आदिबद्री क्षेत्र में खनन गतिविधियाें पर रोक -मुख्यमंत्री

 आदिबद्री क्षेत्र में खनन गतिविधियाें पर रोक -मुख्यमंत्री


छोटा अखबार।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास पर भरतपुर के पसोपा और आस-पास के गांवों से आए साधु, महंत, जनप्रतिनिधि और ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल से मिलकर महंत विजयदास के निधन पर संवेदना व्यक्त की और उनकी सभी मांगों को पूरा करने का विश्वास दिलाया। श्री गहलोत ने कहा कि मांग को ध्यान में रखते हुए धार्मिक महत्व वाले क्षेत्र में चल रहे सभी प्रकार के खनन को प्रतिबंधित करने के लिए सरकार द्वारा पहले ही सैद्धांतिक सहमति दी जा चुकी थी। इसके बावजूद दिवंगत महंत विजयदास जी का निधन अत्यंत दुखद है।

श्री गहलोत ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा त्वरित निर्णय करके उक्त क्षेत्र की सभी वैध खनन गतिविधियां बंद कराने के निर्देश दिए जा चुके हैं। साथ ही इस भूमि को वन विभाग को हस्तातंरित कर दिया गया है। पूर्व में भी संतों की मांग पर सरकार द्वारा क्षेत्र में चल रही वैध खानों को बंद करवाया गया था। वर्तमान में 46 वैध खानों को बंद कराने और अन्यत्र स्थानान्तरित करने का कार्य किया जा रहा हैंं। साधु-संतों ने बातचीत में स्वीकार किया कि यह एक जटिल प्रक्रिया है। उन्होंने इसे दो महीने में पूर्ण की मांग की, जिस पर सरकार ने इस समयसीमा में सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया। श्री गहलोत ने कहा कि क्षेत्र के ग्रामीण जिनकी आजीविका खानों पर निर्भर थी, उनकी समझाईश करने में भी समय लगता है परन्तु फिर भी कार्य तेजी सेे आगे बढ़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय लोगों द्वारा जिला प्रशासन को दी गई मांगों में से डीग सीकरी मार्ग से पशुपति नाथ मंदिर तक सड़क निर्माण, दिवंगत महंत श्री विजयदास जी के नाम से द्वार का निर्माण तथा पशुपति नाथ मंदिर पहाड़ के ऊपर हाईमास्ट लाईट लगाने की मांगें स्वीकार कर ली गई है। वहीं पशुपति नाथ मंदिर के भव्य निर्माण व बिजलीघर स्वीकृत करने पर भी तेजी से कार्य किया जा रहा है।

इस दौरान पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने बताया कि पर्यटन एवं देवस्थान विभाग की टीमों द्वारा आदिबद्री तथा कनकांचल आदि क्षेत्रों का दौरा करके विकास के 84 कार्यों की पहचान की जा चुकी है। इनमें मुख्य रूप से आदिबद्री धाम में यात्री सुविधाओं का विकास, छतरी निर्माण, गौरी कुण्ड का जीर्णोद्धार, यात्रियों के लिए आरामगृह आदि कार्य हैं। इन कार्यों के लिए सर्वे किया जा चुका है तथा जल्द इनको पूरा करवाया जाएगा।

आदिबद्री के महंत शिवराम दास जी ने कहा कि पसोपा व आस-पास की स्थानीय जनता प्रशासन के कार्यों से संतुष्ट है और क्षेत्र में शांति एवं विकास की पक्षधर है। उन्होंने आदिबद्री और कनकांचल को वन विभाग को हस्तातंरित करने के ऎतिहासिक निर्णय के लिए प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया।

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