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प्रदेशभर में कल से चलेंगी रोडवेज बसें -परिवहन मंत्री

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प्रदेशभर में कल से चलेंगी रोडवेज बसें -परिवहन मंत्री छोटा अखबार। परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है कि शनिवार, 23 मई से राज्यभर में विभिन्न रूटों पर राजस्थान पथ परिवहन निगम की बसें चलना शुरू हो जाएंगी। राज्यभर में आवागमन में परेशानी को देखते हुए यह निर्णय किया गया है क्योंकि लोगों को राहत देने के लिए अब सार्वजनिक परिवहन सेवा प्रारम्भ करना जरूरी हो गया है। प्रदेशभर में बसों का संचालन कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए निर्धारित सभी गाइडलाइन की पालना के साथ किया जाएगा।

कांग्रेस सनातन धर्म की ओर

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कांग्रेस सनातन धर्म की ओर छोटा अखबार। प्रदेश में कांग्रेस जनित सरकार ने जारी लोकडाउन के बीच दिवंगत हुए लोगों की अस्थि विर्सजन के लिये विशेष बसें चलाने का निर्णय लेकर सनातन धर्म की ओर कदम बढ़ा दिया है। गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास पर हुई कोर ग्रुप की समीक्ष बैठक में यह निर्णय लिया है।   मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना संक्रमण के इस समय में प्रदेशवासियों को राहत देने के लिए एक और मानवीय एवं संवेदनशील निर्णय लिया है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में लॉकडाउन लागू होने के बाद विभिन्न कारणों से दिवंगत हुए लोगों के परिजन अस्थि विसर्जन के लिए जा सकें, इसके लिए विशेष बसें चलाई जाएं। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार से इन बसों के संचालन पर सहमति के लिए शीघ्र वार्ता की जाए। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और पीड़ादायक है कि लॉकडाउन की पालना के कारण परिजन के निधन के बाद शोकाकुल परिवार अस्थियों का विसर्जन करने नहीं जा पाए। राज्य सरकार इस मार्मिक स्थिति से वाकिफ है। इस मानवीय पहलू को ध्यान में रखते हुए ये विशेष बसें चलाने का निर्णय किया गया है। 

देश में यातायात के लिए 1 जून से 200 ट्रेनें होगी शुरू

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देश में यातायात के लिए 1 जून से 200 ट्रेनें होगी शुरू छोटा अखबार। भारतीय रेलवे ने देश में जारी लॉकडाउन के बीच अवागमन को सुगम बनाने के लिए 1 जून से नॉन एसी ट्रेनों को चलाने का एलान किया है। रेलवे ने ट्वीट पर लिखा है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के अलावा 1 जून से प्रतिदिन 200 अतिरिक्त टाइम टेबल ट्रेनें चलाने जा रहा है। ये गैर वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी की ट्रेन होंगी। इन ट्रेनों की बुकिंग ऑनलाइन ही उपलब्ध रहेगी। अलग अलग रास्तों पर चलने वाली इन 200 ट्रेनों के टिकटों की बुकिंग आज 21 मई 2020 से प्रात: 10 बजे से शुरू हो जाएगी। यत्रियों को टिकट बुकिंग से पहले निम्न बातों का विशेष ध्यान रखना होगा। टिकटों की बुकिंग सिर्फ आईआरसीटीसी की वेबसाइट या फिर ऐप के जरीए होगी। रेलवे की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार इन ट्रेनों में आरएसी और वेटिंग टिकट भी उपलब्ध होंगे। लकिन वेटिंग टिकट वालों को ट्रेन में जाने की अनुमती नहीं होगी। इन ट्रेनों में यात्रा करने वाले सभी यात्रियों की बोर्डिंग स्टेशन पर स्क्रीनिंग की जाएगी। जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं होंगे उन्हीं यात्रियों को यात्रा की अनुमती होगी। ट्रेन के अंदर कं

मनरेगा कांग्रेस की नाकामियों का स्मारक —प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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मनरेगा कांग्रेस की नाकामियों का स्मारक —प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी   ANIL TRIVEDI छोटा अखबार। मेरी राजनीतिक सूझ बूझ कहती है कि मनरेगा को कभी बंद मत करो। मैं ऐसी गलती नहीं कर सकता हूं। क्योंकि मनरेगा आपकी विफलताओं का जीता जागता स्मारक है। आजादी के 60 साल के बाद आपको लोगों को गड्ढे खोदने के लिए भेजना पड़ा। ये आपकी विफलताओं का स्मारक है और मैं गाजे-बाजे के साथ इस स्मारक का ढोल पीटता रहूंगा। 27 फरवरी 2015 को लोकसभा में कांग्रेस पार्टी पर गरजते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनरेगा पर हंसी उड़ाई और कहा था कि मनरेगा कांग्रेस की नाकामियों का स्मारक है। इस बीच लोकसभा में मोदी के समर्थकों ने ठहाके लगाते हुए खूब तालियां बजाई थी। प्रधानमंत्री ने लोकसभा में राजनीति का ज्ञान बांटते हुए और अपने समर्थकों में छाप छोड़ने के लिये कहा था कि मेरी राजनीतिक सूझ बूझ कहती है कि मनरेगा को कभी बंद मत करो। मैं ऐसी गलती नहीं कर सकता हूं। क्योंकि मनरेगा आपकी विफलताओं का जीता जागता स्मारक है। आजादी के 60 साल के बाद आपको लोगों को गड्ढे खोदने के लिए भेजना पड़ा। ये आपकी विफलताओं का स्मारक है और मैं गाजे-बाजे के साथ

