Rare News: रेरा बिल्डर और उपभोक्ता के बीच विश्वास का सेतु -झाबर सिंह खर्रा

Rare News: रेरा बिल्डर और उपभोक्ता के बीच विश्वास का सेतु -झाबर सिंह खर्रा


छोटा अखबार।

नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में प्रदेश के नगरीय विकास को लेकर राज्य सरकार द्वारा निरंतर प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं, जो प्रदेश के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि रेरा केवल नियामक नहीं, बिल्डर और उपभोक्ता के बीच विश्वास का सेतु है। उन्होंने कहा कि आज रेरा के कारण न केवल स्थानीय निवासियों में, बल्कि अप्रवासी भारतीयों के बीच भी विश्वास स्थापित हुआ है, जिसके चलते वे विदेश में रहते हुए भी राजस्थान के रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश कर रहे हैं। श्री खर्रा ने कहा कि रेरा उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने के साथ-साथ भविष्य की आवासीय आवश्यकताओं को भी प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने का कार्य कर रहा है।

जयपुर के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में गुरुवार को रेरा दिवस पर श्री खर्रा ने राज रेरा 2.0 वेबसाइट की लॉन्चिंग की। यूजर फ्रेंडली राज रेरा 2.0 वेबसाइट के माध्यम से रेरा के विभिन्न कार्यों को पूर्णत: पारदर्शिता के साथ दर्शाया गया है। साथ ही वेबसाइट पर अनुमोदित प्रोजेक्टस की लोकेशन, शिकायतों का स्टेटस और नवीनतम निर्णय जैसे कामों का अवलोकन कर सकते हैं। रेरा अध्यक्ष श्रीमती वीनू गुप्ता ने कहा कि रेरा द्वारा भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए प्रभावी कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि रेरा प्रदेश में ग्रीन सर्टिफिकेशन और ग्रीन बिल्डिंग प्रैक्टिस को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक प्रयास कर रहा है, जिससे सतत विकास की अवधारणा को साकार किया जा सके। श्रीमती गुप्ता ने कहा कि प्रदेश के रियल एस्टेट सेक्टर को सशक्त दिशा देने के लिए रेरा हर संभव प्रयास कर रहा है। इस अवसर पर उन्होंने गत आठ वर्षों में रेरा द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी भी साझा की।

प्रमुख शासन सचिव, नगरीय विकास एवं आवासन विभाग वैभव गालरिया ने कहा कि रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट, घर खरीदारों के हितों की रक्षा करता है। राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि नीतियों के निर्माण में रेरा के प्रावधानों को प्राथमिकता दी जाए। श्री गालरिया ने कहा कि प्रदेश के नए बिल्डिंग बायलॉज में भी ग्रीन बिल्डिंग प्रैक्टिस पर विशेष बल दिया गया है, ताकि निर्माण कार्य पर्यावरण के अनुकूल संपन्न हो सकें। इस दौरान प्रमोटर्स, रेरा के अधिकारी, राज्य सरकार के कार्मिक, आर्किटेक्ट सहित डेवलपर्स सहित कई लोगों ने हिस्सा लिया। 

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