कच्ची उम्र में बढ रहे यौन संबंध, फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट
कच्ची उम्र में बढ रहे यौन संबंध, फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट अशोक शर्मा छोटा अखबार। पिछले दिनों कोलकाता हाईकोर्ट ने पाक्सो एक्ट के तहत एक फ़ैसला सुनाते हुए कहा कि किशोरियों को अपनी यौन इच्छाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए। वे दो मिनट के सुख के लिए समाज की नजरों से गिर जाती हैं। यह टिप्पणी जस्टिस चितरंजन दास और जस्टिस पार्थ सारथी सेन ने एक नाबालिग़ को यौन उत्पीडन के आरोप से बरी करते हुए दी, जबकि उसे जिला अदालत ने दोषी करार दिया था। क्योंकि उसने एक नाबालिग लडकी से यौन संबंध स्थापित कर लिया था। जब कि दोनों में प्रेम संबंध था और लडकी के अनुसार दोनों ने आपसी सहमति से सेक्स किया था। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि किशोरों को भी युवतियों की गरिमा और स्वायत्तता का सम्मान करना चाहिए। इसके साथ ही कोर्ट ने अभिभावकों से भी कहा कि वे अपने बच्चों को गुड टच,बेड टच के अलावा अच्छी-बुरी संगत तथा प्रजनन तंत्र के बारे में सही जानकारी और ज्ञान दें। कोर्ट ने बच्चों के संरक्षण अधिनियम पर भी चिंता जताते हुए सुझाव दिया कि अभी लड़के-लड़कियों में यौन संबंध बनाने की उम्र 18 साल है, उसे 16 साल कर दिया जाना चाहिए। क्यो