फ़ार्मा कंपनियां डॉक्टरों को रिश्वत में लड़कियां उपलब्ध कराती हैं — प्रधानसेवक

फ़ार्मा कंपनियां डॉक्टरों को रिश्वत में लड़कियां उपलब्ध कराती हैं — प्रधानसेवक
 
छोटा अखबार।
डॉक्टरों के शीर्ष संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने मंगलवार 14 जनवरी 2020 एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन आरोपों को साबित करें या माफ़ी मांगें। जिसमें उन्होंने कहा था कि शीर्ष फ़ार्मा कंपनियों ने डॉक्टरों को रिश्वत के तौर पर लड़कियां उपलब्ध कराईं।अगर प्रधानमंत्री अपनी बात साबित नहीं कर पाते तो उन्हें माफ़ी मांगनी चाहिए। 



प्रधानमंत्री के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए आईएमए ने कहा कि मीडिया में आई रिपोर्ट्स के अनुसार, नरेंद्र मोदी ने अपने एक बयान में कहा है कि शीर्ष फ़ार्मा कंपनियों ने डॉक्टरों को रिश्वत के तौर पर लड़कियां उपलब्ध कराईं हैं। इस महीने की शुरुआत में शीर्ष फ़ार्मा कंपनियों के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने कथित तौर पर एथिकल मार्केटिंग प्रैक्टिस का ज़िक्र किया था। आईएमए ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि क्या सरकार के पास उन कंपनियों की जानकारी थी जो डॉक्टरों को लड़कियां उपलब्ध कराती हैं। और अगर थी तो उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय में बैठक में बुलाने के बजाय आपराधिक मामला दर्ज क्यों नहीं कराया गया।पीएमओ ऐसे डॉक्टरों के नाम भी जारी करे। साथ ही राज्यों की मेडिकल काउंसिल ऐसे डॉक्टरों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करे।



वहीं नवंबर महीने में पुणे की संस्था सपोर्ट फॉर एडवोकेसी एंड ट्रेनिंग टू हेल्थ इनीशिएटिव्स ने अपनी स्टडी में दावा किया था कि डॉक्टर फ़ार्मा कंपनियों से रिश्वत के तौर पर महंगी यात्राएं टैबलेट, चांदी के सामान, सोने के गहने और पेट्रोल कार्ड तक लेते हैं।



आईएमए का कहना है कि उसे उम्मीद है सरकार इन आरोपों को साबित कर पाएगी। लेकिन अगर प्रधानमंत्री की ओर से आया ये बयान बिना किसी सत्यता को परखे दिया गया है तो उन्हें तत्काल माफ़ी मांगनी चाहिए। इस तरह के बयानों का मक़सद देश में लोगों के स्वास्थ्य और मेडिकल शिक्षा को बेहतर बनाने के अनसुलझे मुद्दों से भटकाना है।


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