Posts

Showing posts with the label कानून

Government New Order —प्रदेश में अब पटवारियों की ड्यूटी निश्चित होगी

Image
 Government New Order —प्रदेश में अब पटवारियों की ड्यूटी निश्चित होगी  छोटा अखबार। आमजन की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने बड़ा फैंसला लिया है। शनिवार को सरकार ने आदेश जारी कर पटवारियों को पावंद किया है कि वे उसी गांव में रहेगें जहां उसकी ड्यूटी निश्चित होगी। यदि मुख्यालय छोड़ना पड़ता है तो पहले पटवारियों को लिखित में कलेक्टर से परमिशन लेनी होगी। सरकार ने राजस्थान भू-राजस्व नियम 1957 के नियम 12(1) को संशोधित किया कर प्रावधान किया है कि पटवारी अपने क्षेत्र में उस गांव में निवास करेगा, जो कि कलेक्टर द्वारा उसका मुख्यालय  निश्चित किया गया है। आदेश में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि राज्य सरकार के ध्यान में लाया गया है कि कुछ पटवारी अपने हेडक्वाटर पर निवास नहीं कर रहे हैं। इसकी निगरानी के लिये उपखंड अधिकारी जिम्मा सौपा है।  

police service: पुलिस सेवा में OBC को आरक्षण खत्म

Image
  police service: पुलिस सेवा में OBC को आरक्षण खत्म  छोटा अखबार। राजस्थान पुलिस सेवा में अब ओबीसी वर्ग के लोगों को आयु  में  5 साल की छूट नहीं मिलेगी। सरकार ने 5 साल की छूट का प्रवधान को खत्म कर दिया है। इस मामले में सरकार ने 18 जुलाई को 2024 को नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद प्रदेश की राजनीति में धूंआ उठना शुरू हो गया है।

Kisan- किसान वर्ग के अलावा प्रदेश में बिना एनओसी के नहीं कर सकेंगे भूजल का दोहन

Image
Kisan- किसान वर्ग के अलावा प्रदेश में बिना एनओसी के नहीं कर सकेंगे भूजल का दोहन छोटा अखबार। प्रदेश में भूजल का दोहन किसानों के अलावा अन्य किसी को बिना एनओसी के नहीं किया जा सकेगा। इसके लिए विभाग द्वारा किसानों को जागरूक भी किया जाएगा। साथ ही गिरते भूजल स्तर की स्थिति को मद्देनजर रखते हुए अधिक भूजल दोहन पर रोक लगाने के लिए सभी नए और विस्तारित उद्योग, उद्योग जो विस्तार करना चाहते हैं, बुनियादी ढांचा परियोजना, खनन परियोजना थोक जलापूर्ति, शहरी जल आपूर्ति योजनाएं एवं खारा जल निष्कर्षण हेतु भूजल के उपयोग के लिए एनओसी की अनिवार्यता को कठोरता से लागू करने का निर्णय लिया गया है। इनके द्वारा जितनी मात्रा में भूजल का दोहन किया जाएगा उसके निर्धारित अनुपात में भूजल का रिचार्ज किया जाना जरूरी  होगा तभी जाकर इस श्रेणी को एनओसी प्रदान की जाएगी।वहीँ कुछ श्रेणियां में एनओसी लेने की छूट भी दी गई है। साथ ही केन्द्रीय भूमि जल प्राधिकरण द्वारा प्रदत्त गाइडलाइन की पालना नहीं करने पर अवैध ट्यूबवेलों को सील करने, विद्युत सप्लाई को रोकने, उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने जैसे कदम उठाये जायेंगे।

