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HAS VASUNDHARA RAJE TAKEN RETIREMENT OR IS SHE ANGRY WITH BJP?

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HAS VASUNDHARA RAJE TAKEN RETIREMENT OR IS SHE ANGRY WITH BJP?   CHHOTA AKHBAR. After winning the Rajasthan Assembly elections, Bharatiya Janata Party has started preparing for the Lok Sabha elections. The meeting of party leaders has started. In this sequence, on Friday, a big meeting of BJP was held at Hotel Rajsthali in the capital Jaipur. In this meeting, Chief Minister Bhajan Lal Sharma, State Party President CP Joshi, Rajasthan in-charge Arun Singh, Chhattisgarh in-charge Om Mathur, Union Ministers Gajendra Singh Shekhawat, Arjun Ram Meghwal, Kailash Choudhary, Government Whip in Assembly Jogeshwar Garg, former State President Satish Poonia, former Leader of Opposition. Many other leaders including Rajendra Rathore were present. But former Rajasthan Chief Minister Vasundhara Raje did not attend this meeting. This is the third time since BJP's victory in Rajasthan and the swearing in of Chief Minister Bhajan Lal Sharma, that Vasundhara Raje did not attend the party meeti

PRIME MINISTER ISSUED CODE OF CONDUCT FOR 5 YEARS IN RAJASTHSN

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PRIME MINISTER ISSUED CODE OF CONDUCT FOR 5 YEARS IN RAJASTHSN   CHHOTA AKHBAR. This is the first time that a Prime Minister spent three days in the state. During his three-day stay, Prime Minister Narendra Modi has issued a code of conduct for the state. Now work will be done in the state under the code of conduct issued by Modi. According to the Code, now no MLA will be the regional Chief Minister in the government like before, the MLAs themselves will work within their scope and under their authority. MLAs will not interfere in the posting of Collector and SP to Police Station Officers. Because till now in the governments, postings from Collector to SP to Patwari and from officer to peon were done on the recommendation of the regional MLA. In such a situation, the Prime Minister believes that there were complaints of corruption in all these works. This also indicates that now the custom of Desire may end in Rajasthan like Gujarat. At the same time, no MP or MLA will behave ins

IT AGAINST DECORUM FOR PM MODI TO TOUCH THAT STATUE -SHANKARACHARYA

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  IT AGAINST DECORUM FOR PM MODI TO TOUCH THAT STATUE -SHANKARACHARYA   CHHOTA AKHBAR. Puri's Shankaracharya Swami Nischalanand Saraswati recently announced that he will not participate in the Pran-Pratishtha Mahotsav of Ram Lalla. He has expressed strong objection that Modi should touch the idol of Lord Shri Ram there and I should stand there and clap, this cannot happen. This is against decorum. Yesterday in Ratlam, Swami Nischalanand Saraswati said that PM Modi touching that idol is against decorum. Therefore, they cannot witness such violation of decorum. I received an invitation that I could attend the event with only one person. The kind of politics that is happening in Ram temple should not happen. Let us tell you that Swami Nischalanand is a saint of Puri who has followers both in the country and abroad. He is the only saint in the world from whom even the United Nations and the World Bank have taken advice. On 18 April 1974, at the age of 31, he attained the Sannyasa

PRAN PRATISTHA MAHOTSAV OR LOKSABHA ELECTION PRATISTHA MAHOTSAV IN AYODHYA

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PRAN PRATISTHA MAHOTSAV OR LOKSABHA ELECTION PRATISTHA MAHOTSAV IN AYODHYA   CHHOTA AKHBAR. As the Pran Pratistha Mahotsav of Lord Shri Ram in Ayodhya is coming closer, the atmosphere of coaxing and confrontation is increasing. On one hand, the Central Government is being accused of giving priority to its supporters and fans in the festival and politicizing a religious event. On the other hand, the opposition is also in a dilemma whether to attend the function or not. Apart from this, some people did not even get the invitation, so they are getting furious that are we not Hindus, are we not Ram devotees. If politics is being played while attending such a function then it is not right. If the government gives priority to factionalism even for a spiritual festival of the country, then it is show-off, backbiting and a conspiracy. There is no spiritual festival at all. Since the entry of malice is prohibited in spirituality. That is why this festival has now become an arena of poli

