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कमलनाथ रावण और ज्योतिरादित्य सिंधिया विभीषण —शिवराज सिंह चौहान

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कमलनाथ रावण और ज्योतिरादित्य सिंधिया विभीषण —शिवराज सिंह चौहान छोटा अखबार। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को सिंधिया के स्वागत करने के लिए आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मेरे कमलनाथ, मैंने कहा था कि कार्यकर्ता के आए एक-एक आंसू का हिसाब लूंगा। वही प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की तुलना रावण से करते हुए कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया को विभीषण करार दे दिया। शिवराज ने कहा कि कल तक तो ये कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए सिंधिया को महाराज, महाराज कहते थे और अब माफिया कहते हैं। क्या एक दिन में सिंधिया जी महाराज से माफिया हो गए। स्वागत सभा में कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए सिंधिया की ओर संकेत करते हुए चौहान ने कहा कि अगर रावण की लंका अगर पूरी तरह जलानी है तो विभीषण की तो जरूरत होती है मेरे भाई। और अब सिंधिया जी हमारे साथ हैं। मिलकर लड़ेंगे, इनको धाराशाही करेंगे। आज हम यह संकल्प करते हैं कि कमलनाथ जब तक तुम्हारे पाप, अत्याचार, अन्याय, भ्रष्टाचार और आतंक की लंका को जलाकर राख नहीं कर देते, हम चुप नहीं बैठेंगे। हम आराम से नहीं बैठेंगे। शिवराज न

राजस्थान में राज्य सभा निर्वाचन के लिये चार नामांकन पत्र दाखिल 

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राजस्थान में राज्य सभा निर्वाचन के लिये चार नामांकन पत्र दाखिल  छोटा अखबार। राजस्‍थान से राज्‍यसभा की तीन सीटों के लिए होने वाले द्वीवार्षिक निर्वाचन के लिए आज शुक्रवार को इंडियन नेशनल कांग्रेस की ओर से के.सी.वेणुगोपाल और नीरज डांगी ने वहीं भारतीय जनता पार्टी की ओर से श्री राजेन्‍द्र गहलोत और श्री ओंकार सिंह ने रिटर्निंग आफिसर प्रमिल कुमार माथुर को नामांकन पत्र प्रस्‍तुत किये। वेणुगोपाल और डांगी द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करते समय उनके साथ मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्‍यमंत्री सचिन पायलेट, चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री रघु शर्मा, सरकारी मुख्‍य सचेतक डा.महेश जोशी, उप मुख्‍य सचेतक महेन्‍द्र चौधरी सहित मंत्रीगण व विधायकगण उपस्थित थे। वेणुगोपाल और नीरज डांगी ने चार -चार , राजेन्‍द्र गहलोत ने तीन और ओंकार सिंह ने दो  नामांकन पत्र दाखिल किये। नामांकन पत्र प्रस्‍तुत करने के बाद रिटर्निंग आफिसर प्रमिल कुमार माथुर ने उम्‍मीदवारों को शपथ दिलायी। माथुर ने बताया कि नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा राजस्‍थान विधानसभा भवन के भूतल स्थित कक्ष संख्‍या 751 में 16 मार्च को दोपहर 1.30 बजे की जायेगी ।

राजस्थान नगर सुधार (संशोधन) विधेयक, 2020 ध्वनिमत से पारित

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राजस्थान नगर सुधार (संशोधन) विधेयक, 2020 ध्वनिमत से पारित छोटा अखबार। राजस्थान विधानसभा ने शुक्रवार को राजस्थान नगर सुधार (संशोधन)  विधेयक-2020 ध्वनिमत से पारित कर दिया। इससे पहले नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री शांती कुमार धारीवाल ने विधेयक को चर्चा के लिए सदन में प्रस्तुत किया।  प्रभारी मंत्री ने कहा कि नगरीय क्षेत्रों के सुनियोजित विकास के मकसद को पूरा करने के लिए यह बिल लाया गया। उच्च न्यायालय ने शहरों में जोनल प्लान बनाने के निर्देश दिए थे। जयपुर, जोधपुर तथा अजमेर जैसे बड़े शहरों में प्राधिकरणों के अधिनियम के तहत मास्टर प्लान बनाए गए हैं जिसमें जोनल डवलपमेंट प्लान का प्रावधान पहले से ही है। नगर सुधार अधिनियम में यह प्रावधान है कि अन्य शहरों को जोन में विभाजित किया जाए।  धारीवाल ने कहा कि जोनल डवलमपेंट प्लान को परिभाषित करने के लिए यह विधेयक लाया गया क्योंकि इसके बिना जोनल डवलपमेंट को लेकर संशय बना रहता। पहले अधिनियम में शहरों को केवल जोन में विभाजित करने का प्रावधान था ना कि जोनल डवलपमेंट प्लान में। एक लाख से कम आबादी वाले शहरों में जोनल डवलपमेंट प्लान की आवश्यकता नहीं है क्योंकि छोटे

स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर, जिम और सिनेमाघर 30 मार्च तक बंद - मुख्यमंत्री

