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गैंगस्टर एवं हार्डकोर क्रिमिनल की गिरफ्तारी के लिए एसआइटी टीम गठित

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 गैंगस्टर एवं हार्डकोर क्रिमिनल की गिरफ्तारी के लिए  एसआइटी टीम गठित छोटा अखबार। जयपुर। महानिदेशक पुलिस उमेश मिश्रा ने गैंगस्टर एवं हार्डकोर क्रिमिनल के विरुद्ध  कड़ा रुख दिखाते हुए गैंगस्टर रोहित गोदारा और रितिक बॉक्सर की गिरफ्तारी के लिए एडीजीपी क्राइम दिनेश एनएम के नेतृत्व में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम गठित करने के निर्देश दिए हैं।  मिश्रा ने प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को संगठित अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही ऐसे असामाजिक तत्वों को सोशल मीडिया पर फॉलो व समर्थन करने तथा उन्हें किसी भी प्रकार की सहायता देने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध भी निरन्तर कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। इसी क्रम में गैंगस्टर रोहित गोदारा और रितिक बॉक्सर की गिरफ्तारी के लिए इसी महीने पुलिस मुख्यालय द्वारा 1-1 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की गई। महानिदेशक ने बताया कि व्यापारियों पर फायरिंग कर उनसे रंगदारी की मांग कर प्रदेश में भय का वातावरण पैदा करने का प्रयास कर रहे दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जा रही है। इस तरह का प्रयास करने वाले असामाजिक तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा।

सिवाना SDM साहब क्या है ये?

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सिवाना SDM साहब क्या है ये? छोटा अखबार। समदड़ी खबर कवरेज के दौरान सिवाना SDM ने पत्रकार का फोन छीन कर पत्रकार के साथ मारपीट करने का प्रयास किया समदड़ी के पत्रकार महावीर सैन खबर कवरेज कर रहे थे। इस दौरान सिवाना SDM दिनेश विशनोई ने पत्रकार के साथ की बदसलूकी ओर पत्रकार का मोबाइल फोन तोड़ा। 

चार्जशीट "पब्लिक डॉक्यूमेंट" नहीं -सुप्रीम कोर्ट

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चार्जशीट "पब्लिक डॉक्यूमेंट" नहीं -सुप्रीम कोर्ट छोटा अखबार। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा कि जांच एजेंसियों को किसी भी मामले की चार्जशीट को पब्‍लिक प्लेटफॉर्म पर अपलोड करने का निर्देश नहीं दिया जा सकता।  यह आदेश कोर्ट ने आरटीआई कार्यकर्ता सौरव दास की दायर एक जनहित याचिका के मामले में दिया है। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने याचक दास की जनहित याचिका को खारिज कर दिया। न्यायालय ने कहा कि सभी आरोप-पत्रों को सार्वजनिक डोमेन में डालने का निर्देश सीआरपीसी की योजना के विपरीत है।  विज्ञापन मामले में याचक दास ने कोर्ट को तर्क दिया कि चार्जशीट एक सार्वजनिक दस्तावेज है। यह साक्ष्य अधिनियम, 1872 की धारा 74 में दिए गए सार्वजनिक दस्तावेज की परिभाषा में आता है। कोर्ट ने दास की सभी दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि साक्ष्य अधिनियम की धारा 74 में उल्लिखित दस्तावेजों को ही सार्वजनिक दस्तावेज कहा जा सकता है। आवश्यक सार्वजनिक दस्तावेजों के साथ चार्जशीट की प्रति साक्ष्य अधिनियम की धारा 74 के तहत सार्वजनिक दस्तावेज नहीं कहा जा सकता है और कहा चार्जशीट हर किसी को

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा फरार या घोषित अपराधी अग्रिम जमानत का हकदार नहीं

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा फरार या घोषित अपराधी अग्रिम जमानत का हकदार नहीं  छोटा अखबार। इलाहाबाद हाईकोर्ट जस्टिस मंजू रानी चैहान की पीठ ने एक व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में तीन व्यक्तियों की अग्रिम जमानत नामंजूर करते हुए कहा कि एक व्यक्ति जिसके खिलाफ एक वारंट जारी किया गया है और वारंट के निष्पादन से बचने के लिए फरार है और उसके खिलाफ संहिता की धारा 82 के तहत कार्यवाही शुरू की गई है, तो वह अग्रिम जमानत का हकदार नहीं है।  अदालत ने कहा कि आरोपी पूछताछ और जांच के लिए उपलब्ध नहीं थे और उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए गए हैं। इसलिए उन्हें अग्रिम जमानत की राहत देने से इनकार किया जाता है। उपरोक्त निर्णय में कोर्ट ने साधना चैधरी बनाम राजस्थान और अन्य राज्य, 2022 (237) एआईसी 205 (एससी) और प्रेम शंकर प्रसाद बनाम बिहार राज्य और अन्य एलएल 2021 एससी 579 के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों पर भरोसा किया।