सीएए एक बड़ी मानव त्रासदी को जन्म देगा — यूरोपीय संसद

सीएए एक बड़ी मानव त्रासदी को जन्म देगा — यूरोपीय संसद


छोटा अखबार।
देश में चल रहा नागरिकता संशोधन क़ानून का मुदृदा खत्म होने की जगह बढ़ता ही जा रहा है। समाचार सूत्रों के अनुसार भारत के नागरिकता संशोधन क़ानून और कश्मीर पर चर्चा के लिए यूरोपीय संसद में यूरोपियन यूनाइटेड लेफ्ट/नॉर्डिक ग्रीन लेफ्ट (जीयूई/एनजीएल) समूह ने प्रस्ताव पेश किया है।



प्रस्ताव में बताया है कि नागरिकता संशोधन क़ानून भारत में नागरिकता देने की प्रक्रिया में एक ख़तरनाक बदलाव किया है। जिससे एक ऐसा संघर्ष जन्म लेगा जिससे कई लोग बिना देश के हो जाएंगे और सीएए एक बड़ी मानव त्रासदी को जन्म देगा।
29 जनवरी 2020 को इस प्रस्ताव पर यूरोपीय संसद में बहस होगी। इसके एक दिन बाद  मुद्दे पर संसद मतदान करेगी। दूसरी ओर भारतीय विदेश मंत्रालय से अब तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है।


 


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