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स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर, जिम और सिनेमाघर 30 मार्च तक बंद - मुख्यमंत्री छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए ऐहतियात के तौर पर प्रदेश में सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर, जिम, सिनेमाघर एवं थियेटर आदि को 30 मार्च तक बंद रखने के निर्देश दिए हैं। इस अवधि में आयोजित होने वाले म्यूजिक इन द पार्क तथा नाटक मंचन जैसे कार्यक्रम भी स्थगित रहेंगे। देर रात्रि मुख्यमंत्री निवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में कोरोना की स्थिति की समीक्षा बैठक के दौरान यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया। विश्व स्वास्थ्य संगठन और संयुक्त राष्ट्र द्वारा कोरोना संक्रमण को महामारी घोषित करने और केन्द्र सरकार की ओर से जारी की गई एडवाइजरी के क्रम में ऐहतियात के तौर पर संक्रमण से बचाव के लिए यह निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री नेे आमजन को कोरोना के विषय में भयभीत नहीं होने की सलाह दी है और लोगों से अपील की है कि वे भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचें तथा आवश्यकता होने पर ही सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग करें। स्कूल और कॉलेजों में चल रही बोर्ड परीक्षाओं पर कोई रोक नहीं होगी। साथ ही, मेडिकल तथा नर्सिंग कॉलेज मे

राजस्थान आवासन बोर्ड (संशोधन) विधेयक, 2020 ध्वनिमत से पारित

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राजस्थान आवासन बोर्ड (संशोधन) विधेयक, 2020 ध्वनिमत से पारित छोटा अखबार। राजस्थान विधानसभा ने गुरुवार को राजस्थान आवासन बोर्ड (संशोधन) विधेयक-2020 ध्वनिमत से पारित कर दिया। इससे पहले नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने विधेयक को चर्चा के लिए सदन में प्रस्तुत किया। विधेयक पर सदन में हुई चर्चा के बाद श्री धारीवाल ने कहा कि हाउसिंग बोर्ड द्वारा पूर्व में बनाए गए करीब 23 हजार आवास बिक्री के अभाव में पड़े हुए जर्जर हो रहे थे इसलिए 25 से 50 प्रतिशत तक की छूट देकर इनकी बिक्री की जा रही है। उन्होंने कहा कि बोर्ड आवासों के निर्माण में गुणवत्ता सुधारने का प्रयास कर रहा है। अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए बोर्ड छोटे कस्बों पर आवास बनाने के सुझाव पर ध्यान दे रहा है। ऎसे स्थानों पर आवासों की मांग भी है तथा कई स्थानों पर बोर्ड ने जमीन भी अधिग्रहीत कर रखी है। धारीवाल ने कहा कि बोर्ड को हाउसिंग बोर्ड की भूमि से ही अतिक्रमण हटाने का अधिकार दिया गया है। आवासीय कॉलोनियों में अवैध निर्माण हटाने का जिम्मा नगरीय निकायों का ही है। उन्होंने कहा कि अतिक्रमियों को धारा-51 के तहत सजा का प्रावधान क

100 करोड़ से बनेगा पर्यटन विकास कोष -पर्यटन मंत्री

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100 करोड़ से बनेगा पर्यटन विकास कोष -पर्यटन मंत्री छोटा अखबार। पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में पर्यटन को गति देने के लिए कई नए कार्य कर रही है। आरटीडीसी की बंद 16 इकाईयों को चालू करने के लिए कार्य योजना बनाई गई है। शीघ्र ही नई पर्यटन नीति जारी की जाएगी। पहली बार बजट में पर्यटन विभाग के लिए अतिरिक्त 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।  पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह गुरूवार को विधानसभा में मांग संख्या -47 पर्यटन की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। बहस के बाद सदन ने पर्यटन की 84 करोड़ 73 लाख 68 हजार रुपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी। वर्ष 2013-14 की बजट घोषणा में जयपुर की खासा कोठी और आनन्द भवन होटल के जीर्णोद्धार के लिए 10 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। कार्य आरंभ कर कुछ राशि व्यय की गई, लेकिन सरकार बदलने पर यह काम बंद कर दिया गया और इन्हें निजी हाथों में देने के लिए कंसलटेंट की नियुक्ति कर दी गई थी। अक्टूबर, 2018 में इसके भवन के कुछ हिस्से को स्किल यूनिवर्सिटी को किराये पर दे दिया गया था। हमारी सरकार आने के बाद पुनः कार्य शुरू

विवाहित महिला को अनुकंपा नियुक्ति नहीं देना संविधान का उल्लंघन —हाईकोर्ट

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विवाहित महिला को अनुकंपा नियुक्ति नहीं देना संविधान का उल्लंघन —हाईकोर्ट छोटा अखबार। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने विवाहित महिलाओं को अनुकंपा पर नियुक्ति के मामले में कहा है कि सरकार की नीति समानता के अधिकार का हनन है।  न्यायालय सूत्रों के अनुसार जस्टिस सुजॉय पॉल, जस्टिस जेपी गुप्ता और जस्टिस नंदिता दुबे की पीठ ने कहा कि अनुकम्पा के आधार पर नियुक्ति के लिए शादीशुदा पुत्री के नाम पर विचार न करने की सरकार की नीति संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। हाईकोर्ट ने कहा है कि क्या अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के मामले में राज्य सरकार द्वारा तैयार की गई नीति के क्लॉज 2.2 और 2.4 को संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 25 और 51(ए)(ई) का उल्लंघन कहा जा सकता है, जिसमें आश्रितों की निश्चित श्रेणी निर्धारित की गई है, जिसके तहत अविवाहित, विधवा और तलाकशुदा पुत्री को शामिल किया गया है।  मध्यप्रदेश के सतना जिले की ग्राम खूटा निवासी मीनाक्षी दूबे ने विद्युत वितरण कंपनी में अपने पिता के निधन के बाद अनुकंपा नियुक्ति पाने के लिए आवेदन किया था। कंपनी ने आवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि राज्य की 12 दिसंबर, 2014 की न