Bulldozer Action —प्रदेश में हाईकोर्ट के आदेश पर फिर गरजा बुलडोजर

Image
  Bulldozer Action —प्रदेश में हाईकोर्ट के आदेश पर फिर गरजा बुलडोजर  छोटा अखबार। प्रदेश की राजधानी जयपुर में हाईकोर्ट के आदेश पर अवैध निर्माण पर कार्यवाही हो या ना हो लेकिन प्रदेश के कई शहरों में बुलडोजर जरूर चल रहे हैं। प्रदेश में दुसरी बड़ घटना है, जहां हाई कोर्ट की पालना में कई घर उजाड़ दिये।  मामला शाहपुरा जिले का है। यहां भीलवाडा- अजमेर रोड़ पर बसे रायला कस्बे में धर्म तालाब में अवैध रूप से किए गए निर्माण पर प्रशासनने बुलडोजर चला दिये। प्रशासन ने धर्म तालाब में बने मकानों को हटाने के लिए 10 बजे तक का समय दिया था। वहीं भारी पुलिस बल की तैनाती में तालाब में अतिक्रमण कर बनाई गई करीब आधा किलोमीटर सड़क को जेसीबी की मदद से तोड़ा गया। बनेड़ा उपखंड अधिकारी श्रीकांत व्यास ने पत्रकारों को बताया कि धर्मतालाब के बीच हो रहे अतिक्रमण को जल्द से जल्द हटाया जाएगा। उन्होने कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट के आदेशानुसार  अवैध रूप से हुए अतिक्रमण को मुक्त करना है।  आपको बतादें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भोपाल ने धर्म तालाब में अतिक्रमण को लेकर रायला ग्राम पंचायत पर नाराजगी जताई हैं। ट्रिब्यूनल ने तत्कालीन सरपं

हाई कोर्ट का फैसला, अब अप्राकृतिक मैथुन भी मान्य

Image
हाई कोर्ट का फैसला, अब अप्राकृतिक मैथुन भी मान्य अशोक शर्मा   छोटा अखबार। अदालतों ने पहले महिलाओं को किसी भी गैर पुरुष से शारीरिक संबंध बनाने की छूट दे दी और अब पुरुषों को अपनी पत्नी से अप्राकृतिक मैथुन करने को कानूनन मान्य क़रार दे दिया। यद्यपि प्राकृतिक और अप्राकृतिक मैथुन नाम इन्सान ने प्रतिपादित किया है, कुदरत ने शरीर की किसी भी क्रिया को इस तरह विभाजित नहीं किया, न ही कालान्तर में किसी ने इस पर ऊंगली उठाईं। खुजराहो के भित्ति चित्र इस बात के प्रमाण हैं। उनमें भी तथाकथित अप्राकृतिक मैथुन के कई भित्ति चित्र अंकित हैं। चूंकि वे प्राकृत हैं। लेकिन बाद में इन्हें इन्सानों ने ही उचित-अनुचित नाम से विभाजित कर दिया और अनेकानेक पाबंदियां लगा दीं। बाद में इसे कानूनन मान्य और अमान्य करार भी दे दिया गया। लेकिन अब खुद कानून ने इसे गैर कानूनी मानने से इन्कार कर दिया है। अब आगे क्या ॽ निकट भविष्य में वह भी साफ कर दिया जाएगा। अदालतों द्वारा निकट भविष्य में और भी कुछ जो छूट गया हो उसे भी करने का हक दिया जा सकता है। यह बदलते परिवेश का सभ्य समाज है और इसमें अब कुछ भी असंभव नहीं। अगर विवाह के बाद पत्न

