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सीएए क़ानून पर प्रदेश सरकारों से बात करे केन्द्र सरकार -संघ

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सीएए क़ानून पर प्रदेश सरकारों से बात करे केन्द्र सरकार -संघ छोटा अखबार। सोमवार 16 मार्च 2020 को बंगलुरु में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी ने केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर कहा है कि की मौजूदा सरकार को इसे लेकर प्रदेश सरकारों से बात करनी चाहिए। केंद्र सरकार का फर्ज़ है कि वो मुद्दों को लेकर राज्य सरकारों से बात करें और उनके साथ सहमति बनाए। बता दे कि देश में अब तक कुल ग्यारह राज्य विवादित नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में प्रस्ताव पास कर चुके है। इन राज्यों में में केरल, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, तमिलनाडु, पुदुच्चेरी, बिहार, पंजाब, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और दिल्ली शामिल हैं। जोशी ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को इस मामले में अपने मतभेदों को दूर कर समाधान खोजना खेजना  चाहिए। इस मामले में केवल भाजपा ही नहीं बल्कि सभी राजनीतिक दलों को आगे आना चाहिए और इस पर चर्चा करनी चाहिए। इस मामले में भाजपा को पहल करनी चाहिए क्योंकि सत्ता में है तो उनकी ज़िम्मेदारी है।

कोरोना का डर अब मंदिरों में भी

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कोरोना का डर अब मंदिरों में भी छोटा अखबार। देश में लगता है कि कोरोना वायरस का डर अब मंदिरों के दरवाज़े तक पहुंच गया है। सोमवार को मुंबई के सिद्धि विनायक मंदिर प्रशासन ने घोषणा की है कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से वे मंदिर बंद कर रहे हैं। मुंबई समाचार सूत्रों के अनुसार सिद्धि विनायक मंदिर अगले आदेश तक बंद रहेगा। बताया जा रहा है कि देश में महामारी शुरू होने के बाद से ही मंदिर प्रशासन नियमित रूप से साफ़-सफ़ाई का ख्याल रख रहा था। वहीं दुसरी ओर मंदिर में काम करने वाले लोगों को और दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं को मास्क और हैंड सैनिटाइज़र मुहैया कराया जा रहा था।  मंदिर प्रशासन का कहना है कि महाराष्ट्र सरकार की अपील के बाद मंदिर प्रशासन ने ये फ़ैसला लिया। समाचार सूत्रो का यह भी कहना है कि जम्मू स्थित वैष्णो देवी मंदिर में भी आने वाले श्रद्धालुओं को थर्मल स्कैनर से जांच के बाद ही जाने की इजाजत दी जा रही है।

राज्यपाल दारू पीता है और गोल्फ़ खेलता है — गोवा गवर्नर 

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राज्यपाल दारू पीता है और गोल्फ़ खेलता है — गोवा गवर्नर  छोटा अखबार। गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि गवर्नर का कोई काम नहीं होता है। कश्मीर में जो गवर्नर होता है वो अक्सर दारू पीता है और गोल्फ़ खेलता है। समाचार सूत्रों के अनुसार एक वीडियो में उन्हें ये कहते सुना जा सकता है कि बाकी जगह तो गवर्नर होते हैं वो आराम से रहते हैं, किसी झगड़े में पड़ते नहीं हैं। मुझे बिहार में भेजा गया, कोशिश की वहां शिक्षा में सुधार करने की। वहां 110 कॉलेज थे नेताओं के, जिनमें एक भी अध्यापक नहीं था। बीएड का दाखिला करते थे, तीस लाख रुपये देते थे। मैंने सारे खत्म किए और सेंट्रलाइज्ड इम्तिहान कराया। आपको बता दें कि सत्यपाल मलिक गोवा से पहले जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रह चुके हैं।  

गुजरात में कांग्रेस को झटका

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गुजरात में कांग्रेस को झटका छोटा अखबार। गुजरात में 26 मार्च को होने वाले चार राज्यसभा सीटों के चुनावों से पहले कांग्रेस के चार विधायकों ने शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी को अपना इस्तीफ़ा दे दिया है। जिसे स्पीकर ने स्वीकार कर लिया है। समाचार सूत्रों के अनुसार अध्यक्ष आज इस्तीफ़ा देने वाले विधायकों के नाम की घोषणा कर सकते हैं।त्रिवेदी ने बताया कि कांग्रेस के चार विधायकों ने शनिवार को मुझे अपना इस्तीफ़ा सौंपा है। उनके नामों की घोषणा मै सोमवार को विधानसभा में करूंगा। गुजरात में इस घटना के बाद 182 सदस्यों वाले गुजरात विधानसभा में अब कांग्रेस की संख्या 73 से घटकर 69 हो गई है।

