गौशालाओं में सुधार पर गोपालन मंत्री की समीक्षा

 गौशालाओं में सुधार पर गोपालन मंत्री की समीक्षा


छोटा अखबार।

प्रदेश की गौशालाओं में सुधार को लेकर सोमवार को पशुपालन, डेयरी एवं देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत की अध्यक्षता में सचिवालय में गोपालन विभाग की समीक्षा हुई। इस दौरान गौशालाओं को समय पर अनुदान देने, गौशाला की भूमि पर हुए अतिक्रमण हटवाने, गौ तस्करी कानून को और अधिक सख्त बनाने, मृत गौमाता के शव को समाधि देने के लिए अतिरिक्त भूमि का आवंटन करने की गौ सेवा समितियों के प्रतिनिधियों की मांग पर विचार विमर्श किया गया। 

इसके अलावा गौशालाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए ऑर्गेनिक खाद का विपणन सहकारी समितियों के माध्यम से करवाने, गौ-अर्क की बिक्री आयुर्वेद विभाग के माध्यम से करवाने के लिए उचित व्यवस्था कराने, गौशालाओं की शाखा खोलने के लिए नियमों में शिथिलता प्रदान करने, बछड़ों का नियमानुसार बधियाकरण कराने, प्रदेश में गाय के कृत्रिम गर्भाधान के लिए उसी नस्ल का सीमन इस्तेमाल करने के सुझावों पर भी चर्चा हुई। गोपालन मंत्री ने सभी विषयों पर गहन विचार विमर्श के बाद गौशाला प्रतिनिधियों को उचित निर्णय लेने का आश्वासन दिया। श्री कुमावत ने बताया कि गौशालाओं में व्यवस्थाओं की प्रभावी निगरानी के लिए जिला व राज्य स्तरीय कमेटियों में दो-दो सदस्य शामिल करने के प्रस्ताव पर राज्य स्तर पर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि गौशालाओं को समय पर अनुदान की राशि मिले, इसके लिए वार्षिक कैलेंडर बनाया जाएगा, गौशालाओं की भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटवाने के लिए सभी जिला कलेक्टर्स को आवश्यक निर्देश दिए जाएंगे। समीक्षा के दौरान गोपालन विभाग के निदेशक प्रहलाद राय नागा, राजस्थान गौ सेवा समिति के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद राम शास्त्री व पूर्व अध्यक्ष गोविंद गिरी जी महाराज, श्रीपति धाम गौशाला, सिरोही के संचालक गोविंद वल्लभ महाराज, रघुनाथ सिंह राजपुरोहित सहित गोपालन विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

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