नागौर जिला बना नशीले पदार्थों का गढ़, हफ्तेभर में चार करोड़ का नशा बरामद

नागौर जिला बना नशीले पदार्थों का गढ़, हफ्तेभर में चार करोड़ का नशा बरामद छोटा अखबार। नशीले पदार्थ तस्करों के लिए नागौर (डीडवाना-कुचामन) जिला कमाई का गढ़ बन गया है। हफ्तेभर में चार करोड़ से अधिक का मादक पदार्थ बरामद कर पुलिस ने करीब एक दर्जन सप्लायर/तस्कर गिरफ्तार किए हैं। इससे साफ है कि नागौर में नशा करने वालों में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। इस नए साल के ढाई महीने भी नहीं बीते कि एनडीपीएस एक्ट के तहत तीन दर्जन मामले दर्ज कर भारी मात्रा में मादक पदार्थ बरामद किए गए हैं। यही नहीं करीब पचास सप्लायर/तस्कर पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनाव आने को है। पुलिस की ओर से मादक पदार्थ के विरोध में सख्त अभियान चलाया जा रहा है। आए दिन तस्कर पकड़े जा रहे हैं। इन दिनों स्मैक के साथ एमडीएमए की तस्करी भी बड़े पैमाने पर हो रही है। माना जा रहा है कि इसी साल में हुई कार्रवाई में करीब सात-आठ करोड़ के मादक पदार्थ बरामद किए जा चुके हैं। स्मैक/एमडी बाहर से नागौर आ रही है। एक अनुमान के मुताबिक हर चौथा युवक नशीले पदार्थ की गिरफ्त में है। अफीम के साथ डोडा-पोस्त और एमडी की मांग व सप्लाई सर्वाधिक

GOVERNMENT JOB:- "दो से ज्यादा बच्चे तो सरकारी नौकरी नहीं"

Image
GOVERNMENT JOB:- " दो से ज्यादा बच्चे तो सरकारी नौकरी नहीं"   छोटा अखबार। राजस्थान की पिछली सरकार के दो बच्चों के नियम पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी मंजूरी की मुहर लगाते हुए कहा है कि "दो से ज्यादा बच्चे होने पर सरकारी नौकरी देने से इनकार करना भेदभावपूर्ण नहीं है! 2 से ज्यादा बच्चे होने पर राजस्थान पुलिस में नौकरी नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा राजस्थान हाईकोर्ट का निर्णय , याचिका की खारिज , एक्स सर्विसमैन रामजीलाल जाट ने 2017 में रिटायरमेंट के बाद पुलिस कांस्टेबल भर्ती के लिए किया था आवेदन , 2 से ज्यादा बच्चे होने पर आवेदन निरस्त होने को राजस्थान हाईकोर्ट में दी थी चुनौती , हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने पर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी याचिका , सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के निर्णय को माना सही , याचिका की खारिज।

देश में 01 जुलाई 2024 से लागू होगें तीन नये कानून

Image
देश में  01 जुलाई 2024 से लागू होगें तीन नये कानून   छोटा अखबार। देश में अब 01 जुलाई 2024 से तीन नये कानून लागू होगें। इससे आमजन को काफी राहत मिलने की संभावना है। देश में सरकारी कर्मचारीयों और न्यायाधीशों पर क्रिमिनल केस चलाने हेतु अनुमति लेने संबंधी प्रावधानों में बदलाव हुआ है। अब संबंधित कोर्ट जिसमें क्रिमिनल केस पेश होगा , उस कोर्ट का न्यायाधीश ही केस चलाने की अनुमति दे सकेगा। वहीं अब शासन की या उच्च न्यायालय‌ से अनुमति की प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं होगी। लंबे समय तक लिव इन पार्टनर को साथ रखकर , शादी के मुगालते में रखकर सेक्स करते रहना अब कानून में अपराध घोषित , बलात्कार नहीं माना जायेगा लेकिन सजा कम से कम दस साल से लेकर आजीवन कारावास तक होगी। वहीं माब लीचिंग या भीड़ द्वारा किसी जुनून में की जाने वाली किसी की मारपीट या हत्या अब घोषित व परिभाषित अपराध होगा और सजा कम से कम 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक होगी । दूसारी और जाति , धर्म और वर्ग आदि के नाम पर किये जाने वाले उपद्रव अब घोषित व परिभाषित अपराध होंगें। वहीं जमानत के लिये अब कानून विधि और तरीकों को फिक्स किया है। 