LIST OF DEPARTMENTS CAN BE OPENED TODAY IN RAJASTHAN

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LIST OF DEPARTMENTS CAN BE OPENED TODAY IN   RAJASTHAN   CHHOTA AKHBAR. The way the state had to wait for the formation of the cabinet after the oath of the CM. Now the same wait is visible in the division of departments also. But according to special sources, this wait may end today. The special thing is that these days senior BJP leader Om Prakash Mathur is also present in Jaipur. Shri Mathur celebrated his birthday yesterday on Tuesday by visiting Govind. A grand feast was also organized on this occasion. All ministers and MLAs were also invited to the banquet. It is being speculated that Rajnath Singh had brought the slip for the announcement of the Chief Minister in the state and this time Om Mathur has brought the slip for the departments. It is also discussed that the slips of the departments have been handed over to Chief Minister Bhajan Lal Sharma yesterday and today on Wednesday the slips will be opened and the departments will be announced through the media. There is

नये साल में नये मंत्री विभागों की भाग—दौड़ में

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 नये साल में नये मंत्री, विभागों की भाग—दौड़ में छोटा अखबार। प्रदेश में मुख्यमंत्री की शपथ लेने के लंबे इंतजार के बाद सरकार ने अपना मंत्रिमंडल बना ही लिया। अब बारी आाती है मंत्रियों को महकमे बांट ने की। महकमाओं के बंटवारों को लेकर मंत्रियों द्वारा लॉबिंग शुरू हो गई है। कई मंत्री साल के अंतिम दिन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मिले तो कुछ मंत्री प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी से मिले। संचार माध्यमों के अनुसार सरकार को महकमे बांटने के लिये पांच से छह दिन लग सकते है या यूं कहे कि महकमों की पर्ची पांच से छह दिन में देदी जायेगी।  संचार माध्यमों का यह भी कहना है कि बडे नाम वाले मंत्री बडे और महत्वपूर्ण विभाग लेने की चाहत रखते है और इसी के जुगाड़ में लगे हुये है। खास बात यह कि इन दिनों में भाजपा के वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश माथुर भी जयपुर में मौजूद हैं। यह कयास लगाया जा रहा है कि इस बार विभागों की पर्ची ओम माथुर लेकर आये है। संचार माध्यमों में यह भी चर्चा है कि संघ का फॉकस शिक्षा पर है। कयास ये लगाया जा रहा है कि शिक्षा का महकमा किसी संघ पृष्ठभूमि के मंत्री को दिया जायेगा।   

मुख्यमंत्री का शपथ समारोह 2023

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 मुख्यमंत्री का शपथ समारोह 2023

विद्याधर नगर के लोग जानना चाहते है, दीया की अग्नि परीक्षा को

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 विद्याधर नगर के लोग जानना चाहते है, दीया की अग्नि परीक्षा को  छोटा अखबार।   प्रदेश में आज विधानसभा चुनाव के लिये नामांकन का तीसरा दिन है। प्रदेश में शुभ मुर्हूत और शुभ चौघड़िये में प्रत्याशियों का नामांकन दाखिल करने का दौर जारी है। राजधानी जयपुर में भी विद्याधर नगर क्षेत्र से प्रत्याशी दीया कुमारी ने भी अपना नामांकन दाखिल कर दिया है।  नामांकन से पहले दीया कुमारी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि प्रदेश में राम राज्य की स्थापना करने की जरूरत है और होनी भी चाहिए। भगवान करें कि आपकी मुराद पूरी हो। आगे उन्होने कहा कि मैं पहले सवाई माधोपुर से विधायक रही, फिर राजसमंद से सांसद हूं। 10 साल से राजनीति में हूं और मुझे लगता है मैंने अग्नि परीक्षा भी दी है। लेकिन विद्याधर नगर विधानसभा की जनता दीया से, ये जानना चाहती है कि सवाई माधोपुर और राजसमंद में उन्होने राम राज्य की स्थापना की है क्या? अगर की है तो जनता को बताएं और नहीं की है तो यहां इस तरह की बातों का क्या मतलब है। जनता यह भी जानना चाहती है कि उन्हे कैसे लगा कि उन्होने अग्नि परीक्षा कहां और कैसे दी। क्योंकि जनता कहती है कि पूरे संसार में अग्नि परीक्ष

मैं खुद मुख्यमंत्री हूं, तब भी सभी फैसले मेरी मर्जी से नहीं हो सकते?

