विधानसभा के बाद वित्त विभाग में होगा बड़ा बदलाव

 विधानसभा के बाद वित्त विभाग में होगा बड़ा बदलाव


छोटा अखबार।

प्रदेश के पुलिस और प्रशासनिक ढांचे में 8 फरवरी के बाद बहुत बड़ा बदलाव होने वाला है । सबसे बड़ी तब्दीली वित्त विभाग में संभावित है । इसके अतिरिक्त पुलिस विभाग में जिलों से लेकर मुख्यालय बड़ा देखने को मिलेगा ।

 प्रदेश का लेखानुदान 8 फरवरी को पारित होने के बाद सरकार तसल्ली से कार्य करेगी । वैसे जिन अधिकारियों ने तबाही मचा रखी थी, उनकी सफाई जारी है । जेडीए की सचिव नलिनी कठोतिया की समानांतर सरकार चल रही थी और फाइल भी तेजी से क्रियाशील थी । इसी तरह जेडीए के ही अतिरिक्त आयुक्त आनंदी लाल वैष्णव और प्रवीण कुमार को भी जेडीए से रुखसत कर दिया गया है । नई जेडीसी मंजु राजपाल तीनो के कामकाज से खुश नही थी । 

पता चला है कि अखिल अरोड़ा का वित्त विभाग से जाना लगभग तय था । लेकिन लेखनुदान की वजह से वित्त विभाग में किसी को नही हटाया गया । अरोड़ा की तरह नरेश ठकराल, कृष्ण कांत पाठक, वाणिज्य कर आयुक्त रवि कुमार सुरपुर तथा ओमप्रकाश कसेरा आदि में से किसी को भी डिस्टर्ब नही किया । ऐसी संभावना है कि अखिल अरोड़ा सहित वित्त विभाग से जुड़े सभी अफसरों को बदला जाना सम्भावित है । हालांकि अखिल अरोड़ा के कामकाज और दूरदृष्टि से उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी भी बेहद संतुष्ट है । ऐसे में सम्भावना यही है कि अशोक गहलोत के नजदीक होने के बाद भी इन्हें बेहतर सन्तुष्टि मिल सकती है । 

उधर पुलिस विभाग में मंथली की उगाही को लेकर भारी गहमागहमी है । बताने की आवश्यकता नही है थाने से लेकर आईजी तक राशि का वितरण होता है । सभी चाहते है कि इस महीने की मंथली डूब नही जाए । लिस्ट की प्रतीक्षा में पूरा पुलिस प्रशासन जड़ता की स्थिति में है । सरकार को चाहिए कि उच्च स्तर पर शीघ्र बदलाव किया जाए ताकि अनिश्चितता की स्थिति समाप्त हो सके ।

पिछली आईएएस की सूची जारी होने पर राजफैड का चार्ज   मुख्य सचिव द्वारा अपने पास रखना चर्चा का विषय है । अफसरों का मानना है कि मुख्य सचिव द्वारा कुछ लाख भत्ते के चक्कर मे राजफैड का चार्ज अपने पास रखना मुख्य सचिव पद की गरिमा के प्रतिकूल है । अफसर मानते है कि इससे अधीनस्थ अफसरों में अच्छा संदेश नही जाएगा । सुधांश पन्त की गिनती योग्य और ईमानदार अफसरों में होती है । अपनी छवि को स्वच्छ बनाए रखने के लिए उन्हें अविलम्ब राजफैड का चार्ज त्याग देना चाहिए । 

मुख्यमंन्त्री का सचिव पद भी तमाशा बनकर रह गया है । टी रविकांत अभी तक मुख्यमंन्त्री के कार्यवाहक प्रमुख शासन सचिव है । इसलिए उनकी सीएमओ में कोई रुचि नही है । लिहाजा पिछले दो माह से सीएमओ का कार्य सुस्त रफ्तार से चल रहा है । जेपी गुप्ता गुजरात से कब आएंगे, यह अभी तय नही है । उनके आने के बाद ही सीएमओ रफ्तार पकड़ेगा । ऐसे में विधानसभा तक प्रशासन सुस्त रफ्तार से चलेगा । उसके बाद आएगी बुलेट जैसी रफ्तार ।

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