मोबाईल फोन चोरी या खोने पर मोबाईल ब्लॉक करने की करें कार्यवाही

Image
मोबाईल फोन चोरी या खोने पर मोबाईल ब्लॉक करने की करें कार्यवाही   छोटा अखबार। मोबाईल फोन चोरी/खोने पर तुरंत CEIR पर मोबाईल ब्लॉक करने की कार्यवाही करें। CEIR पर मोबाईल ब्लॉक करने हेतु निम्न steps अपनाये। 1.सबसे पहले मोबाईल खोने/चोरी होने पर मिसिंग/प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराये। 2.मिसिंग रिपोर्ट url - https://www.police.rajasthan.gov.in पर lost articles report   पर जाकर ऑनलाईन भी दर्ज करवाई जा सकती हैं। 3.खोये/चोरी हुये मोबाईल नंबर की नई सिम मोबाईल सेवा प्रदाता कंपनी से प्राप्त करें और ओटीपी सुविधा प्रारंभ होने तक 24 घंटे इंतजार करें। 4. CEIR(https://www.ceir.gov.in)   के होमपेज पर जाकर Block Stolen/Lost Mobile ऑप्शन का चयन करें। 5.मोबाईल ब्लॉक फॉर्म step by step फिल करे। 6.मिसिंग/प्रथम सूचना रिपोर्ट , जो आपने पुलिस थाने या पुलिस वेब पोर्टल पर दर्ज करवाई है , की प्रति अपलोड करें। 7. मोबाइल ब्लॉक फॉर्म सबमिट करे और प्राप्त request id को सुरक्षित रखे। 8. जैसे ही खोया/चोरी हुआ मोबाईल फोन उपकरण नये मोबाईल नंबर के संपर्क में आयेगा , तो वह नम्बर traceability report में द

FasTags:— KYC के लिये आज आखिरी मौका, वहीं कल से IMPS नियमों होगा बदलाव

Image
FasTags KYC के लिये आज आखिरी मौका , वहीं कल से IMPS नियमों होगा बदलाव   छोटा अखबार। सामान्य तौर पर फरवरी माह में कई नियमों में बदलाव हो सकता है। लेकिन FasTags KYC वाला नियम आपको खासा परेशान कर सकता है। इस लिये खासतौर पर आपको आगाह किया जाता है कि यदि आपने 31 जनवरी यानि आज से पहले अपने FasTag अकाउंट का KYC नहीं किया तो आपके पास आखिरी मौका है। इसके बाद 1 फरवरी से आपका फास्टैग अकाउंट बैन कर दिया जाएगा या ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने फास्टैग केवाईसी अपडेट करने का आखिरी समय 31 जनवरी दिया है। वहीं कल 1 February से एक खास नियम में भी बदलाव होगा। इस नियम के बदलाव से आमजन को राहत मिलेगी। RBI (IMPS, Immediate Payment Service) तत्काल भुगतान सेवा के नियमों में बदलाव बदलाव करने जा रहा है। बदले हुए नियमों के अनुसार अब एक फरवरी से  बिना आप लाभार्थी ( Beneficiary) का नाम जोड़ कर 5 लाख रुपये तक का मनी ट्रांसफर कर सकेंगे। आको बतादें कि इसके लिए पहले ही आरबीआई ने सर्कुलर जारी किया था। अब 1 फरवरी से यह नियम लागू होने जा रहा है।

श्रेष्ठ बनने के चक्कर में पुलिस पत्रकारों की स्वतंत्रता का हनन कर रही है:— सुप्रीम कोर्ट

