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एक नजर टिकटों के घमासान पर

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  एक नजर टिकटों के घमासान पर भूपेंद्र औझा  छोटा अखबार। भाजपा में दो कांग्रेस  ओर एक आरएलपी नेताओं को शामिल  कर चुनाव मैदान में उतारने की कवायद अंतिम चरण में होने के संकेत हैं। भाजपा नेतृत्व के खासे निकट सूत्रों मुताबिक चूरू जिले मे कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे पूर्व मंत्री, चन्दनमल वैद्य के सुपूत्र तारानगर पूर्व विधायक सी आर वैद्य, सादुलपुर राजगढ़ पूर्व कांग्रेस विधायक नंदलाल  पुनिया ओर उदयपुर  जिले मे आरएलपी के प्रमुख नेता उदयलाल डांगी को  कल परसों में भाजपा सदस्य ग्रहण कराने की खासी चर्चा है। भाजपा  परिवार में शामिल कर डॉ वैद्य को चूरू जिले की सरदारशहर सीट से, पूर्व विधायक नंदलाल पुनिया की पुत्रवधू सुमित्रा पुनिया को कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया के सामने सादुलपुर राजगढ़ सीट पर तथा वल्लभनगर उपचुनाव में भाजपा से बगावत कर आर एलपी उम्मीदवार चुनाव मैदान में दूसरे स्थान पर रहने वाले उदयलाल डांगी को वल्लभनगर सीट से भाजपा उम्मीदवार चुनाव मैदान में उताराने की संभावना है। ब्राह्मण बाहुल्य उदयपुर, चितौड़गढ़, राजसमंद जिले में भाजपा की जारी दोनों सूची में किसी भी ब्राह्मण को उम्मीदवार घोषित नहीं

नाराजगियों के बारूद में विस्फोट, मुस्लमान और संघ को तवज्जोह नहीं

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  नाराजगियों के बारूद में विस्फोट, मुस्लमान और संघ को तवज्जोह नहीं अशोक शर्मा  छोटा अखबार। राजस्थान में राजनीतिक महाभारत शुरू हो गई है। कांग्रेस और भाजपा दोनों की सेनाएं मैदान में उतर रही हैं लेकिन दोनों पार्टियों ने  उम्मीदवारों को टिकट देने में जो पैतरेबाजी की, उससे पार्टियों में आपस में ही घमासान मच गया। कांग्रेस में कम, भाजपा में बहुत ही ज्यादा। इस समय भाजपा की हालत सबसे ज्यादा खराब है। मात्र चार दिनों में ही चित्तौड़गढ़, राजसमंद, कोटा, उदयपुर, सोजत, अलवर, बूंदी, सांगानेर और छबडा में विरोधी भाजपाई सड़कों पर उतर आए हैं, वे बहुत ज्यादा गुस्से में हैं। इनमें सबसे ज्यादा गुस्सा चित्तौड़गढ़ के सांसद और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के प्रति है। सीपी जोशी का पुतला फूंक दिया तो उधर राजसमंद में भाजपा के आफिस में तोडफोड कर दी। यद्यपि दोनों ही पार्टियों के लगभग 70 प्रतिशत उम्मीदवार घोषित हो गए हैं और यहां एक मजेदार बात देखने को मिली कि जहां भाजपा में वसुन्धरा समर्थक लगभग सभी उम्मीदवारों को टिकट दे दिया गया वहीं दूसरी ओर कांग्रेस में गहलोत के खास तीनों मंत्रियों के टिकटों का अभी तक अता-पता नह

प्रदेश में कांग्रेस की दूसरी सूची हुई जारी, कई नेताओं को लगा जोर का झटका धीरे से

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प्रदेश में कांग्रेस की दूसरी सूची हुई जारी, कई नेताओं को लगा जोर का झटका धीरे से

प्रियंका वाड्रा अनफिट, राजस्थान को नहीं होगा कोई फायदा

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  प्रियंका वाड्रा अनफिट, राजस्थान को नहीं होगा कोई फायदा अशोक शर्मा छोटा अखबार। प्रियंका वाड्रा, कांग्रेस पार्टी की महासचिव। वे दो दिन पहले दौसा आई थीं। वहां उसने पीएम मोदी को लेकर जो कुछ कहा उसने प्रियंका की ही शख्सियत को हल्का किया। पहले प्रियंका ने मालासेरी डूंगरी के मंदिर में बंद लिफाफे में दिये गए 21 रूपए का राग अलापा और उसके बाद भाजपा के मोदी फेस पर चुनाव लडने की बात पर चुटकी ली कि क्या मोदी राजस्थान के सीएम बनेंगे। और तीसरा यह कि यहां बीजेपी के सभी नेता खुद को सीएम घोषित कर रहे हैं। दो टूक,ये वो घिसी-पिटी बातें हैं जो कई बार उछाली जा चुकी हैं। अब इन बातों का कोई मतलब नहीं। राजस्थान के चुनाव से जस्ट पहले प्रियंका की यह पहली सभा थी अतः उन्हें मंच पर आने से पहले होमवर्क करके आना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस स्पीच ने प्रियंका की शख्सियत को ही हल्का किया। अतः प्रियंका का राजस्थान आने का कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होगा। जबकि वे कांग्रेस की महासचिव हैं, आश्चर्य कि उनकी दादी कुशल राजनीतिज्ञ थीं, उनके पिता भारत के पीएम रहे, उनके भाई राहुल की अपनी राजनीतिक शख्सियत है लेकिन प्रियंका ने

गहलोत की गद्दी पर फेवीकोल लगा है या उनके नीचे?

