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मंत्री संजय शर्मा से सबक लें मंत्री झाबर सिंह खर्रा

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मंत्री संजय शर्मा से सबक लें मंत्री झाबर सिंह खर्रा   छोटा अखबार। प्रदेश में सरकारी जमीन पर कब्जा करने और अवैध आबादी बसाने की हौड़ सी मची हुई है। इस खेल में नेताओं , सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों के लाभ जुड़े हुए होते हैं। इस कारण अवैध कब्जा और अवैध आबादी पर बुल्डोजर नहीं चलाया जाता हैं और अगर चलता भी है तो केवल ​रिवाज निभाने के लिये। लेकिन वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने रिवाज तोड़ते हुये अवैध कब्जा और अवैध आबादी पर बुल्डोजर चलाने के आदेश दिये हैं। मामला खैरथल- तिजारा जिले के किशनगढ़ बास क्षेत्र में रूंध गिदावड़ा का है। भिवाड़ी जिला पुलिस अधीक्षक अनिल बेनीवाल के अनुसार यहां बदमाशों ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा है। कब्जा शुदा जमीन पर बनाए गए कच्चे घरों और पक्के निर्माणों को जेसीबी की सहायता से तोड़ा जा रहा है। करीब 1 दर्जन कच्चे मकान बनाए गए हैं , बोरिंग लगाई हुई है , फसल बोई हुई है और बिजली कनेक्शन हुए हैं। मामले में वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने तुरंत कार्यवाई करने के आदेश दिये है। वहीं बदमाशों को पकड़ने का अभियान जारी। आम जनता ने मंत्री के आदेश की सराहना

भ्रष्टाचार खत्म करने के फेर में ग्राम विकास अधिकारी ने लगाई फांसी

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भ्रष्टाचार खत्म करने के फेर में ग्राम विकास अधिकारी ने लगाई फांसी   छोटा अखबार। भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकारें मुहिम चलाती हैं और चली जाती हैं। लेकिन भ्रष्टाचार खत्म होने का नाम नहीं लेता है। वहीं जो व्यक्ति भ्रष्टाचार को खत्म करने की ठानता है उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। ऐसा ही एक मामला प्रदेश देखने को मिला है। मामला प्रदेश के सीकर जिले में श्रीमाधोपुर के थोई थाना के चिपलाटा गांव का है। गांव के ग्राम विकास अधिकारी ललित कुमार ने अपने घर पर ही फांसी लगाली थी। इस घटना से गांव में तनाव का माहौल हो गया। जानकारी के अनुसार ललित कुमार के कमरे से 8 पन्नों का एक पत्र मिला है। इस पत्र को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है। पत्र में ललित ने चिपलाटा सरपंच और तत्कालीन विकास अधिकारी पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। पुलिस के अनुसार ग्राम विकास अधिकारी ललित कुमार ने थोई थाने में तीन दिन पहलें सरपंच मनोज गुर्जर और तत्कालीन विकास अधिकारी नरेंद्र प्रताप के खिलाफ थाने में मामला दर्ज करवाया था। मामला जांच में स्थानीय निधि अंकेक्षण की ऑडिट में 5 लाख 20 हजार 11 रुपए का वर्ष 20

Chief Ministers -मुख्यमंत्री के विभाग में तैयार होते हैं, कूटरचित दस्तावेज

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Chief Ministers - मुख्यमंत्री के विभाग में तैयार होते हैं , कूटरचित दस्तावेज   छोटा अखबार। पिछले अंक में आपने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के खास महकमों में शामिल सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग में हुए खेला के बारें में पढ़ा। आज के अंक में आप पढ़ोगे कि कैसे इस खास महकमें में अधिकारियों द्वारा नोट सीट में हेरा—फेरी कर कूटरचित दस्तावेज तैयार किया जाता है और कैसे नियमों की अनदेखी कर खेला किया जाता है। वैसे इस विभाग के लिये ये कोई नई बात नहीं है। कुछ इसी तरह का खेला विभाग ने 571 पत्रकारों के साथ किया था। जिसका दंश पत्रकार परिवार सहित आज तक झेल रहे हैं।   मामले में आप सभी का ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग में वर्ष 2016—17 के लिए वरिष्ठ सहायक पदों की डीपीसी हेतु दिनांक 20 जून 2018 और 20 फरवरी 2023 को विभागीय पदौन्नति समिति की बैठक हुई जिसमें एक बार 10 पदों का उल्लेख किया गया और फिर हेरा—फेरी कर कूटरचित 13 पदों का उल्लेख कर वरिष्ठ सहायकों को पदौन्नत कर दिया गया। आपको बतादें कि दिनांक 14 दिसम्बर 2022 को कर्मिक विभाग के संयुक्त शासन सचिव रामनिवास मेहता ने सूचना ए

