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सभी प्रकारके निजी वाहनों के संचालन पर रोक

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सभी प्रकारके निजी वाहनों के संचालन पर रोक छोटा अखबार। राज्य सरकार ने आदेश जारी कर समस्त राज्य में 24 मार्च 2020 से समस्त प्रकार के निजी वाहनों के संचालन पर 31 मार्च 2020 तक रोक लगा दी है। आदेशानुसार कार्यालयों, दुकानों, संस्थानों/ सेवाओं, फैक्ट्री, वर्कशॉप आदि जिनको  22 मार्च 2020 के आदेश के अन्तर्गत लॉकडॉउन से छूट प्रदान दी गई है, उनके उपयोग में आने वाले निजी वाहनों को 26 मार्च.2020 तक वाहन संचालन की अनुमति संबंधित जिला कलक्टर, अतिरिक्त जिला कलक्टर, उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, प्रादेशिक/जिला परिवहन अधिकारी तथा जयपुर एवं जोधपुर महानगर में पुलिस आयुक्त, अतिरिक्त आयुक्त, उपायुक्त एवं सहायक आयुक्त से प्राप्त करनी होगी। पुलिस एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा इन वाहनों के 26 मार्च 2020 से पूर्व संचालन पर लचीला रूख अपनाते हुए इन वाहनों को 26 मार्च 2020 तक अनुमति लेने का समय प्रदान किया जाए।  केन्द्र एवं राज्य सरकार के अधिकारी, कर्मचारी, जिनके कार्यालयों को लॉकडाउन से मुक्त रखा गया है, न्यायिक अधिकारी, न्यायालय स्टॉफ राजकीय एवं निजी अस्पताल के चिकित्सक, पेरामेडिकल व अन्य स्टाफ एवं मीडिया कर्मी अपने व

केन्द्र सरकार का लोकडाउन पर दौहरा चरित्र

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केन्द्र सरकार का लोकडाउन पर दौहरा चरित्र छोटा अखबार। गुरूजी भटा खाये ओरों को परहेज बताएं कुछ इसी तरह हो रहा है देश में। एक तरफ पूरा देश और दुनिया कोरोना की महामारी को रोकने के लिए अनेक प्रकार के जतन कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने अपने महत्वाकांक्षी और विवादित- सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट- के लिए दिल्ली मास्टर प्लान में संशोधन को मंजूरी देते हुए नोटिफिकेशन जारी किया है। दिल्ली के इस हाई-प्रोफाइल प्रोजेक्ट के लिये केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने  20,000 करोड़ रुपये का बजट रखा है। महामारी के इस संकट से लड़ते हुए पूरे भारत में लॉकडाउन के बाद भी इस तरह के नोटिफिकेशन जारी करना सरकार की करनी और कथनी पर कई सवाल खड़े करती है। विवादित-सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक चार स्क्वायर किमी का क्षेत्र शामिल है। जिसमें कई ऐतिहासिक इमारतों का पुनर्निर्माण और पुनर्विकास किया जाएगा। वहीं पांच प्लॉटों के लिए लैंड यूज में संशोधन भी किया है। प्रोजेक्ट में वर्तमान संसद के पास में नया संसद भवन और प्रधानमंत्री के नये आवास बनाना प्रस्ताव

लोकडाउन में क्या क्या बंद

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लोकडाउन में क्या क्या बंद छोटा अखबार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वव्यापी महामारी को फैलने से रोकने के लिए 21 दिनों का लोकडाउन करने की घोषणा की है। मोदी ने मंगलवार रात आठ बजे राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि आज रात 12 से पूरा देश बंद रहेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले 21 दिनों तक घर से बाहर निकलना भूल जाइए। आपने लक्ष्मण रेखा लांघी तो अपने घरों में वायरस आमंत्रित करेंगे। 21 दिन की बंदी लंबी लग रही है लेकिन सबको सुरक्षित रखने का यही तरीक़ा है। 21 दिन नहीं मानेंगे तो हमारा देश, आपके परिवार 21 साल पीछे चले जाएंगे। 21 दिनों में क्या खुला रहेगा और क्या बंद :— केंद्र सरकार, इसके स्वायत्त/अधीनस्थ कार्यालय और सरकारी कंपनियां बंद रहेंगी। वहीं रक्षा, सीआरपीएफ़, ट्रेज़री, पेट्रोलियम, सीएनजी, एलपीजी, पीएनजी, आपदा प्रबंधन, बिजली उत्पादन और ट्रांसमिशन यूनिट, डाकघर, एनआईसी के दफ़्तर खुले रहेगें। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों, उनकी स्वायत्त संस्थाओं, कंपनियों के दफ़्तर बंद रहेंगे। दुसरी ओर पुलिस, होमगार्ड, सिविल डिफ़ेंस, अग्निशमन और आपातकालीन सेवाएं, आपदा प्रबंधन और जेलें, ज़िला प्रसासन और ट्

