Politics: रामकथा में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की पीड़ा झलकी, सियासत में कयासों का दौर जारी

Politics: रामकथा में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की पीड़ा झलकी, सियासत में कयासों का दौर जारी


छोटा अखबार।

धौलपुर के परशुराम धर्मशाला में चल रही रामकथा में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने अपने संबोधन में कहा कि हर व्यक्ति के जीवन में वनवास का समय आता है, जिसके बाद वापसी होती है। राजे के इस कथन ने सियासत में हलचल मचा दी है। वहीं विपक्ष ने इसे पूर्व सीएम की पीड़ा बताया है।

उन्होने आगे कहा कि 'जिसे अपना समझो, वह हो जाता है पराया' इस तरह के संबोधन ने प्रदेश में आम और खास के लिये कयासों का बाजार गर्म कर दिया है।

राजे यह भी कहा कि धौलपुर में उनका स्थान एक बहू का है और धौलपुर के लोग मेरा परिवार हैं। परिवार में सभी की अलग-अलग जिम्मेदारी होती है। उन्होने कहा कि डर तभी लगता है, जब इंसान जानबूझकर गलत करता है, यदि जीवन में धर्म और वेद विज्ञान को अपनाया जाए तो भय समाप्त हो जाता है।

वहीं श्रीमती वसुंधरा के बयान पर कांग्रेस के प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि बीजेपी ने वसुंधरा को जबरन वनवास दिया है। इसलिए वे इस तरह की बातें कह रही हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी ने उन्हें किनारे कर दिया है, यही उनकी पीड़ा झलकाती है।


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