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 गहलोत की गद्दी पर फेवीकोल लगा है या उनके नीचे?  सुरेन्द्र चतुर्वेदी छोटा अखबार। राजनीति में कुछ भी हो सकता है। कुछ भी यानि कुछ भी। सुई में धागे की तरह हाथी भी निकल सकता है। कम से कम कांग्रेस में तो यही हो रहा है। कल तक एक दूसरे की प्रभुसत्ता को मिट्टी में मिला देने की कसम खाने वाले अशोक गहलोत और सचिन पायलट टिकिट के बंटवारे में लगभग एक मत हो गए हैं।गहलोत ने कह दिया है कि मानेसर के बाड़े में बग़ावत करने वाले अधिकांश विधायकों को पुनः टिकिट दिया जा रहा है तो सचिन उनसे दो क़दम आगे निकल कर कह रहे हैं कि जिताऊ  उम्मीदवार कोई हो उसे टिकिट दिया जाना चाहिए भले ही उसने सोनिया जी की अवमानना ही क्यों न की हो। ज़ाहिर है कि सचिन अब शान्ति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेन्द्र राठौड़ को टिकिट दिए जाने के विरोधी नहीं। अंदर खाने सचिन और गहलोत यह समझ गए हैं कि एक दूसरे का साथ नहीं दिया गया तो नुक़सान दोनों का ही होगा। अशोक गहलोत अच्छी तरह से जानते हैं कि सचिन पायलट मुख्यमंत्री बनने का जो सपना देख रहे हैं उसके लिए उनके पास इस बार भी संख्या बल उनके मुक़ाबले नहीं आ सकेगा। उनकी गहलोत अपनी बोई हुई शानदार फ़सल को ख़ुद के ल

गरबों की आड में यौनाचार

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 गरबों की आड में यौनाचार अशोक शर्मा  छोटा अखबार। माता रानी के दरबार में जाने के लिए घर से निकाली और अपने आशिक के पास पहुंच गई। दोनों रतिक्रिया में लिप्त थे कि तभी धर लिये गए। यह घटना है इन्दौर की। यहां पर एक लड़की अपने घर से यह कह कर निकली कि वह माता के दरबार में गरबा नृत्य में शामिल होने जा रही है लेकिन उसकी जगह वह अपने एक मुसलमान आशिक के पास पहुंच गई। एक सरकारी शौचालय में दोनों नग्नावस्था में रतिक्रिया में लिप्त थे कि अचानक बजरंग दल के कुछ लोग वहां पहुंच गए और उन्होंने दोनों की पिटाई कर दी। चालाक मुस्लिम युवक खुद को घायल कर वहां से भाग गया। यह है गरबा नृत्य में शामिल होने जाने वाली कई लड़कियों और युवतियों की हक़ीक़त। गरबा नृत्य की आड में पिछले एक दशक से ऐसी ढेरों घटनाएं घट रही हैं। यह बात अकेले इन्दौर की नहीं है बल्कि पूरे देश की है। कभी गुजरात में गरबा महोत्सव एक सांस्कृतिक परम्परा और माता के प्रति श्रद्धा के रूप में मनाए जाते थे लेकिन अब न श्रद्धा बची और न ही सांस्कृतिक परम्परा। अब इसमें आवारगियों ने प्रवेश कर लिया है। इस हकीकत को सब जानते हैं लेकिन कोई नहीं बोलता। पूछने पर एक ही ज

जिम्मेदार ही कर रहे आचारसंहिता का उल्लंघन

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  जिम्मेदार ही कर रहे आचारसंहिता का उल्लंघन छोटा अखबार। करौली जिले की पंचायतसमिति श्रीमहावीरजी में आचारसंहिता के उल्लंघन का मामला सामने आया है। यहां स्थानिय प्रशासन की लापरवाही के कारण पंचायतसमिति सभागार में खुले पड़े प्रचारप्रसार सामग्री निर्वाचन विभाग के निर्देशों को चिढ़ाता नजर आ रहा है। सरकार की योजनओं की प्रचारप्रसार समग्री को बिना निस्तारण किये ही खुले में छोड़ रखा है, जो की आचारसंहिता उल्लंघन की श्रेणी में आता है।