Mines News: नीलाम खानों के शीघ्र परिचालन के प्रति केन्द्र व राज्य सरकार गंभीर -मुख्य सचिव

Mines News: नीलाम खानों के शीघ्र परिचालन के प्रति केन्द्र व राज्य सरकार गंभीर -मुख्य सचिव 


छोटा अखबार।

मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि नीलाम खानों को शीघ्र परिचालन में लाने को लेकर केन्द्र और राज्य सरकार गंभीर है। इसके लिए संबंधित विभागों द्वारा पर्यावरण अनुमति सहित आवश्यक अनुमतियां नियमानुसार प्राथमिकता से जारी की जाए। उन्होंने कहा भारत सरकार की स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट फॉर केपिटल इंवेस्टमेंट योजना के तहत राज्य में इस वर्ष 10 मेजर मिनरल खानें परिचालन में आने पर राज्य को 300 करोड़ रु. का अनुदान केन्द्र सरकार द्वारा दिया जाएगा। वहीं भारत सरकार की इस योजना के साथ ही नीलाम खानों के शीघ्र परिचालन में आने से प्रदेश के आर्थिक विकास को गति मिलेगी।

श्री पंत मंगलवार को सचिवालय के चिंतन कक्ष में पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा पेंडिंग ईसी के संबंध में संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण, खान, सेक, सीया और संबंधित स्टेक होल्डर्स की कार्यशाला, ओरियंटेशन या प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर ईसी से संबंधित एसओपी की जानकारी देते हुए सभी औपचारिकताओं के प्रति जागरुक किया जाए ताकि ईसी जारी करने में अनावश्यक देरी ना हो सके। उन्होंने वृक्षारोपण सहित खानधारकों के लिए जारी आवश्यक कानून कायदों की पालना सुनिश्चित कराने पर भी जोर दिया। उन्होंने बजरी खानों की भी प्राथमिकता से ईसी जारी करने को कहा ताकि आमजन को राहत मिल सके। उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव वन व पर्यावरण के स्तर पर मासिक समीक्षा पर जोर दिया ताकि कार्य में गति आ सके।

संवाद के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण आनन्द कुमार ने कहा कि सेक, सीया और खान विभाग को बेहतर तालमेल बनाते हुए आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कराई जाएं ताकि नीलाम खानों में खनन कार्य आरंभ हो सके। वहीं प्रमुख शासन सचिव खान टी. रविकान्त ने बताया कि राज्य को इस साल कम से कम दस खाने परिचालन में लानी है। इनमें से दो खाने परिचालन में है और 8 खानों को जल्द से जल्द परिचालन में लाने के लिए ईसी जारी कराने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने सीया से व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाते हुए नीलाम खानों को पर्यावरण स्वीकृतियां जारी कराने की आवश्यकता प्रतिपादित की। श्री रविकान्त ने बताया कि 10 खाने परिचालन में आते ही राजस्थान को केन्द्रीय सहायता योजना के तहत 300 करोड़ रुपये इंसेन्टिव के रुप में प्राप्त होंगे और प्रदेश में खनन क्षेत्र में निवेश, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर और सरकारी खजानें में राजस्व की बढ़ोतरी हो सकेगी।


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