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  मैं खुद मुख्यमंत्री हूं, तब भी सभी फैसले मेरी मर्जी से नहीं हो सकते? छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 4 दिन बाद आज दिल्ली से जयपुर लौटे हैं विशेष विमान से। दिल्ली में टिकट वितरण की खीचड़ी पकाके, अपने लवाजमें के साथ। और वे एयरपोर्ट पर ही संचार माध्यमों के जरीये जनता को संदेश देते है कि मैं खुद मुख्यमंत्री हूं, तब भी सभी फैसले मेरी मर्जी से नहीं हो सकते? तो सवाल ये है कि आखिर जनता और प्रदेश के सभी फैसले किस की मर्जी से होगें। यदि फैसलों में आपकी मर्जी नहीं चलती है, तो आप लवाजमें के साथ दिल्ली क्यों जाते हो। ये सवाल मेरा नहीं प्रदेश की 12 करोड़ जनता का है। ये सवाल हर वो मतदाता का है जो आपकी पार्टी के उम्मीदवार को विधानसभा 2023 में मतदान करेगा।  आपने तो तपाक से कह दिया कि सभी फैसले मेरी मर्जी से नहीं हो सकते? जब फैसले लेने की घड़ी आयेगी तो, आप तो जनता को कह देंगे कि मैंने तो चुनाव से पहले ही कह दिया था कि सभी फैसले मेरी मर्जी से नहीं हो सकते? तो फिर बात वहीं आयेगी की इसकी गारंटी कौन लेगा। क्योंकि आप हि कहते हो कि गारंटियों की चर्चा देशभर में है। आपने ने तो संचार माध्यमों के जरीये कह दि

सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बड़े बोल

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सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बड़े बोल छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बड़े बोल, सोशल मीडिया में उन्होने कहा है कि सिर्फ 24 घन्टे में 1 लाख+ रजिस्ट्रेशन हेतु बहुत-बहुत धन्यवाद राजस्थान। आपका यह विश्वास ही हमारी प्रेरणा है।  गहलोत के पास उपलब्ध आंकडो के अनुसार ये बात सही भी हो सकती है। लेकिन उन्हे ये भी पता है कि आंकडे कैसे और कौन बनाता है। उन्हे शायद ये भी पता होगा कि भाजपा ने भी कुछ इसी तरह के आंकड़ो से अपने आपको सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी होने की घोषणा की थी। लेकिन परिणाम 2018 में हुए आम चुनावों में क्या आया, शायद ये बताने की जरूरत नहीं है। वैसे भी गारंटी कहां जाती है, वो सब आप सभी सयानों को पता है। जनता इतनी भी नहीं है जितना आप लोग समझते हो। ये सब जानती है।  गहलोत साहब ये बात सही है कि जानवर को कांकड़े और सरकार को आंकड़े पसंद है। लेकिन यहां आंकड़ो से नहीं वोट से काम चलता है। इस बात का पता 3 दिसंबर 2023 को चलेगा कि कितने लोगों ने 7 गारंटी को रजिस्ट्रेशन किया है।   

सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के दफ्तर पर आयकर विभाग की छानबीन

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सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के दफ्तर पर आयकर विभाग की छानबीन छोटा अखबार।  सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के ठिकाने पर आयकर विभाग की टीम पहुंची। संचार माध्यमों के अनुसार उदयपुर में आंजना के दफ्तर पर चार गाड़ियों में करीब 8 से 10 लोग पहुंचे। ये लोग आयकर विभाग की टीम के बताये गये है। आईटी विभाग टीम मंत्री के दफ्तर में छानबीन कर रही हैं। लेकिन यह कार्रवाई किस मामले में की जा रही है, इसकी ठोस जानकारी अभी नहीं मिली है।  मामला आज दोपहर 2 बजे के बाद का है। जानकारी के अनुसार दफ्तर का ताला बंद कर छानबीन की कार्यवाही की जा रही है। संचार माध्यमों का कहना है कि उदयपुर में आंजना के दफ्तर पर पहुंचने से पहले आयकर विभाग की टीम ने पुणे में छानबीन की थी। वहीं मंत्री आंजना अभी उदयपुर में नहीं हैं। हालांकि अभी यह साफ नहीं हो सका है कि पुणे में छानबीन कहां और किसके यहां की गई। 

