रोगियों के इलाज में कोताही बर्दास्त नहीं -चिकित्सा मंत्री

रोगियों के इलाज में कोताही बर्दास्त नहीं -चिकित्सा मंत्री


छोटा अखबार।
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा और परिवहन मंत्री कोटा जिला प्रभारी प्रतापसिंह खाचरियावास ने शुक्रवार को कोटा के जेके लोन अस्पताल का निरीक्षण कर अस्पताल प्रबंधन की बैठक लेकर सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए। 



चिकित्सा मंत्री ने कहा कि अस्पताल में उपचार में कमी अथवा उपकरणों के अभाव में शिशुओं की मौत नहीं हो इसके लिए आवश्यक सभी प्रबन्ध समय पर पूरे किये जावें। उन्होंने कहा कि चिकित्सा सुविधाओं के लिए बजट की कमी नहीं है। उसका सदुपयोग कर समय पर उपकरणों की मरम्मत एवं सुविधाओं को दुरूस्त रखा जावे ताकि अस्पताल में आने वाले मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो। उन्होंने अस्पताल के नीकू वार्ड में सेन्ट्रल ऑक्सीजन सप्लाई के लिए आवश्यक निर्माण कार्य 15 जनवरी तक पूर्ण कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जेके लोन अस्पताल में हाडौती के साथ मध्यप्रदेश से भी प्रसूताएं एवं शिशु आते हैं ऎसे में उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग किया जाकर इस प्रकार की व्यवस्था करें कि सरकार की योजनाओं का लाभ मिलने के साथ शिशुओं को समय पर नियमित इलाज मिल सके।



उन्होंने संक्रमण रोकने के लिए अस्पताल में सफाई की माकूल व्यवस्था रखने एवं मरीजों के साथ आने वाले परिजनों के अलावा अनावश्यक भीड़ को प्रवेश नहीं देने के निर्देश दिये। उन्होंने जिला कलक्टर ओम कसेरा को अस्पताल की समय-समय पर जांच करने एवं उपकरणों की खरीद एवं साफ-सफाई व्यवस्था में सहायता के लिए मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान चिकित्सा मंत्री ने अस्पताल प्रबन्धन द्वारा बताई गई आवश्यकताओं को मौके पर ही स्वीकृति देकर अस्पताल में आवश्यक सुविधाओं के विस्तार के लिए भी प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिये। उन्होंने अस्पताल में बायोमेडिकल इंजिनियर की सेवाऎं लेने, रिक्त पदों पर सहायक प्रोफेसर की सेवाऎं लेने के प्रस्ताव की स्वीकृति प्रदान की। उपकरणों में 8 वेंटिलेटर, 28 रेग्यलाईजर, 10 पल्स ऑक्सीमीटर नये क्रय करने की स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने रामपुरा अस्पताल से शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राजकुमार काबरा को नियुक्त करने की भी स्वीकृति दी। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि अस्पताल परिसर में भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए नये वार्डो में मल्टी स्टोरी के प्रस्ताव तैयार करें।



उन्होंने जनरल वार्ड के 90 बैड की तीन यूनिट, नीकू की 36 वार्ड की 3 यूनिट एवं पीकू की 30 वार्ड की 3 यूनिट के प्रस्ताव तैयार कर सार्वजनिक निर्माण विभाग से तकमीना बनवाकर लिफ्ट का प्रावधान भी लिया जाकर 7 दिवस में प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अस्पताल के मुख्य द्वार एवं चारदिवारी के मरम्मत कार्य तथा वार्डो व भवन में आवश्यक मरम्त कार्य समय पर नियमित रूप से करवाने के निर्देश दिये। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार संवेदनशीलता के साथ इस प्रकरण पर निरन्तर निगरानी रखते हुए सुधारात्मक कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि दिसम्बर माह में अस्पताल में 1438 शिशु भर्ती हुए जिसमें से 49 शिशु क्रिटिकल अवस्था में रैफर होकर आये थे जिन्हें समुचित इलाज की सुविधा दी गई लेकिन प्रयासों के बावजूद उन्हें बचा नहीं पाये। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश के ज्वलन्त मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए शिशुओं की मौत को तूल दिया जाना प्रदेश एवं मानवता के हित में नहीं हैं। उन्होंने अस्पताल प्रशासन द्वारा 2015 से लगातार भिजवाये गये प्रस्तावों पर बजट उपलब्ध नहीं होने से सुविधाओं एवं भवन विस्तार नहीं होने की जानकारी देकर बताया कि अब प्रस्ताव तैयार करवाये जा रहे हैं जिसके लिए बजट की कमी नहीं रहेगी।


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