मैं नौजवानों को आग्रह करता हूं कि ज़रा पढ़िए इसको — प्रधानमंत्री

मैं नौजवानों को आग्रह करता हूं कि ज़रा पढ़िए इसको — प्रधानमंत्री



छोटा अखबार।
दिल्ली के रामलीला मैदान में पीएम मोदी जोर—जोर से ख़ूब बोले. NRC, CAA और मुसलमानों पर। उन्होंने कांग्रेस और उनके साथियों पर डिटेंशन सेंटर को लेकर झूठ बोलने का आरोप लगाया और कहा कि देश में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं है। भारत में किसी डिटेंशन सेंटर के ना होने के मोदी के दावे को उन्हीं की सरकार का एक जवाब झूठा साबित करता है।



पढ़िए प्रधानमंत्री का भाषण। 
कांग्रेस और उसके साथी, शहरों में रहने वाले कुछ पढ़े-लिखे नक्सली, अर्बन नक्सल ये अफवाह फैला रहे हैं कि सारे मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर में भेज दिया जाएगा। मैं हैरान हूं कि इस अफ़वाह पर पढ़े-लिखे लोग भी पूछ रहे हैं ये डिटेंशन सेंटर क्या होता है। कैसा झूठ। मीडिया वाले लोग पूछ रहे थे कि ज़रा बताइए डिटेंशन सेंटर कहां बना है। तो सामने वाले उनको कह रहे थे कि भई हमने सुना है इसलिए कह रहे हैं। कोई जवाब नहीं। झूठ चलाया जा रहा है। अरे भाई, कुछ तो अपनी शिक्षा की कद्र कीजिए। एक बार पढ़ तो लीजिए। ये संविधान संशोधन, NRC ये सब है क्या? आप तो पढ़े-लिखे लोग हो। मैं देश के नौजवानों को आग्रह करता हूं कि ज़रा पढ़िए इसको। अब भी जो भ्रम में हैं मैं उन्हें कहूंगा कि कांग्रेस और अर्बन नक्सलियों द्वारा उड़ाई गई डिटेंशन सेंटर की अफवाहें सरासर झूठ हैं। बद-इरादे वाली हैं। देश को तबाह करने के नापाक इरादे से भरी पड़ी है। ये झूठ है, झूठ है, झूठ है। जो हिंदुस्तान की मिट्टी के मुसलमान हैं, जिनके पुरखे मां भारती की संतान हैं, उन पर नागरिकता कानून और NRC दोनों का कोई लेना-देना नहीं है। देश के मुसलमानों को ना तो डिटेंशन सेंटर में भेजा जा रहा है, ना तो हिंदुस्तान में कोई डिटेंशन सेंटर है। भाइयों बहनों ये सफेद झूठ है। 


पढिए दिलीप कुमार शर्मा की खास रिर्पोट
माटिया, असम से
दरअसल, दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया कि भारत में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं है और उन्होंने इसे अफ़वाह बताया था।
हालांकि प्रधानमंत्री मोदी के दावे के विपरीत असम के माटिया गांव में ढाई हेक्टेयर ज़मीन में ये देश का पहला और सबसे बड़ा डिटेंशन सेंटर बनाया जा रहा है।



इस डिटेंशन सेंटर का निर्माण कार्य देख रहे साइट इंचार्ज रॉबिन दास ने बीबीसी से कहा, "मैं साल 2018 के दिसंबर से इस डिटेंशन सेंटर के निर्माण का काम-काज देख रहा हूं। इसी माटिया गांव में बीते साल दिसंबर से इस डिटेंशन सेंटर का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। इस डिटेंशन सेंटर में तीन हज़ार लोगों को रखने का इंतज़ाम किया जा रहा है।


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यहां महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग सेल बनाए गए हैं। हमने डिटेंशन सेंटर का 70 फ़ीसदी काम पूरा कर लिया है। बिना किसी छुट्टी के क़रीब 300 मज़दूर इस निर्माण कार्य को पूरा करने में लगे है। इस निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए 31 दिसंबर 2019 की डेडलाइन मिली थी।



लेकिन मुझे पूरी उम्मीद है कि हम 31 मार्च 2020 तक इस विशाल भवन के निर्माण से जुड़ा सारा काम पूरा कर लेंगे। दरअसल, बारिश के दिनों में होने वाली परेशानी के चलते काम थोड़ा धीमा पड़ गया था।
इस डिटेंशन सेंटर के निर्माण पर होने वाले ख़र्च से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए रॉबिन दास ने कहा, इसके निर्माण में कुल 46 करोड़ रुपए ख़र्च किए जाएंगे जो केद्रीय गृह मंत्रालय दे रहा है। साइट इंचार्ज दास दावा करते हैं कि अमरीका में मौजूद डिटेंशन सेंटर के बाद ये दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा डिटेंशन सेंटर होगा। इसके अंदर अस्पताल और ठीक गेट के बाहर प्राइमरी स्कूल से लेकर सभागार और बच्चों और महिलाओं की विशेष देखभाल के लिए तमाम सुविधाएं होगी।



फिलहाल असम की अलग-अलग छह सेंट्रल जेलों में बने डिटेंशन सेंटरों में 1133 घोषित विदेशी लोगों को रखा गया है। ये जानकारी संसद में गृह राज्य मंत्री जीके रेड्डी ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर के सवाल के जवाब में जुलाई में दी थी, ये 25 जून तक का आंकड़ा है। 


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इस साल 31 अगस्त को नेशनल सिटिज़न रजिस्टर यानी एनआरसी की जो आख़िरी लिस्ट जारी हुई थी उसमें 19 लाख लोगों का नाम शामिल नहीं किया गया हालांकि इस एनआरसी को लेकर सत्तारूढ़ प्रदेश भाजपा बिल्कुल ख़ुश नहीं है।



केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में संसद के भीतर में पूरे देश में एनआरसी लागू करने की बात कही थी। यानी उस समय फिर से असम में एनआरसी का काम किया जाएगा।जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने नई दिल्ली में कहा, जो हिंदुस्तान की मिट्टी के मुसलमान हैं। जिनके पुरखे मां भारती की संतान हैं। भाइयों और बहनों, उनसे नागरिकता क़ानून और एनआरसी दोनों का कोई लेना-देना नहीं है। देश के मुसलमानों को ना डिटेंशन सेंटर में भेजा जा रहा है, ना हिंदुस्तान में कोई डिटेंशन सेंटर है। भाइयों और बहनों, ये सफेद झूठ है, ये बद-इरादे वाला खेल है, ये नापाक खेल है। मैं तो हैरान हूं कि ये झूठ बोलने के लिए किस हद तक जा सकते हैं।


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जो डिटेंशन सेंटर भारत सरकार के पैसों से बन रहा हो उसके बारे में प्रधानंमंत्री ऐसा कैसे बोल सकते है? यहां आने वाले सबको पता है कि यह डिटेंशन सेंटर बन रहा है जो एशिया का सबसे बड़ा डिटेंशन सेंटर होगा।


 


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