संघ के संघ ने वित्त मंत्री की घोषणाओं पर की आपत्ति


संघ के संघ ने वित्त मंत्री की घोषणाओं पर की आपत्ति


छोटा अखबार।


शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा की गई घोषणाओं की आलोचना करते हुये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंध रखने वाले भारतीय मजदूर संघ ने कहा है कि सरकार एक तरह से निजीकरण को बढ़ावा दे रही है जिससे नौकरियों को नुकसान पहुंचेगा। देश में इस समय सार्वजनिक क्षेत्र बहुत अहम किरदार निभा रहा है। जब बाजार और निजी संस्थाएं लॉकडाउन के चलते बंद हैं तो सार्वजनिक क्षेत्र का महत्व और भी बढ़ जाता है।



संघ के महासचिव बृजेश उपाध्याय का कहना है कि वित्त मंत्री द्वारा की गई घोषणाओं से निराशा हुई है। सरकार ट्रेड यूनियन और सामाजिक प्रतिनिधित्व करने वालों से बातचीत करने और सुझाव लेने में झिझक रही है। प्रतित होता है कि सरकार को खुद की सोच पर भरोसा नहीं है। जो कि निंदनीय है। भारतीय मजदूर संघ पहले से ही कॉरपोरेटकरण और निजी करण का विरोध कर चुका है। लगता है, हमारे नीति निर्माताओं के लिए सुधार और प्रतिस्पर्धा का मतलब निजीकरण है। पर हमने हाल ही में अनुभव किया है कि संकट के समय में निजी क्षेत्र से ज्यादा सार्वजनिक क्षेत्र महत्वपूर्ण किरदार निभा रहा है।
संघ का कहना है कि किसी भी बदलाव का सबसे पहले बुरा असर कर्मचारियों पर ही पड़ता है। निजीकरण का मतलब नौकरी चला जाना है। इससे गुणवत्ता पूर्ण कार्य भी नहीं होगा और  मुनाफा कमाने पर जोर दिया जाएगा। वहीं कर्मचारियों का शोषण भी होगा। कहा कि डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में एफडीआई को बढ़ावा देना, ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का कॉरपोरेटकरण करना आपत्तिजनक है। 



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