संघ के संघ ने वित्त मंत्री की घोषणाओं पर की आपत्ति

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संघ के संघ ने वित्त मंत्री की घोषणाओं पर की आपत्ति छोटा अखबार। शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा की गई घोषणाओं की आलोचना करते हुये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंध रखने वाले भारतीय मजदूर संघ ने कहा है कि सरकार एक तरह से निजीकरण को बढ़ावा दे रही है जिससे नौकरियों को नुकसान पहुंचेगा। देश में इस समय सार्वजनिक क्षेत्र बहुत अहम किरदार निभा रहा है। जब बाजार और निजी संस्थाएं लॉकडाउन के चलते बंद हैं तो सार्वजनिक क्षेत्र का महत्व और भी बढ़ जाता है। संघ के महासचिव बृजेश उपाध्याय का कहना है कि वित्त मंत्री द्वारा की गई घोषणाओं से निराशा हुई है। सरकार ट्रेड यूनियन और सामाजिक प्रतिनिधित्व करने वालों से बातचीत करने और सुझाव लेने में झिझक रही है। प्रतित होता है कि सरकार को खुद की सोच पर भरोसा नहीं है। जो कि निंदनीय है। भारतीय मजदूर संघ पहले से ही कॉरपोरेटकरण और निजी करण का विरोध कर चुका है। लगता है, हमारे नीति निर्माताओं के लिए सुधार और प्रतिस्पर्धा का मतलब निजीकरण है। पर हमने हाल ही में अनुभव किया है कि संकट के समय में निजी क्षेत्र से ज्यादा सार्वजनिक क्षेत्र महत्वपूर्ण किरदार निभा रहा ह

देश में कोविड—19 कहर के साथ, अब नौकरियों पर लगा ग्रहण

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देश में कोविड—19 कहर के साथ, अब नौकरियों पर लगा ग्रहण छोटा अखबार। देश में जारी तालाबंदी में छूट दिए जाने के बाद अनेक कंपनी और उद्योगो ने अपनी सेवाएं दोबारा शुरू करने के बाद अपने नौकरों की छटनी करने का कार्य शुरू कर दिया है। इनमें उबर और जोमैटो जैसी कंपनी अग्रणी है।  समाचार सूत्रों के अनुसार कैब सेवा प्रदान करने वाली उबर ने 3,500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। जिसकी सूचना उबर के फीनिक्स सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की प्रमुख रफिन शेवलॉ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप जूम के माध्यम से कॉल करके दी और कहा कि आज आपका आखिरी दिन है। उबर ने दुनियाभर में 26,900 कर्मचारियों में से 14 फीसदी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। वहीं दुसरी ओर कोविड-19 महामारी का असर खान-पान से संबंधित ऑनलाइन सेवाएं देने वाली कंपनी जोमैटो पर भी पड़ा है। सूत्रों के अनुसार जोमैटो कंपनी ने दो दिन पहले कहा कि कोविड 19 के कारण हम लगभग 13 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी करने जा रहे है। कंपनी में करिब 4,000 कर्मचारी काम करते हैं। जोमैटो संस्थापक दीपिंदर गोयल ने कर्मचारियों को एक मेल के माध्यम से कहा है कि महामारी के कारण हमारा कार

किसान को लोन के लिये गिरवी रखनी होगी अपनी फसल —मुख्यमंत्री 

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किसान को लोन के लिये गिरवी रखनी होगी अपनी फसल —मुख्यमंत्री  छोटा अखबार। कोविड-19 महामारी के इस दौर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत किसानों को राहत देने के लिए लगातार महत्वपूर्ण फैसले ले रहे हैं। किसानों को फसल का बेहतर मूल्य दिलाने, खरीद के लिए सुगम एवं विकेन्द्रीकृत व्यवस्था करने और उपज को रहन रखकर कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने जैसे कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को शुक्रवार को मंजूरी दी है। कृषक कल्याण कोष से सहकार किसान कल्याण योजना में प्रतिवर्ष 50 करोड़ रूपये का अनुदान देने का अहम फैसला किया है। इससे किसानों को अब अपनी उपज को रहन रखकर मात्र 3 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण मिल सकेगा, जबकि 7 प्रतिशत ब्याज राज्य सरकार द्वारा कृषक कल्याण कोष से वहन किया जाएगा। पहले राज्य सरकार द्वारा केवल 2 प्रतिशत ब्याज वहन किया जाता था।   आमतौर पर बाजार में फसल आने के समय जिंसों के भाव कम होते हैं, लेकिन आवश्यकताओं की पूर्ति और संस्थागत ऋणों को चुकाने के लिए किसान कम दामों पर ही फसल बेचने को मजबूर हो जाते हैं। फसल नहीं बेचें तो जरूरी कार्यों के लिए उन्हें साहूकारों या बिचौलियों के पास अपनी उपज रहन रखकर ऊंची ब्याज दरो