Chief Minister मुख्यमंत्री के विभाग डीआईपीआर में खेला

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Chief Minister  मुख्यमंत्री के विभाग डीआईपीआर में खेला   छोटा अखबार। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के खास महकमों में शामिल सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग में एक खेला होने का मामला संज्ञान में आया है। वैसे तो इस खास महकमें में कई खेला हुए हैं। इनमें सुजस टेंडर , संवाद में 34 लाख का गबन और फोटो ग्राफर भर्ती जैसे कई चर्चित खेला हुए हैं। लेकिन नई सरकार के गठन के बाद यह पहला खेला है , जो आमजन और सरकार के लिये खास है। इस खेला में विभाग ने रिक्त पदों से ज्यादा पदों पर नियुक्तियां दी है।   आपको बतादें कि 5 अक्टूबर 2023 को सरकार ने सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के मंत्रालयिक संवर्ग का पुनर्गठन कर 75 नवीन पदों को स्वीकृति प्रदान की गई थी। विभाग में पुनर्गठन के बाद संवर्ग में कुल 242 पद हो गये थे। इनमें संस्थापन अधिकारी के 2 पद , प्रशासनिक अधिकारी के 6 पद , अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी के 19 पद , सहायक प्रशासनिक अधिकारी के 40 पद , वरिष्ठ सहायक के 50 पद और कनिष्ठ सहायक के 125 पद शामिल हैं।   डीआईपीआर और सरकार के दस्तावेजों के अनुसार सरकार ने 5 अक्टूबर 2023 को सहायक प्रशासनिक अधिकारी के 40 पदों को स्

5 लाख लेकर दिलखुश मीणा की जगह मेहंदीपुर बालाजी का कालूराम मीणा परीक्षा देने आया

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5 लाख लेकर दिलखुश मीणा की जगह मेहंदीपुर बालाजी का कालूराम मीणा परीक्षा देने आया   छोटा अखबार। मामला सिविल लाइन थाना अजमेर का है। यहां कल गुरूवार को ख्वाजा मॉडल स्कूल के प्रिंसिपल ने सिविल लाइन थाने में मामला दर्ज कराया था। एएसपी सुखविंदर पाल सिंह ने बताया कि सीबीएसई की ओर से आयोजित एकलव्य आवासीय स्कूल की वार्डन भर्ती परीक्षा में मूल अभ्यर्थी दिलखुश मीणा की जगह की मेहंदीपुर बालाजी का कालूराम मीणा परीक्षा देने आया था। श्री सिंह के अनुसार इस मामले में 5 लाख रुपए लेन देन होना बताया है। एडिशनल एसपी ने बताया कि , इस मामले में केंद्राधीक्षक की रिपोर्ट पर मामला दर्ज किया गया था। जिस पर दिलखुश मीणा और कालूराम मीणा को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है। गुरुवार शाम को दौसा निवासी ई-मित्र संचालक नरेश को मूल अभ्यर्थी के आधार कार्ड में फोटो एडिट कर डमी अभ्यर्थी की फोटो लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

RPSC ने मास्टरों के लिये ​निकाली भर्ती

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RPSC ने मास्टरों के लिये ​निकाली भर्ती   छोटा अखबार। प्रदेश में मास्टरों के लिये राजस्थान लोक सेवा आयोग ने भर्ती निकाली है। ये भर्ती संस्कृत शिक्षा विभाग में 6 विषयों पर आधारीत इन की कुल संख्या 347 पदों की है। उपरोक्त 347 पदों पर RPSC ने भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया है। अधिक जानकारी के लिये आयोग की वेबसाइट का अवलोकन करें। आयोग सचिव के अनुसार उक्त पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन 6 फरवरी से 6 मार्च 2024 को रात्रि 12 बजे तक किए जा सकेंगे। ऑफलाइन आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। परीक्षा तिथि और स्थान के संबंध में यथासमय सूचित कर दिया जाएगा।

Review on ERCP, a report:- ईआरसीपी पर समीक्षा, एक रिपोर्ट

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Review on ERCP, a report:-  ईआरसीपी पर समीक्षा , एक रिपोर्ट   छोटा अखबार। मूर्ख को मूर्ख बनाना कत्तई गलत नहीं है। सौ-फीसदी सही है और यही केन्द्र सरकार राजस्थान वासियों के साथ कर रही है। ईआरसीपी योजना का जाल यह कह कर फेंका गया है कि इस योजना से राजस्थान के 13 जिलों की प्यास बुझेगी। इस योजना पर 45 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे लेकिन सांसद तथा केन्द्रीय जल संसाधन समिति के सदस्य भागीरथ चौधरी ने यह कह कर इसका रायता फैला दिया कि यह योजना 2051 तक जाकर पूरी होगी। मतलब कि इसे पूरा होने में 27 साल लग जाएंगे। अर्थात इसका लाभ 27 साल बाद मिलेगा उससे पहले नहीं। यह समाचार 30 जनवरी के दैनिक नवज्योति में प्रकाशित हुआ है। अब यहां पहला प्रश्न यह है कि जन हित की बात करें तो मोदी जी ने इन 10 सालों में राजस्थान के लिए यह क्यों नहीं सोचा जो अब सोचा है। 27 साल बाद तक कौन जिंदा रहेगा और कौन स्वर्ग सिधार जाएगा यह कोई नहीं जानता। लोग अगर ऐसा सोच रहे हैं कि उन्हें पानी 2-4 सालों में मिल जाएगा तो वे मूर्ख ही नहीं बल्कि महामूर्ख हैं। केन्द्र और राजस्थान में भी 27 साल बाद किसकी सरकार रहेगी , यह भी कोई न