बगावती सुर-तेवर से जुझ रही भाजपा की कल बुधवार को सांवरिया जी में महत्वपूर्ण बैठक

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 बगावती सुर-तेवर से जुझ रही भाजपा की कल बुधवार को सांवरिया जी में महत्वपूर्ण बैठक भूपेन्द्र औझा  छोटा अखबार। समन्वय! मेवाड़ - वागंड में अपनों के बगावती सुर-तेवर से जुझ रही भाजपा की कल बुधवार को सांवरिया जी में उदयपुर संभाग की महत्वपूर्ण बैठक हो रही है। बैठक की आपको अहमियत का इसी से अंदाजा हो जाएगा कि,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ श्रेत्रिय प्रचारक नीमाराम जी, चितौड़गढ़ प्रांत प्रचारक विजयानंद जी, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सी पी जोशी, दिल्ली भाजपा संगठन महामंत्री पवन राणा, उदयपुर संभाग भाजपा प्रभारी दामोदर अग्रवाल, सांसद कनकमल कटारा के बैठक में भाग लेने के संकेत हैं। केन्द्रीय मंत्री एवम राजस्थान भाजपा चुनाव  प्रबंधक प्रहलाद जोशी, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह के भी कल बुधवार को उदयपुर संभाग सांवरिया जी बैठक में  भाग लेने की संभावना है। सांवरिया जी बैठक में संघ चितौड़गढ़ प्रांत तथा उदयपुर  संभाग के बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, उदयपुर, राजसमंद, चितौड़गढ़, भीलवाड़ा जिले के भाजपा जिला प्रभारी,विस्तारक, जिलाध्यक्ष के साथ उनके जिले के विधानसभा क्षेत्रों की संघ एवम भाजपा प्रदेश नेतृत्व द्वारा वहां की मौजूद

एक नजर टिकटों के घमासान पर

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  एक नजर टिकटों के घमासान पर भूपेंद्र औझा  छोटा अखबार। भाजपा में दो कांग्रेस  ओर एक आरएलपी नेताओं को शामिल  कर चुनाव मैदान में उतारने की कवायद अंतिम चरण में होने के संकेत हैं। भाजपा नेतृत्व के खासे निकट सूत्रों मुताबिक चूरू जिले मे कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे पूर्व मंत्री, चन्दनमल वैद्य के सुपूत्र तारानगर पूर्व विधायक सी आर वैद्य, सादुलपुर राजगढ़ पूर्व कांग्रेस विधायक नंदलाल  पुनिया ओर उदयपुर  जिले मे आरएलपी के प्रमुख नेता उदयलाल डांगी को  कल परसों में भाजपा सदस्य ग्रहण कराने की खासी चर्चा है। भाजपा  परिवार में शामिल कर डॉ वैद्य को चूरू जिले की सरदारशहर सीट से, पूर्व विधायक नंदलाल पुनिया की पुत्रवधू सुमित्रा पुनिया को कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया के सामने सादुलपुर राजगढ़ सीट पर तथा वल्लभनगर उपचुनाव में भाजपा से बगावत कर आर एलपी उम्मीदवार चुनाव मैदान में दूसरे स्थान पर रहने वाले उदयलाल डांगी को वल्लभनगर सीट से भाजपा उम्मीदवार चुनाव मैदान में उताराने की संभावना है। ब्राह्मण बाहुल्य उदयपुर, चितौड़गढ़, राजसमंद जिले में भाजपा की जारी दोनों सूची में किसी भी ब्राह्मण को उम्मीदवार घोषित नहीं

नाराजगियों के बारूद में विस्फोट, मुस्लमान और संघ को तवज्जोह नहीं

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  नाराजगियों के बारूद में विस्फोट, मुस्लमान और संघ को तवज्जोह नहीं अशोक शर्मा  छोटा अखबार। राजस्थान में राजनीतिक महाभारत शुरू हो गई है। कांग्रेस और भाजपा दोनों की सेनाएं मैदान में उतर रही हैं लेकिन दोनों पार्टियों ने  उम्मीदवारों को टिकट देने में जो पैतरेबाजी की, उससे पार्टियों में आपस में ही घमासान मच गया। कांग्रेस में कम, भाजपा में बहुत ही ज्यादा। इस समय भाजपा की हालत सबसे ज्यादा खराब है। मात्र चार दिनों में ही चित्तौड़गढ़, राजसमंद, कोटा, उदयपुर, सोजत, अलवर, बूंदी, सांगानेर और छबडा में विरोधी भाजपाई सड़कों पर उतर आए हैं, वे बहुत ज्यादा गुस्से में हैं। इनमें सबसे ज्यादा गुस्सा चित्तौड़गढ़ के सांसद और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के प्रति है। सीपी जोशी का पुतला फूंक दिया तो उधर राजसमंद में भाजपा के आफिस में तोडफोड कर दी। यद्यपि दोनों ही पार्टियों के लगभग 70 प्रतिशत उम्मीदवार घोषित हो गए हैं और यहां एक मजेदार बात देखने को मिली कि जहां भाजपा में वसुन्धरा समर्थक लगभग सभी उम्मीदवारों को टिकट दे दिया गया वहीं दूसरी ओर कांग्रेस में गहलोत के खास तीनों मंत्रियों के टिकटों का अभी तक अता-पता नह

