Mines News: विकसित भारत-2047 को साकार करने में माइनिंग सेक्टर की भी होगी अहम् भूमिका —केन्द्रीय खान सचिव
छोटा अखबार।
केन्द्रीय खान सचिव पीयूष गोयल ने कहा है कि विकसित भारत 2047 के सपने को साकार करने के लिए देश का माइनिंग सेक्टर नई उर्जा और गति के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि माइनिंग सेक्टर को आगे बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा लगातार कानून कायदों को व्यावहारिक बनाने के साथ ही टाइमलाईन तय की गई है जिससे खानों की नीलामी के बाद खानों के परिचालन में लाने में लगने वाले समय को कम किया जा सके। उन्होंने साफ किया कि यदि इसमे सरकारी स्तर अथवा एलओआई स्तर पर देरी होती है तो उसके लिए दण्डात्मक प्रावधान किये गये हैं। श्री गोयल गुरुवार को आरआईसी में प्रमुख सचिव खान टी. रविकान्त के साथ एलओआई धारकों से रुबरु हो रहे थे। उन्होंने कहा कि नए प्रावधानों में एलओआई धारकों द्वारा जितनी जल्दी खानों को परिचालन में लाया जाएगा उतना ही अधिक लाभ खानधारकों को होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रोत्साहन के प्रावधान किये गये हैं।
श्री गोयल ने राजस्थान में मेजर मिनरल माइंस के ऑक्शन और प्री एम्बेडेड खानों की ऑक्शन प्रक्रिया शुरु करने की सराहना करते हुए कहा कि आने वाले समय में राजस्थान माइनिंग सेक्टर से रेवेन्यू के क्षेत्र में भी अग्रणी प्रदेश बन जाएगा। उन्होंने आवश्यक अनुमतियां प्रदान करने वाली संस्थाओं से व्यावहारिक रुख अपनाने की आवश्यकता प्रतिपादित की वहीं प्रीएम्बेडेड की तर्ज पर ही पुरानी नीलाम खानों को परिचालन में लाने के लिए राज्य सरकार स्तर से भी सहयोग और मार्गदर्शन पर जोर दिया। उन्होंने एलओआई धारकों से भी आवश्यक औपचारिकता पूरी करने में अनावश्यक देरी नहीं करने का स्पष्ट संदेश दिया। उन्होंने कहा कि एलओआई धारकों से संवाद कायम करने के लिए यह बैठक आयोजित की गई है।
वहीं श्री रविकान्त ने बताया कि राजस्थान में 112 मेजर मिनरल ब्लॉकों की नीलामी की जा चुकी है। भविष्य में नीलाम होने वाले माइनिंग ब्लॉकों के नीलामी से पहले ही चरागाह, वन कन्वर्जन आदि इसी तरह की आने वाली समस्याओं को दूर करते हुए ब्लॉक बनाने के प्रयास किए जाएंगे जिससे आवश्यक अनुमतियां प्राप्त करने मे एलओआई धारक अनावश्यक परेशानियों से बच सके।
उन्होने बताया कि इस वर्ष 21 ब्लॉकों की सफल नीलामी हो चुकी हैं और 8 प्री एम्बेडेड ब्लॉकों सहित 26 ब्लॉकों की नीलामी प्रक्रिया जारी है। उन्होंने बताया कि राजस्थान विपुल और विविध प्रकार के खनिज संपदा वाला प्रदेश हैं। राज्य सरकार द्वारा माइनिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। नई खनिज नीति, एम.सेण्ड नीति के साथ ही प्रक्रिया को सरल किया गया है। इसके साथ ही एलओआई धारकों को सहयोग व मार्गदर्शन के लिए अलग से सेल बनाया गया है। उन्होंने कहा कि एलओआई धारकों व संबंधित संस्थाओं के बीच बेहतर समन्वय के लिए दो कार्यशालाएं आयोजित की जा चुकी हैं वहीं निरन्तर मॉनिटरिंग की जा रही है।

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