नागरिकता क़ानून में बदलाव संभव है, अमित शाह


नागरिकता क़ानून में बदलाव संभव है, अमित शाह


छोटा अखबार।
अमित शाह ने संकेत दिए हैं कि ज़रूरत पड़ने पर नागरिकता संशोधन क़ानून के कुछ प्रावधानों में बदलाव किया जा सकता है।झारखंड के धनबाद में एक सार्वजनिक रैली में कहा है कि पूर्वोत्तर राज्यों की चिंताओं को देखते हुए नागरिकता क़ानून में कुछ बदलाव संभव हैं! शाह ने कहा, शुक्रवार को मेघालय के मु्ख्यमंत्री ने मुझसे मुलाकात की थी। उन्होंने मुझे उन समस्याओं के बारे में बताया। मैंने उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन उनके बार-बार कहने पर मैंने उन्हें क्रिसमस के बाद मिलने को कहा है। इस मुद्दे पर बातचीत होगी और मेघालय की समस्याओं का हल निकाला जाएगा। पूर्वोत्तर राज्यों सहित भारत के कई हिस्सों में नए नागरिकता क़ानून को ज़ोरशोर से विरोध हो रहा है।



दुसरी खबरों के अनुसार जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूख़ अब्दुल्ला की हिरासत तीन महीने के लिए बढ़ा दी गई है।अब्दुल्ला की हिरासत की अवधि बढ़ाए जाने के आदेश में कहा गया है कि जन सुरक्षा क़ानून, 1978 के तहत ऐसा किया गया। अब्दुल्ला को पाँच अगस्त से पहले जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को ख़त्म किए जाने के ऐलान से पहले उनके घर में नज़रबंद कर लिया गया था।


झारखंड के राजमहल में एक चुनावी रैली में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि पूरे भारत में एनआरसी की ज़रूररत है। इसका मक़सद स्वदेशियों और विदेशियों की पहचान करना है।
राजनाथ ने कहा कि देश के हर हिस्से में एनआरसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद हम साथ बैठेंगे और अवैध प्रवासियों की क़िस्मत पर फ़ैसला करेंगे।


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