Self-governance unit: बदलता मौसम, बढ़ती बीमारियां और बचाव के लिए गंभीर हुई सरकार
Self-governance unit: बदलता मौसम, बढ़ती बीमारियां और बचाव के लिए गंभीर हुई सरकार
छोटा अखबार।
बदलते मौसम के कारण बढ़ती मौसमी बीमारियों की रोकथाम को लेकर राज्य सरकार गंभीर है। इसके लिए स्वायत्त शासन विभाग ने समस्त नगरीय निकायों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। डीएलबी निदेशक कुमार पाल गौतम ने अधिकारियों को मौसमी बीमारियों को रोकने हेतु आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
श्री गौतम ने कहा कि नगरीय निकाय क्षेत्रों में एकत्रित कचरे और मलबे को अविलम्ब हटाया जाए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की गाईड लाईन के अनुरूप शहर की नालियों और अन्य स्थानों पर एकत्रित पानी की निकासी सुनिश्चित की जाकर पानी व नालियों में कीटनाशक और मच्छर नाशक दवाओं के साथ काले तेल का छिड़काव करवाया जाये।
उन्होने निर्देश देते हुए कहा है कि राज्य में राजस्थान एपिडेमिक डिजीज एक्ट-1957 लागू है। जिसके तहत मलेरिया और डेंगू को नोटिफाइएबल डिजीज घोषित किया गया है। ऐसे में आमजन को भी अपने घरों/खाली प्लॉटों में किसी भी प्रकार के मच्छरजनित स्रोतों को विकसित नहीं होने देना है। अतः उक्त नियम के अन्तर्गत यदि आमजन सहयोग प्रदान नहीं करते है, तो उन्हें नोटिस दिये जाकर नियमानुसार चालान और जुर्माने की कार्यवाही की जावें। साथ ही, पशुओं के पीने के पानी की टंकी व अन्य पानी के स्रोतों को साप्ताहिक रूप से साफ किए जाएं।
डीएलबी निदेशक ने कहा कि नगरीय निकायों के पास उपलब्ध फोगिंग मशीनों से वार्ड वार कार्य योजना बनाकर फोगिंग किया जाए। जिन नगरीय निकायों के पास फोगिंग मशीन उपलब्ध नहीं है उनके द्वारा स्वंय के स्त्रोत से फोगिंग मशीन किराये पर लेकर अथवा नियमानुसार क्रय कर अविलम्ब फोंगिग की कार्यवाही सुनिश्चित की जावें।
श्री गौतम ने कहा कि आई.ई.सी. की गतिविधियों के माध्यम से आमजन को जागरूक कर मौसमी बीमारियों की रोकथाम एवं इसके प्रभावों को कम किए जाने के प्रयास किए जावें। साथ ही, नगर निगम के कर्मचारी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ समन्वय स्थापित करते हुए मच्छररोधी गतिविधियां यथा सोर्स रिडक्शन, एन्टीलार्वल, एन्टीएडल्ट आदि गतिविधियां सम्पादित कराई जावें। इसके अलावा जिला कलक्टर स्तर पर समीक्षा करवाकर अति संवेदनशील क्षेत्रों के लिये विशेष कार्य योजना बनाई जाकर कार्य किये जावें। उन्होने कहा कि संबंधित विभागों से समन्वय के साथ काम किया जाना चाहिए। ताकि प्रदेशवासियों को मौसमी बीमारियों के प्रकोप से बचाया जा सके।
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