Image
श्रेष्ठ बनने के चक्कर में पुलिस पत्रकारों की स्वतंत्रता का हनन कर रही है:— सुप्रीम कोर्ट   छोटा अखबार। सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर से पुलिस को भारतीय संविधान के आर्टिकल 19 और 22 की याद दिलाई है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ की बेंच ने कि ‘पत्रकारों के मौलिक अधिकारों की स्वतंत्रता के खिलाफ पुलिस किसी भी पत्रकार से उनकी खबरों के लिए सूत्र नहीं पूछ सकती है। यहां तक की कोर्ट भी उन्हें ऐसा करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। श्री चंद्रचूड़ ने कहा आजकल ये देखने को मिल रहा है कि बिना किसी ठोस सबूत और बिना जांच के पत्रकारों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर लिए जाते हैं। श्रेष्ठ बनने के चक्कर में पुलिस पत्रकारों की स्वतंत्रता का हनन कर रही है। “आपको बता दें कि हमारे देश में किसी विशेष कानून के जरिए पत्रकारों को अधिकार हासिल नहीं हैं। पत्रकारों के लिए अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार बाकी नागरिकों की तरह संविधान के अनुच्छेद 19 (1) ( a) के अंतर्गत ही मिले हुए हैं। पत्रकारों को अपने सूत्र को गोपनीय रखने का अधिकार प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया एक्ट 1978 के तहत मिला हुआ है। इसमे

इंटरनेट सेवाएं संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निवासियों के स्वतंत्र भाषण के अधिकार का एक हिस्सा हैं :— मणिपुर हाईकोर्ट

Image
इंटरनेट सेवाएं संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निवासियों के स्वतंत्र भाषण के अधिकार का एक हिस्सा हैं :— मणिपुर हाईकोर्ट छोटा अखबार। मणिपुर हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दोहराया कि सरकार पूरे राज्य में चल रहे मोबाइल इंटरनेट प्रतिबंध को जारी नहीं रख सकती, क्योंकि इंटरनेट सेवाएं संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निवासियों के स्वतंत्र भाषण के अधिकार का एक हिस्सा हैं। अदालत राज्यव्यापी इंटरनेट प्रतिबंध को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।  कोर्ट ने कहा, "यदि हिंसा प्रभावित क्षेत्र में किसी व्यक्ति को शिकायत दर्ज कराने की आवश्यकता हो तो वह कहां जाएगा और किसके पास जाएगा? जिन क्षेत्रों में आप कहते हैं कि वे हिंसा से प्रभावित हैं, वहां के लोगों को न्याय कैसे मिलेगा? उन्हें न्याय कैसे मिलेगा? न्याय तक पहुंच सिर्फ एक नारा नहीं है. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रत्येक नागरिक को न्याय तक पहुंच मिले। अन्यथा वे इस तक कैसे पहुंच पाएंगे?” न्यायालय ने निष्कर्ष में कहा कि वर्तमान मुकदमा प्रतिकूल नहीं था और याचिकाकर्ता राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर नहीं करना चाहते थे, लेकिन मणिपुरी लोगों के अ

गैंगस्टर एवं हार्डकोर क्रिमिनल की गिरफ्तारी के लिए एसआइटी टीम गठित

Image
 गैंगस्टर एवं हार्डकोर क्रिमिनल की गिरफ्तारी के लिए  एसआइटी टीम गठित छोटा अखबार। जयपुर। महानिदेशक पुलिस उमेश मिश्रा ने गैंगस्टर एवं हार्डकोर क्रिमिनल के विरुद्ध  कड़ा रुख दिखाते हुए गैंगस्टर रोहित गोदारा और रितिक बॉक्सर की गिरफ्तारी के लिए एडीजीपी क्राइम दिनेश एनएम के नेतृत्व में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम गठित करने के निर्देश दिए हैं।  मिश्रा ने प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को संगठित अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही ऐसे असामाजिक तत्वों को सोशल मीडिया पर फॉलो व समर्थन करने तथा उन्हें किसी भी प्रकार की सहायता देने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध भी निरन्तर कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। इसी क्रम में गैंगस्टर रोहित गोदारा और रितिक बॉक्सर की गिरफ्तारी के लिए इसी महीने पुलिस मुख्यालय द्वारा 1-1 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की गई। महानिदेशक ने बताया कि व्यापारियों पर फायरिंग कर उनसे रंगदारी की मांग कर प्रदेश में भय का वातावरण पैदा करने का प्रयास कर रहे दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जा रही है। इस तरह का प्रयास करने वाले असामाजिक तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा।

सिवाना SDM साहब क्या है ये?