प्रदेश में कांग्रेस की दूसरी सूची हुई जारी, कई नेताओं को लगा जोर का झटका धीरे से

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प्रदेश में कांग्रेस की दूसरी सूची हुई जारी, कई नेताओं को लगा जोर का झटका धीरे से

प्रियंका वाड्रा अनफिट, राजस्थान को नहीं होगा कोई फायदा

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  प्रियंका वाड्रा अनफिट, राजस्थान को नहीं होगा कोई फायदा अशोक शर्मा छोटा अखबार। प्रियंका वाड्रा, कांग्रेस पार्टी की महासचिव। वे दो दिन पहले दौसा आई थीं। वहां उसने पीएम मोदी को लेकर जो कुछ कहा उसने प्रियंका की ही शख्सियत को हल्का किया। पहले प्रियंका ने मालासेरी डूंगरी के मंदिर में बंद लिफाफे में दिये गए 21 रूपए का राग अलापा और उसके बाद भाजपा के मोदी फेस पर चुनाव लडने की बात पर चुटकी ली कि क्या मोदी राजस्थान के सीएम बनेंगे। और तीसरा यह कि यहां बीजेपी के सभी नेता खुद को सीएम घोषित कर रहे हैं। दो टूक,ये वो घिसी-पिटी बातें हैं जो कई बार उछाली जा चुकी हैं। अब इन बातों का कोई मतलब नहीं। राजस्थान के चुनाव से जस्ट पहले प्रियंका की यह पहली सभा थी अतः उन्हें मंच पर आने से पहले होमवर्क करके आना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस स्पीच ने प्रियंका की शख्सियत को ही हल्का किया। अतः प्रियंका का राजस्थान आने का कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होगा। जबकि वे कांग्रेस की महासचिव हैं, आश्चर्य कि उनकी दादी कुशल राजनीतिज्ञ थीं, उनके पिता भारत के पीएम रहे, उनके भाई राहुल की अपनी राजनीतिक शख्सियत है लेकिन प्रियंका ने

गहलोत की गद्दी पर फेवीकोल लगा है या उनके नीचे?

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 गहलोत की गद्दी पर फेवीकोल लगा है या उनके नीचे?  सुरेन्द्र चतुर्वेदी छोटा अखबार। राजनीति में कुछ भी हो सकता है। कुछ भी यानि कुछ भी। सुई में धागे की तरह हाथी भी निकल सकता है। कम से कम कांग्रेस में तो यही हो रहा है। कल तक एक दूसरे की प्रभुसत्ता को मिट्टी में मिला देने की कसम खाने वाले अशोक गहलोत और सचिन पायलट टिकिट के बंटवारे में लगभग एक मत हो गए हैं।गहलोत ने कह दिया है कि मानेसर के बाड़े में बग़ावत करने वाले अधिकांश विधायकों को पुनः टिकिट दिया जा रहा है तो सचिन उनसे दो क़दम आगे निकल कर कह रहे हैं कि जिताऊ  उम्मीदवार कोई हो उसे टिकिट दिया जाना चाहिए भले ही उसने सोनिया जी की अवमानना ही क्यों न की हो। ज़ाहिर है कि सचिन अब शान्ति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेन्द्र राठौड़ को टिकिट दिए जाने के विरोधी नहीं। अंदर खाने सचिन और गहलोत यह समझ गए हैं कि एक दूसरे का साथ नहीं दिया गया तो नुक़सान दोनों का ही होगा। अशोक गहलोत अच्छी तरह से जानते हैं कि सचिन पायलट मुख्यमंत्री बनने का जो सपना देख रहे हैं उसके लिए उनके पास इस बार भी संख्या बल उनके मुक़ाबले नहीं आ सकेगा। उनकी गहलोत अपनी बोई हुई शानदार फ़सल को ख़ुद के ल

पैनल पर विचार!