जयपुर में बजरी माफियाओं पर एफआईआर दर्ज

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जयपुर में बजरी माफियाओं पर एफआईआर दर्ज छोटा अखबार। बजरी के अवैध खनन, परिवहन एवं भण्डारण के खिलाफ जयपुर जिले में जिला कलक्टर डॉ.जोगाराम के निर्देशन में कार्यवाही की जा रही है। शुक्रवार को राजस्व विभाग, खनिज विभाग एवं पुलिस के संयुक्त दल द्वारा त्रिवेणी नगर पुलिया के पास बजरी मण्डी में की गई कार्यवाही में जब्त बजरी की चोरी के सम्बन्ध में रविवार को शिप्रापथ थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। रविवार को हुई इस घटना के दौरान पिकअप चालक जब्त बजरी भरी पिकअप को भगाते हुए मौके से ले गया। शनिवार को सुमेल रोड पर भी बजरी के अवैध भण्डारण की शिकायत मिलने पर कार्यवाही की गई। खनिज अभियंता अनिल गुप्ता ने बताया कि त्रिवेणी नगर पुंलिया पर शुक्रवार को की गई कार्यवाही में 40 टन बजरी जब्त की गई थी। इसमें से 20 टन बजरी पुलिस थाने में रखवा दी गई थी जबकि 20 टन मौके पर ही स्थानीय निवासी निरंजनलाल सोनी नामक व्यक्ति को सुपुर्द किया गया था। रविवार सुबह गुप्ता जब वहां निरीक्षण के लिए गए तो इस बजरी को एक पिकअप संख्या आर जे-14 जीडी 4347 में भरा जा रहा था। इस जब्त बजरी को पिकअप में भरने से मना करते हुए पिकअप को जब्त किया

मध्यप्रदेश में विधानसभा कार्यसूची से फ्लोर टेस्ट गायब 

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मध्यप्रदेश में विधानसभा कार्यसूची से फ्लोर टेस्ट गायब  छोटा अखबार।  सोमवार 16 मार्च 2020 से शुरूहो रहे वाले मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र की कार्यसूची जारी हुई, तो उसमें फ्लोर टेस्ट का ज़िक्र नहीं होने पर भारतीय जनता पार्टी ने नाराज़गी व्यक्त की  है। मध्यप्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम अचानक पलटा खाने से बीजेपी के मनसूबों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। बीजेपी का कहना है कि शनिवार को राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा था कि सोमवार को विधानसभा में उनके अभिभाषण के फ़ौरन बाद कमलनाथ सरकार को फ्लोर टेस्ट का सामना करके बहुमत साबित करना होगा। वहीं दुसरी ओर स्थिति ये है कि राज्यपाल के कहने के बावजूद सोमवार के लिए विधानसभा की कार्यसूची में फ्लोर टेस्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। जब मुख्यमंत्री कमलनाथ से फ्लोर टेस्ट के बारे में पूछा तो उन्होंने मीडिया से ऑल इज़ वेल कहा था। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार देर रात एक बयान में कहा कि मुझे राज्यपाल का फोन आया था, विधानसभा शांतिपूर्वक चले इसे लेकर हमारे बीच चर्चा हुई है।‬ मैं भी यह चाहता हूं कि विधानसभा शांतिपूर्वक चले और इसके लिए मै कल स्पीकर से चर्चा करूंगा।

अमित शाह से कमलनाथ का निवेदन 22 विधायकों को सुरक्षित वापस आने दिया जाए

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अमित शाह से कमलनाथ का निवेदन 22 विधायकों को सुरक्षित वापस आने दिया जाए छोटा अखबार। मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने शनिवार देर रात अपने बयान में कहा कि सोमवार को विधानसभा में उनके अभिभाषण के फौरन बाद फ्लोर टेस्ट कराया जाए। वहीं विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि विश्वासमत पर होने वाली वोटिंग की पूरी कार्यवाही की वीडियोग्राफी भी कराई जाए। दुसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर मुख्यमंत्री कमलनाथ पर कांग्रेस के बाग़ी 22 विधायकों को धमकाने और प्रलोभन देने का आरोप लगाया है। समाचार सूत्रों के अनुसार 22 में से 19 विधायक बंगलुरु में मौजूद हैं। उन्होंने ईमेल भेज कर राज्यपाल को चिट्ठी लिखी है। जिसमें सुरक्षा कारणों की वजह से प्रदेश लौटने में असमर्थता जताते हुए उन्होंने अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई है। मध्य प्रदेश में चल रहे राजनीति संकट के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ की एक चिट्ठी की चर्चाएं ज़ोरों पर है। ये चिट्ठी देश के गृह मंत्री अमित शाह के नाम लिखी है। चिट्ठी में उन्होंने अमित शाह से निवेदन किया है कि बंगलुरु गए उनके 22 विधायकों को सुरक्षित वापस आने दिया जाए जिससे वो