Image
सिवाना SDM साहब क्या है ये? छोटा अखबार। समदड़ी खबर कवरेज के दौरान सिवाना SDM ने पत्रकार का फोन छीन कर पत्रकार के साथ मारपीट करने का प्रयास किया समदड़ी के पत्रकार महावीर सैन खबर कवरेज कर रहे थे। इस दौरान सिवाना SDM दिनेश विशनोई ने पत्रकार के साथ की बदसलूकी ओर पत्रकार का मोबाइल फोन तोड़ा। 

चार्जशीट "पब्लिक डॉक्यूमेंट" नहीं -सुप्रीम कोर्ट

Image
चार्जशीट "पब्लिक डॉक्यूमेंट" नहीं -सुप्रीम कोर्ट छोटा अखबार। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा कि जांच एजेंसियों को किसी भी मामले की चार्जशीट को पब्‍लिक प्लेटफॉर्म पर अपलोड करने का निर्देश नहीं दिया जा सकता।  यह आदेश कोर्ट ने आरटीआई कार्यकर्ता सौरव दास की दायर एक जनहित याचिका के मामले में दिया है। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने याचक दास की जनहित याचिका को खारिज कर दिया। न्यायालय ने कहा कि सभी आरोप-पत्रों को सार्वजनिक डोमेन में डालने का निर्देश सीआरपीसी की योजना के विपरीत है।  विज्ञापन मामले में याचक दास ने कोर्ट को तर्क दिया कि चार्जशीट एक सार्वजनिक दस्तावेज है। यह साक्ष्य अधिनियम, 1872 की धारा 74 में दिए गए सार्वजनिक दस्तावेज की परिभाषा में आता है। कोर्ट ने दास की सभी दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि साक्ष्य अधिनियम की धारा 74 में उल्लिखित दस्तावेजों को ही सार्वजनिक दस्तावेज कहा जा सकता है। आवश्यक सार्वजनिक दस्तावेजों के साथ चार्जशीट की प्रति साक्ष्य अधिनियम की धारा 74 के तहत सार्वजनिक दस्तावेज नहीं कहा जा सकता है और कहा चार्जशीट हर किसी को

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा फरार या घोषित अपराधी अग्रिम जमानत का हकदार नहीं

Image
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा फरार या घोषित अपराधी अग्रिम जमानत का हकदार नहीं  छोटा अखबार। इलाहाबाद हाईकोर्ट जस्टिस मंजू रानी चैहान की पीठ ने एक व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में तीन व्यक्तियों की अग्रिम जमानत नामंजूर करते हुए कहा कि एक व्यक्ति जिसके खिलाफ एक वारंट जारी किया गया है और वारंट के निष्पादन से बचने के लिए फरार है और उसके खिलाफ संहिता की धारा 82 के तहत कार्यवाही शुरू की गई है, तो वह अग्रिम जमानत का हकदार नहीं है।  अदालत ने कहा कि आरोपी पूछताछ और जांच के लिए उपलब्ध नहीं थे और उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए गए हैं। इसलिए उन्हें अग्रिम जमानत की राहत देने से इनकार किया जाता है। उपरोक्त निर्णय में कोर्ट ने साधना चैधरी बनाम राजस्थान और अन्य राज्य, 2022 (237) एआईसी 205 (एससी) और प्रेम शंकर प्रसाद बनाम बिहार राज्य और अन्य एलएल 2021 एससी 579 के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों पर भरोसा किया।