Mines News: नीलाम खानों में शीघ्र आरंभ हो खनन कार्य -मुख्य सचिव

 Mines News: नीलाम खानों में शीघ्र आरंभ हो खनन कार्य -मुख्य सचिव


छोटा अखबार।

मुख्य सचिव सुधांश पंत ने नीलाम मिनरल ब्लॉकों को शीघ्र परिचालन में लाने की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए संबंधित विभागों को आवश्यक अनुमतियां प्राथमिकता से जारी कराने के निर्देश दिए हैं। समय पर आवश्यक अनुमतियां जारी होने से नीलाम ब्लॉकों में खनन कार्य आरंभ हो सकेगा, इससे खनन क्षेत्र में निवेश के साथ प्रदेश में रोजगार के नए अवसर और राज्य सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।

मुख्य सचिव मंगलवार को सचिवालय के चिंतन कक्ष में नीलाम किये गए खनिज ब्लॉकों में शीघ्र खनन कार्य आरंभ कराने के लिए प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय समिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में 112 मेजर मिनरल ब्लॉकों की नीलामी के साथ देश में अव्वल है पर आवश्यक अनुमतियां जारी होने में देरी के कारण इन ब्लॉकों में खनन कार्य आरंभ नहीं हो सका है। केन्द्र सरकार भी इसे लेकर गंभीर है। उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग चैक लिस्ट जारी कर आवश्यक औपचारिकताओं की जानकारी दे ताकि आवेदन के समय ही आवश्यक औपचारिकता पूरी हो सके। हो सके तो सिस्टम ही इस तरह का विकसित कर लिया जाए कि आवश्यक औपचारिकताओं में कमी होने पर सिस्टम आवेदन को स्वीकार ही ना करें। उन्होंने बार-बार, नई-नई कमियां इंगित करने को गलत बताते हुए कहा कि इससे अनावश्यक देरी होती है।

प्री-एम्बेडेड ब्लॉकों के ऑक्शन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार इसे लेकर गंभीर है ऐसे में जल्द से जल्द अनुमतियां प्राप्त कर ऑक्शन की तैयारी की जाए। उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिए कि जिलों में जनसुनवाई का कार्य शीघ्र पूरा कराया जाए। उन्होंने एलओआई धारकों द्वारा आवश्यक अनुमतियों के लिए समय पर आवेदन नहीं करने को गंभीरता से लेते हुए कहा कि तय समय सीमा में आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की जाएं। विभागीय पोस्ट ऑक्शन फेसिलिटेशन सेल को और अधिक सक्रिय करते हुए समन्वय व मार्गदर्शन के निर्देश दिए। उन्होंने एलओआई धारकों और संबंधित विभागों के बीच ओरियंटेशन कार्यक्रम करने के निर्देश देते हुए कहा कि इससे प्रक्रिया की जानकारी होने से आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन होगा और अनुमतियों में देरी नहीं हो सकेगी। उन्होंने चरागाह और प्लांटेशन आदि के संबंध मंे भी निर्देश दिए। उन्होंने बजरी खानों की नीलामी के बावजूद पर्यावरण स्वीकृतियों में देरी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बजरी खनन आरंभ होने से आमलोगों की बड़ी राहत मिल सकेगी।

इस दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण आनंद कुमार ने कहा कि आवश्यक अनुमतियां जारी होने में देरी को परस्पर समन्वय व सहयोग से दूर किया जाएगा। विभाग स्तर पर भी मॉनीटरिंग व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। वहीं प्रमुख सचिव राजस्व श्री दिनेश कुमार ने बताया कि चारागाह क्लीयरेंस से संबंधित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण कर लिया जाएगा।

      

प्रमुख सचिव खान एवं भूविज्ञान टी. रविकान्त ने बताया कि गत दो सालों में प्रदेश में मेजर मिनरल ब्लॉकों सहित बजरी के प्लाटों की बड़ी संख्या में नीलामी के बावजूद अभी यह खानें परिचालन में नहीं आ पाई है। प्रधानमंत्री कार्यालय और केन्द्र सरकार स्तर पर भी नीलाम खानों को शीघ्र परिचालन में लाने पर जोर दिया जा रहा है। दो खाने परिचालन में हैं जबकि आवश्यक अनुमतियां प्राप्त कराकर इस साल के अंत तक 8 मेजर मिनरल ब्लाकों में खनन कार्य आरंभ कराने के लक्ष्य के साथ विभाग आगे बढ़ रहा है।

श्री रविकान्त ने बताया कि नीलाम बजरी खानों के परिचालन में नहीं आने से बजरी की मांग और आपूर्ति में बड़ा अंतर है और इससे आमजन को राहत नहीं मिल पा रही है। इसी तरह से अन्य खानों में भी खनन कार्य आरंभ हो जाएं तो खनन क्षेत्र में औद्योगिक निवेश, युवाओं व स्थानीय स्तर पर रोजगार और राज्य सरकार के राजस्व में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो सकती है।

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