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स्वास्थ्य दिवस पर जनता का बनाया अप्रेल फूल

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  स्वास्थ्य दिवस पर जनता का बनाया अप्रेल फूल —सत्य पारीक छोटा अखबार। राज्य सरकार ने आज सवास्थ्य दिवस पर जनता से फ़र्स्ट अप्रेल की मज़ाक करने के लिए सभी दैनिक अखबारों में एक पेज का विज्ञापन देकर मूर्ख बनाने की कोशिश की । इस विज्ञापन में दावा किया गया कि " राजस्थान मॉडल स्टेट " है लेकिन ये बताया नहीं कि किसमें मॉडल है । जब विज्ञापन पर अंकित किया है तो जाहिर है कि मेडिकल सुविधाओं में ही है । जबकि सच्चाई यह है कि गहलोत सरकार का बनाया " राईट टू हैल्थ " कानून केवल राज्य के दो संभागों में ही एक्टिव हुआ है जिनमें उदयपुर जिले के पांच और जयपुर के तीन मेडिकल कॉलेज इस कानून के दायरे में हैं । राज्य के बड़े बड़े शहर जोधपुर , कोटा , अजमेर , बीकानेर , भरतपुर , अलवर , सीकर , श्री गंगानगर आदि पर उक्त कानून का कोई असर नहीं है ।            जबकि इस कानून को बनाने को लेकर जबरदस्त ढंढोरा पीटा गया जिसके बदले में 17 दिनों तक मेडिकल माफिया ने राज्य के निजी अस्पताल से लेकर डायग्नोस्टिक सेंटरों पर ताले ठोक कर जनता के जीवन से खिलवाड़ किया । मुख्यमंत्री टुकर टुकर ताकते रहे और अखबारों में विज्ञपनों क

कांग्रेस-भाजपा की राजनीतिक लंका में हनुमान आग लगाएगा

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 कांग्रेस-भाजपा की राजनीतिक लंका में हनुमान आग लगाएगा  —सत्य पारीक छोटा अखबार।          राजस्थान की राजनीति में हनुमान बेनीवाल-अरविंद केजरीवाल की जोड़ी कांग्रेस-भाजपा का तिया पांचा करने को तैयार हो चुके हैं । पंजाब के बाद आम आदमी पार्टी और राष्ट्रीय लोकशक्ति पार्टी का पहला सबसे बड़ा राजनीतिक इवेंट राजस्थान की धरती पर आगामी विधानसभा चुनाव 2023 में होगा जिसकी ज़मीन तैयार की जा रही है । बेनीवाल की वसुंधरा राजे से बहुत खराब रिश्ते हैं ये रिश्ते तब खराब हुए थे जब वे भाजपा के विधायक थे और राजे मुख्यमंत्री थी । नागौर जिले की राजनीति के पुरोधा रहे मिर्धा परिवार को चुनावी मात दे कर हनुमान ने अपनी राजनीतिक पारी शुरू की ।            कांग्रेस से तो हनुमान के रिश्ते उस समय से ख़राब हैं जब वो छात्र राजनीति में उतरे थे । हनुमान से हाथ मिलाकर आप संयोजक अरविंद केजरीवाल जाट समुदाय में पैठ बनाने की कोशिश में है । इसी कर उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री हनुमंत मान को आगे किया है । हनुमान और हनुमंत मान की ये जोड़ी राज्य के भावी राजनीतिक समीकरणों को बदलने के लिए काफी है । राजस्थान के शेखावाटी में बेनीवाल की खास पैठ

5 दिन तक बंद रहेगी "अपना खाता" की सेवाएं

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5 दिन तक बंद रहेगी "अपना खाता" की सेवाएं छोटा अखबार। कृषक, आमजन एवं कर्मचारी वर्ग के लिए आम तौर पर उपयोग में आने वाले ई-धरती, भू-नक्शा एवं अपना खाता पोर्टल की सेवाएं 6 अप्रैल की शाम 6ः00 बजे से 10 अप्रैल की सुबह 8ः00 बजे तक बंद रहेंगी । राजस्व मंडल निबंधक महावीर प्रसाद ने बताया कि इन पोर्टल की सेवाओं को वर्तमान सर्वर से अधिक सुरक्षित भामाशाह स्टेट डाटा सेंटर में शिफ्ट किए जाने के कारण यह सेवाएं अस्थाई तौर से बाधित रहेंगी। सर्वर शिफ्टिंग के बाद यह सेवाएं अधिक तीव्रता से कार्य करेंगी, तथा डाटा अधिक सुरक्षित रूप से संधारित हो सकेगा।

प्रदेश में पुलिस थानों में लगेंगे पैरा-लीगल वॉलन्टियर्स

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प्रदेश में पुलिस थानों में लगेंगे पैरा-लीगल वॉलन्टियर्स छोटा अखबार। लापता बच्चों एवं उनके विरूद्ध अपराधों के संबंध में अब उन्हें विधिक सहायता मिल सकेगी। इसके लिए राज्य सरकार प्रदेश के पुलिस थानों में पैरा लीगल वॉलन्टियर्स नियुक्त करेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वॉलन्टियर्स लगाए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।  राज्य के जिला मुख्यालयों के 66 पुलिस थानों तथा ग्रामीण क्षेत्र के 99 पुलिस थानों में एक-एक (कुल-165) वॉलन्टियर लगाए जाएंगे। वॉलन्टियर्स को प्रतिमाह 15 हजार रुपए तक पारिश्रमिक मिलेगा। इससे राज्य सरकार पर 2.25 करोड़ रुपए का वित्तीय भार आएगा। यह स्वीकृति 31 मार्च 2024 तक के लिए दी गई है।  

