस्थान लोक सेवा आयोग तथा कर्मचारी चयन बोर्ड आपस में समन्वय कर जल्द से जल्द चयन और नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करें।   मुख्यमंत्री ने अभ्यर्थियों के दस्तावेजों के सत्यापन का काम जल्दी और समयबद्ध रूप से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से अभ्यर्थियों के दस्तावेज ऑनलाइन माध्यम से सत्यापित करने की संभावनाएं तलाशने को कहा ताकि प्रक्रिया समय पर

अमित शाह की दलील का सच

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अमित शाह की दलील का सच छोटा अखबार। नागरिकता संशोधन अधिनियम से देश भर में जनता के जहन में कई तरह के विचार बन और बिगड़ रहे है। वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह बार-बार इस अधिनियम के पक्ष में तर्क पेश कर रहे हैं। 18 जनवरी 2020 शनिवार को कर्नाटक के हुबली में एक रैली में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में बुद्ध के पुतले को तोप से गोले दाग़ कर फूँक दिया गया। उन्हें (हिंदू-सिख अल्पसंख्यक) वहां (अफ़ग़ानिस्तान-पाकिस्तान) चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं दिया, स्वास्थ्य की सुविधाएं नहीं दी गई, शिक्षा की व्यवस्था उनके लिए नहीं की। जो सारे शरणार्थी थे हिंदू, सिख, जैन बौद्ध ईसाई वो भारत के अंदर शरण लेने आए। बात ये है कि देश के गृह मंत्री नागरिकता संशोधन अधिनियम के बारे में तर्क दे रहे थे कि कैसे अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले सिख, हिंदू शरणार्थी को उनके देश में सताया जा रहा है और उन्हें मौलिक अधिकार नहीं दिए जा रहे।ये नया कानून पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए गैर-मुस्लिम समुदाय को नागरिकता देने की बात करता है।अधि

भारत के समग्र स्कोर में बड़ी गिरावट दर्ज

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भारत के समग्र स्कोर में बड़ी गिरावट दर्ज छोटा अखबार। 22 जनवरी को ब्रिटेन के द इकोनॉमिस्ट ग्रुप की द इंटेलिजेंस यूनिट ने 165 देशों की डेमोक्रेसी इंडेक्स के बारे में अपनी ताज़ा रिपोर्ट जारी की जिसके अनुसार भारत दस स्थान नीचे खिसक गया है। भारत को 2019 के लिए सूचकांक में 51वें स्थान पर रखा गया था। इससे पहले के साल में भारत 41वें स्थान पर था। रिपोर्ट के अनुसार डेमोक्रेसी इंडेक्स में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के समग्र स्कोर में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। 0 से 10 के पैमाने पर भारत का स्कोर 2018 में 7.23 से गिरकर 2019 में 6.90 हो गया। इसका कारण देश में नागरिक स्वतंत्रता में कटौती करना बताया जा रहा है। वर्ष 2019 के स्कोर की तुलना अगर पिछले वर्षों से करें तो 2006 में रैंकिंग शुरू होने के बाद से यह सबसे कम स्कोर है। रिपोर्ट में यह भी बताया है कि भारत प्रशासित कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने, असम में एनआरसी पर काम शुरू होने और फिर विवादित नागरिकता क़ानून, सीएए की वजह से नागरिकों में बढ़े असंतोष के कारण भारत के स्कोर में गिरावट दर्ज की गई।रिपोर्ट में भारत को एक ओर जहाँ राजनीतिक सहभागिता के