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एसएमएस में कोरोना के 500 रोगियों को किया जा सकेगा भर्ती

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एसएमएस में कोरोना के 500 रोगियों को किया जा सकेगा भर्ती छोटा अखबार। कोरोना वायरस से पीड़ित और संदिग्ध मरीजों को तुरंत राहत देने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए एसएमएस स्थित ‘चरक भवन‘ को कोरोना ओपीडी एंड केयर यूनिट बनाने का अहम फैसला लिया है। एसएमएस में वर्तमान लगभग 20 वार्डस को खाली करवाकर कोरोना पॉजीटिव मरीजों के लिए 500 बैड  की व्यवस्था के आदेश जारी किए गए हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ.रघु शर्मा ने बताया कि कोरोना से पीड़ितों को एक ही जगह पर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए यह निर्णय लिया गया है। 23 बैड का आइसीयू भी कोरोना से पीडित मरीजों के लिए आरक्षित रखा जाएगा। इसके अलावा यहां 30 बैड के वैकल्पिक आईसीयू की भी व्यवस्था की जाएगी और 30 वेंटिलेटर भी उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने बताया कि एसएमएस में अब सामान्य सर्जरी नहीं की जाएगी।

देश में 84,000 लोगों पर एक आइसोलेशन बेड 

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देश में 84,000 लोगों पर एक आइसोलेशन बेड  छोटा अखबार। कोविड—19 के संकट को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किये कुछ आंकड़ों के अनुसार देश में 84,000 लोगों पर एक आइसोलेशन बेड और 36,000 लोगों पर एक क्रांटाइन बेड है। समाचार सूत्रों के अनुसार ये आंकड़ें 17 मार्च तक के हैं। इन आंकड़ों के अनुसार स्थिति इतनी गंभीर है कि प्रति 11,600 लोगों पर एक डॉक्टर और 1,826 लोगों के लिए अस्पताल में एक ही बेड है। आईसीएमआर इंस्टीट्यूट ऑफ जिनोमिक्स एंड इनटेग्रेटिव बायोलॉजी के निदेशक अनुराग अग्रवाल का कहना है कि हम कोरोना के प्रसार के दूसरे चरण में हैं और इस चरण पर सामाजिक दूरी बहुत प्रभावकारी है। वहीं स्टेज तीन में लॉकडाउन की जरूरत है। हमारे सर्विलांस डेटा के अनुसार आईसीएमआर ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हर मामले पर ध्यान दिया जाना चाहिए। इस चरण में सामाजिक दूरी इसे फैलने से रोकने में कारगर हो सकती है। भविष्य के लिए जनता कर्फ्यू एक अच्छी प्रक्रिया है।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राज्यों के मुख्यमंत्रियों और स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ शुक्रवार को हुई बैठक पर आईसीएमआर के डीजी डॉ.बलराम भार्गव ने क

प्रदेश में 300 संदिग्ध लोगों में केवल 25 लोग पॉजीटिव -स्वास्थ्य मंत्री 

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प्रदेश में 300 संदिग्ध लोगों में केवल 25 लोग पॉजीटिव -स्वास्थ्य मंत्री  छोटा अखबार। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने कहा कि देश और प्रदेश में कोरोना महामारी खतरनाक चरण में है। राज्य सरकार ने 22 से 31 मार्च तक लॉकडाउन किया है। इससे आमजन को थोड़ी परेशानी जरूरी होगी लेकिन हर व्यक्ति के जीवन को बचाने के लिए ही सरकार ऎसे फैसले ले रही है।आमजन सरकार के फैसले के साथ खड़ा रहे और कोरोना से बचाव के लिए अपने घरों में ही रहे, तब ही कोरोना को मात दे सकती है।  चिकित्सा मंत्री ने कहा है कि राजस्थान में अब तक 300 से ज्यादा संदिग्ध लोग आए हैं, उनमें से 25 लोग कोरोना से पॉजीटिव हैं। इनमें से 3 मरीज ठीक हो गए हैं और 22 पॉजीटिव अलग-अलग जगह भर्ती हैं। पूरी दुनिया में 3 लाख से ज्यादा लोग संदिग्ध आए हैं और 13 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जिस तरह से यह फैल रहा है, वह चिंता की बात है। आमजन से अपील है कि राज्य सरकार द्वारा लिए गए फैसलों के प्रति सकारात्मक रूख रखे।  डॉ शर्मा ने कहा कि जैसे ही भीलवाड़ा और झुंझुनूं में कम्यूनिटी स्प्रेड होने लगा तो सरकार को कर्फ्यू लगाना पड़ा। अभी कोरोना के सक्र

प्रदेश में पेयजल की निर्बाध व नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के दिशा -निर्देश