डोटासरा के नेतृत्व में कांग्रेस का खेल खत्म

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 डोटासरा के नेतृत्व में कांग्रेस का खेल खत्म —सत्य पारीक छोटा अखबार। गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में प्रदेश कांग्रेस का खेल खत्म हो चुका है । डोटासरा को इनके चेचुओं के इलावा  कोई प्रदेशाध्यक्ष ही नहीं मानता है । इसी कारण जब इनके निर्देश पर इनके चेन्चुए पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश जारी करतें हैं तो मज़ाक उड़ाया जाता है ये कहकर कि " नाथी के बाड़े से आमन्त्रण आया है " ऐसी छवि वाले प्रदेशाध्यक्ष की लीडरशिप में विधानसभा चुनाव तो क्या पंचायत चुनाव भी नहीं जीत सकते हैं । इसीलिए तो सर्वेसर्वा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बने हुए हैं । गहलोत को अपनी पार्टी की जीत का भरोसा इस कारण है कि उनकी प्रतिद्वंद्वी भाजपा का तो वैसे ही जनाजा उठा हुआ है दूसरा कारण ये है कि मुफ्त की रेवड़ियां से लेकर जिलों की जो सौगात उन्होंने दी है उससे वे मदमस्त हैं ।                   कंगाली बदहाली की स्थिति से गुजरती हुई कार्यकर्ता विहीन कांग्रेस के सत्ता में रहते हुए भी बुरे दिन चल रहें हैं । इसलिए एक हजार दिन अपने प्रदेशाध्यक्ष कार्यकाल के पूरे करने के बाद भी मुख्यमंत्री की चरणवंदना के इलावा गोविंद डोटासरा की कोई

"तब चीलगाड़ी" को पहली बार देखने उमड़ पड़ा था सारा जयपुर"

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 "तब चीलगाड़ी" को  पहली बार देखने उमड़ पड़ा था सारा जयपुर"     —जितेन्द्र सिंह शेखावत छोटा अखबार। करीब सौ साल पहले जयपुर के आसमान पर हवाई जहाज उड़ने लगे थे। यह विमान गांव और शहर में  चीलगाड़ी के नाम से चर्चित हो गए थे। ऊपर से उड़ता हुआ विमान दिखता तो लोग  काम काज छोड़ चीलगाड़ी को देखने निकल जाते और बहुत खुश होते।  17 नवंबर 1935 को सांगानेर हवाई अड्डे का उद्धघाटन हुआ। तब जोधपुर फ्लाइंग क्लब के फ्लाइंग अफसर गॉडविन ने जहाज से हवाई कलाबाजी का जोरदार प्रदर्शन किया था।   फ्लाइंग लेफ्टिनेंट आपटान ने जयपुर वासियों को विमान में बैठने मौका भी दिया। कुछ साहसी लोग ही जहाज में बैठने के लिए तैयार हुए थे।     तीन साल बाद सन् 1938 में ढूंढाड़ राज्य की सारी प्रजा को  करीब से चील गाड़ी को दिखाने के लिहाज से सवाई मानसिंह ने सांगानेर  हवाई अड्डे पर हवाई करतबों  के मेले का आयोजन करवाया।   रॉयल इंडियन एयरफोर्स ने  विमान उड़ा कर पैराशूट और गोलाबारी के युद्धाभ्यास का रोमांचक प्रदर्शन किया था। उड़ती चीलगाड़ी को करीब से देखने शहर और गांवों के हजारों नर नारी सांगानेर  हवाई अड्डे की तरफ उमड़ पड़े थ

भाजपा की कमजोर कन्धों पर सत्ता की पालकी

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भाजपा की कमजोर कन्धों पर सत्ता की पालकी  —सत्य पारीक छोटा अखबार। प्रदेश भाजपा ने " कमजोर कन्धों पर सत्ता की पालकी " उठाने की कोशिश की है आगामी 2023 के होने वाले चुनाव की । सत्ता में भाजपा की वापसी लाने के चार नहीं बल्कि तीन कहार के रूप में जिन नेताओं के कंधों का इस्तेमाल किया गया है वो कमजोर ही नहीं बल्कि जर्जर हैं । जैसे चूरू जिले के ही वरिष्ठ विधायक राजेन्द्र राठौड़ अब तक उपनेता प्रतिपक्ष बने हुए थी उन्हें प्रमोट करके नेता प्रतिपक्ष थोपा गया है । उनसे पहले उनके जिले से ही राजनीति में जिलाबदर हुए डॉ सतीश पूनियां को प्रदेशाध्यक्ष के पद से धकिया कर उपनेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है ।            पूनियां का तीन साल से अधिक का कार्यकाल बेहद निराशाजनक रहा था इसी कारण चुनावी साल में ही उन्हें पद से रुखसत कर संगठन के कार्यो से अनभिज्ञ चितौड़ के सांसद सी पी जोशी को कमान सौंपी गई है ।कुल मिला कर तीनों के नाम ही ऐसे हैं जैसे कि " रमी के खिलाड़ी ताश की कई गडिया " मिला कर खेलते हैं । राठौड़ और पूनियां की जोड़ी उस समय फ्लॉप साबित हुई थी जब कांग्रेस की सरकार को उखाड़ फेंकने का