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 पैनल पर विचार! छोटा अखबार। राजस्थान भाजपा कोर कमेटी सदस्यों की आज शुक्रवार दोपहर मे अध्यक्ष जेपी नड्डा के दिल्ली निवास पर बैठक होने के संभावना हैं। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री अमित शाह तथा भाजपा राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी भाग ले सकते हैं। भाजपा  हाईकमान के साथ राजस्थान भाजपा कोर कमेटी सदस्यों कीआज शुक्रवार बैठक की अहमियत से इससे ही अंदाजा हो जाता है कि, राजस्थान विधानसभा चुनाव भाजपा उम्मीदवार बाबत पहली दफे राजस्थान भाजपा कोर कमेटी के सभी सदस्य प्रदेशाध्यक्ष सी,.पी.जोशी, संगठन महामंत्री चन्द्र शेखर, प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौड़, उपनेता डॉ सतीश पुनिया, केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, भूपेंद्र यादव,कैलाश चौधरी, सांसद कनकमल कटारा, राजेंद्र गहलोत पूर्व सांसद ओमप्रकाश माथुर दिल्ली मीटिंग में शामिल होंने की उम्मीद है। इससे पहले अध्यक्ष नड्डा, मंत्री अमित शाह के साथ दिल्ली में हुई मीटिंग में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, सांसद कनकमल कटारा, राजेंद्र गहलोत ओर पूर्व सांसद ओमप्रकाश माथुर ने भाग नहीं ले, राजस्थान विधानसभा चुनाव उम्मीदवार पैनल पर विचार विमर

मौहब्बत की दुकान का फायदा किसको

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 मौहब्बत की दुकान का फायदा किसको       छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने एक दूसरे के लिए जो प्यार- मोहब्बत और भाईचारे की दुकान अचानक खोली है, उसने उन दावेदारों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है जो युवा है, मेहनती है,अपने इलाकों में जीतने की क्षमता रखते हैं और जिन्हें सर्वे में भी वर्तमान विधायकों से ज्यादा टिकट के योग्य माना गया। लेकिन जब बात खुद के समर्थकों के टिकट कटने पर आई,तो दोनों ने मिनटों में अपनी सालों से चल रही दुश्मनी को भुला दिया और नफरत की दुकान का शटर डाउन कर मौहब्बत की दुकान खोल ली।   गहलोत ने कह दिया कि उन्होंने उन विधायकों को फिर टिकट देने पर कोई आपत्ति नहीं की,जो सरकार गिराने के लिए मानेसर चले गए थे। बदले पायलट ने जवाब में कहा कि, उन्होंने भी उन जीतने वालों उन उम्मीदवारों के नामों पर कोई आपत्ति नहीं की, जो सोनिया गांधी और आलाकमान की अवमानना में शामिल थे। मीडिया की खबरों में काफी समय से कहा जा रहा था कि विभिन्न स्तरों पर कराए गए सर्वे में कांग्रेस के 50 विधायकों की टिकट कट सकते हैं,क्योंकि उनकी स्थिति कमजोर पाई गई है। इनमें गहलोत और पायलट दोनों के ही समर

शराब, शबाब और चुनाव

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 शराब, शबाब और चुनाव प्रदेश में 36 करोड की शराब एक दिन की घूंट छोटा अखबार। आजादी के बाद से अब तक बगैर शराब और शबाब के कभी भी कोई भी चुनाव सम्पन्न नहीं हुआ। तब से दोनों की गलबहियां बा-दस्तूर चली आ रही हैं। पीढ़ियां बीत गई, जमाने बदल गए ,चेहरे बदल गए, लेकिन इन दोनों का याराना दशकों से परवान चढ़ा आ रहा है। अब चूंकि चुनाव चौखट पर हैं तो हर चुनाव की भांति इस चुनाव के लिए भी करोड़ों की शराब देश के हर राज्य में चोरी-छिपे अंदर-बाहर हो रही है। और शबाब, उन्होंने भी अपने भाव बढ़ा कर सजना-संवरना शुरू कर दिया है। भले ही शबाब लिपा-पुता हो लेकिन नशे में किसे पता चलता है। चूंकि राजस्थान सहित अन्य राज्यों में चुनावों ने दस्तक दे दी है फलतः शराब के गोदाम के गोदाम भरे भी जा रहे हैं और खाली भी हो रहे हैं। मौजूदा समय में अकेले राजस्थान में प्रतिदिन लोग 36 करोड रुपए की शराब और बीयर पी रहे हैं। और जयपुर में रोज एक करोड,40 लाख रुपए की शराब गटकी जा रही है। पिछले महीने सितम्बर में एक महिने में ही लोग 1100 करोड रुपए की शराब गटक गए। इतना राजस्थान में एक साल में पानी पर भी खर्च नहीं होता। मतलब कि राजस्थान में एक स