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प्रदेश में पेयजल की निर्बाध व नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के दिशा -निर्देश   छोटा अखबार। जन स्वास्थ अभियांत्रिकी विभाग द्वारा कोरोना वायरस की रोकथाम व नियंत्रण के लिए साबुन से हैंडवाश करने हेतु अस्पतालों व आमजन कोे प्रदेश में पेयजल की निर्बाध व नियमित आपूर्ति सुनिश्चित के दिशा- निर्देश जारी किये गए हैं।  विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने बताया कि राज्य के सभी पीएचसी, सीएचसी, जिला अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों तथा सवाई मानसिंह अस्पताल व मेडिकल कॉलेज जयपुर में निर्वाध व नियमित रूप  से पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। इसके अतिरिक्त पूरे प्रदेश में लीकेज या क्षतिग्रस्त पाईप लाईन्स को मिशन मोड में ठीक करने के लिये संबंधित अधिशाषी अभियंता व सहायक अभियंता को उत्तरदायी किया गया है। विभाग द्वारा आपूर्तित पेयजल के नमूने नियमित रूप से जॉच हेतु लिये जाने के आदेश भी जारी किये गये हैं। कहीं  पर भी गंदे पानी की आपूर्ति की सूचना मिलते ही तत्काल पानी की पाईप लाईन का विच्छेद करें और नियमानुसार पानी की पाईप लाईन को तत्काल दुरूस्त कर गुणवत्ता के लिए पानी के नमूनों की जॉच करे और निर्

राजस्थान 22 मार्च से 31 मार्च तक पूरी तरह लॉक डाउन —मुख्यमंत्री

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राजस्थान 22 मार्च से 31 मार्च तक पूरी तरह लॉक डाउन —मुख्यमंत्री छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों के जीवन की सुरक्षा के लिए प्रदेशभर में आवश्यक सेवाओं को छोड़कर 22 मार्च से 31 मार्च तक पूरी तरह लॉक डाउन के निर्देश दिए हैं। इस लॉक डाउन के तहत आवश्यक सेवाओं के अतिरिक्ति समस्त राजकीय एवं निजी कार्यालय, मॉल्स, दुकानें, फैक्टि्रयां एवं सार्वजनिक परिवहन आदि बंद रहेंगे। उन्होंने कहा है कि इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए लोगों का घरों में रहना बेहद जरूरी है। गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति को लेकर समीक्षा कर रहे थे। संकट के इस दौर में सरकार प्रदेशवासियों के साथ खड़ी है। आमजन कोरोना को हराने के लिए सरकार के निर्णयों और एडवाइजरी का पूरी तरह पालन करें ताकि स्थिति नियंत्रण से बाहर ना हो। दैनिक निर्णयों के लिए कोर ग्रुप गठित मुख्यमंत्री के निर्देश पर कोरोना वायरस से उत्पन्न परिस्थितियों के अुनरूप दैनिक आधार पर अलग-अलग विभागों संबंधी सरकार द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय एवं उनको क्रियान्वित कराए जाने के लिए अतिरिक्त मुख्य

एंबुलेंस कर्मचारियों की आज रात 12:00 बजे से हड़ताल

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एंबुलेंस कर्मचारियों की आज रात 12:00 बजे से हड़ताल छोटा अखबार। प्रदेश में एंबुलेंस कर्मचारियों ने आज रात 12:00 बजे से हड़ताल पर रहने का फैसला किया। यह फैसला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से होने वाली वार्ता रद्द करने के कारण किया है।वहीं दुसारी ओर राजस्थन एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह शेखावत का कहना है कि अगर कोरोना वायरस के कारण हम हमारी हड़ताल रद्द भी करें तो उसका कोई मतलब नहीं। कर्मचारियों के पास किसी तरह का कोई बचने का साधन नहीं है। हमारे पास मास्क सैनिटाइजर और किट उपलब्ध नहीं है।

फिक्स चार्ज क्यों वसूला जा रहा है? बिजली कंपनियों के पास जवाब नहीं है

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फिक्स चार्ज क्यों वसूला जा रहा है? बिजली कंपनियों के पास जवाब नहीं है छोटा अखबार। राजस्थान में बिजली कंपनियों की ओर से बिजली दरों में की गई बढ़ोतरी उपभेक्ताओं की समझ से परे है, जो की इनकी जेब पर भारी पड़ रहे हैं। आंकड़ों के खेल में कई तरह के पेंच है, जो उपभेक्ताओं की समझ में नहीं आने के कारण बड़ी दरों पर बात नहीं हो पाई है।लेकिन मामले में रिटायर्ड इंजीनियरों ने जनहित में मुद्दा उठाते हुए विनियामक आयोग में रिव्यू अपील दायर की है।  समाचार सूत्रों के अनुसार जनहित का मुद्दा उठाने वाले विशेषज्ञों का सवाल है कि जब बिजली आपूर्ति पर होने वाले सभी तरह के खर्च प्रति यूनिट की रेट में जोड़कर दरें बढ़ाई गई है तो फिर फिक्स चार्ज क्यों वसूला जा रहा है? इस सवाल का बिजली कंपनियों के पास कोई जवाब  नहीं है। राजस्थान विद्युत मण्डल रिटायर्ड अभियंता और अधिकारी जन कल्याण ट्रस्ट, समता पॉवर और रीको इंडस्ट्रियल एरिया वापी(दौसा) की ओर से हाल ही में बढ़ी बिजली दरों के विरुद्ध रिव्यू याचिका नियामक आयोग में दायर की गई है। बिजली बिलों में फिक्स चार्ज की गैर आवश्यकता पर भी नियामक आयोग चुप रहा और दरें बढ़ाने की स्वीकृ