संकट के समय सेना का सहयोग महत्वपूर्ण -मुख्यमंत्री

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संकट के समय सेना का सहयोग महत्वपूर्ण -मुख्यमंत्री छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण की इस चुनौती का सामना करने के लिए नागरिक प्रशासन के साथ-साथ सेना, बीएसएफ, अद्र्धसैनिक बल सहित अन्य केंद्रीय एजेंसियों का समन्वय भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन आवश्यक होने पर सेना एवं अद्र्धसैनिक बलों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने कहा कि सैन्य बलों ने हमेशा ही आपदा के समय नागरिक प्रशासन की आगे बढ़कर मदद की है।  गहलोत रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर थल सेना, वायु सेना, बीएसएफ, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, रेलवे, आकाशवाणी, दूरदर्शन, कस्टम आदि केंद्रीय एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक सहयोग के लिए चर्चा कर रहे थे। उन्होंने सहयोग के लिए स्वयं पहल करने पर सेना के अधिकारियों की प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेशवासी इस खतरे को लेकर सजग हैं एवं आगे बढ़कर सरकार की गाइडलाइन्स का पालन कर रहे हैं, लेकिन आपात स्थिति के लिए भी हमें तैयार रहना होगा। आप सबके सहयोग से हम इस संकट से सफलतापूर्वक बाह

कोरोना संकट पर मुख्यमंत्री का प्रधानमंत्री को पत्र 

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कोरोना संकट पर मुख्यमंत्री का प्रधानमंत्री को पत्र  छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना वायरस के संकट से प्रभावित पर्यटन, होटल एवं अन्य एमएसएमई इकाइयों को राहत देने तथा समाज के कमजोर वर्गों को खाद्य एवं सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अनुरोध किया है।  29 लाख जरूरतमंद परिवारों के लिए मांगा राहत पैकेज। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में लिखे पत्र में कहा कि वायरस संक्रमण के कारण प्रदेश के करीब 23 लाख निर्माण श्रमिकों, पांच लाख पंजीकृत कारखाना श्रमिकों तथा शहरी क्षेत्रों के करीब एक लाख स्ट्रीट वेंडर्स पर रोजगार का बड़ा संकट आ खड़ा हुआ है। केन्द्र सरकार इनके लिए राहत पैकेज की घोषणा करे ताकि ये वर्ग अपनी रोजी-रोटी जुटा सकें। खाद्य सुरक्षा और बेरोजगारी भत्ता मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में दिहाड़ी पर जीविकोपार्जन करने वाले खाद्य सुरक्षा के लाभार्थियों को सबसे अधिक संबल की आवश्यकता है। इस कमजोर वर्ग की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए खाद्य सुरक्षा के लाभार्थियों को आने वाले चार महीनों के लिए निशुल्क गेहूं देने के साथ ही खाद्य सुरक्षा के दायरे

इंसान की जान बचाने के लिए धन की कोई कमी नहीं -मुख्यमंत्री

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इंसान की जान बचाने के लिए धन की कोई कमी नहीं -मुख्यमंत्री   छोटा अखबार। मु ख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण की वैश्विक महामारी के कारण पूरी मानव जाति पर जीवन और मृत्यु का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम पूरी गंभीरता, योग्यता और क्षमता के साथ इस चुनौती का डटकर सामना करें। राज्य सरकार इस संकट की घड़ी में धन और संसाधनों में किसी तरह की कमी नहीं आने देगी। जिला कलक्टर सुनिश्चित करें कि लॉकडाउन के दौरान किसी जरूरतमंद को परेशानी का सामना न करना पड़े और कोई भूखा नहीं सोए। उन्होंने कहा कि खाद्य सामग्री सहित अन्य वस्तुओं की सप्लाई चेन नहीं टूटे। साथ ही सरकार की एडवाजरी की शत-प्रतिशत पालना सुनिश्चित हो। गहलोत रविवार को कोरोना वायरस केे संक्रमण से बचाव के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की पालना के लिए जिला कलेक्टरों एवं पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने पूर्व में प्रदेशभर में लागू की गई धारा 144 कोे अब 20 लोगों के बजाय 5 लोगों तक ही सीमित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने 24 घंटे सेवाएं देकर कोरोना महामारी से जीवन रक्षा

मुख्यमंत्री सहायता कोष में एक दिन का वेतन देगें आरएएस

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मुख्यमंत्री सहायता कोष में एक दिन का वेतन देगें आरएएस  छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आह्वान पर रविवार को राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने कोरोना महामारी से निपटने और जरूरतमंद वर्गों की मदद के लिए एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोष में देने की घोषणा की है। राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद के अध्यक्ष शाहीन अली खान के नेतृत्व में आरएएस अधिकारियों के प्रतिनिधिमण्डल ने इस आशय का पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा। गहलोत ने पीड़ित मानवता के सहयोग के लिए आगे बढ़कर यह सहयोग देने पर आरएएस एसोसिएशन को साधुवाद दिया।  उन्होंने कहा कि आरएएस अधिकारियों ने सबसे पहले सहयोग कर इस नेक काम की अच्छी शुरूआत की है। यह पहल प्रदेशवासियों को संकट की इस घड़ी में आगे बढ़कर सहयोग करने के लिए प्रेरित करेगी। मुख्यमंत्री सहायता कोष कोविड-19 राहत कोष में दानदाता बढ़-चढ़कर करें सहयोग।  गहलोत ने कहा कि यह समय एकजुट होकर काम करने का है। सबके सहयोग से ही हम इस संकट से बाहर निकल सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कोविड-19 आपदा में जनसहयोग प्राप्त करने के लिए राजस्थान मुख्यमंत्री सहायता कोष कोविड-19 राहत कोष RAJ. CM