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Chief Minister मुख्यमंत्री के विभाग डीआईपीआर में खेला

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Chief Minister  मुख्यमंत्री के विभाग डीआईपीआर में खेला   छोटा अखबार। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के खास महकमों में शामिल सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग में एक खेला होने का मामला संज्ञान में आया है। वैसे तो इस खास महकमें में कई खेला हुए हैं। इनमें सुजस टेंडर , संवाद में 34 लाख का गबन और फोटो ग्राफर भर्ती जैसे कई चर्चित खेला हुए हैं। लेकिन नई सरकार के गठन के बाद यह पहला खेला है , जो आमजन और सरकार के लिये खास है। इस खेला में विभाग ने रिक्त पदों से ज्यादा पदों पर नियुक्तियां दी है।   आपको बतादें कि 5 अक्टूबर 2023 को सरकार ने सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के मंत्रालयिक संवर्ग का पुनर्गठन कर 75 नवीन पदों को स्वीकृति प्रदान की गई थी। विभाग में पुनर्गठन के बाद संवर्ग में कुल 242 पद हो गये थे। इनमें संस्थापन अधिकारी के 2 पद , प्रशासनिक अधिकारी के 6 पद , अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी के 19 पद , सहायक प्रशासनिक अधिकारी के 40 पद , वरिष्ठ सहायक के 50 पद और कनिष्ठ सहायक के 125 पद शामिल हैं।   डीआईपीआर और सरकार के दस्तावेजों के अनुसार सरकार ने 5 अक्टूबर 2023 को सहायक प्रशासनिक अधिकारी के 40 पदों को स्

5 लाख लेकर दिलखुश मीणा की जगह मेहंदीपुर बालाजी का कालूराम मीणा परीक्षा देने आया

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5 लाख लेकर दिलखुश मीणा की जगह मेहंदीपुर बालाजी का कालूराम मीणा परीक्षा देने आया   छोटा अखबार। मामला सिविल लाइन थाना अजमेर का है। यहां कल गुरूवार को ख्वाजा मॉडल स्कूल के प्रिंसिपल ने सिविल लाइन थाने में मामला दर्ज कराया था। एएसपी सुखविंदर पाल सिंह ने बताया कि सीबीएसई की ओर से आयोजित एकलव्य आवासीय स्कूल की वार्डन भर्ती परीक्षा में मूल अभ्यर्थी दिलखुश मीणा की जगह की मेहंदीपुर बालाजी का कालूराम मीणा परीक्षा देने आया था। श्री सिंह के अनुसार इस मामले में 5 लाख रुपए लेन देन होना बताया है। एडिशनल एसपी ने बताया कि , इस मामले में केंद्राधीक्षक की रिपोर्ट पर मामला दर्ज किया गया था। जिस पर दिलखुश मीणा और कालूराम मीणा को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है। गुरुवार शाम को दौसा निवासी ई-मित्र संचालक नरेश को मूल अभ्यर्थी के आधार कार्ड में फोटो एडिट कर डमी अभ्यर्थी की फोटो लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

RPSC ने मास्टरों के लिये ​निकाली भर्ती

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RPSC ने मास्टरों के लिये ​निकाली भर्ती   छोटा अखबार। प्रदेश में मास्टरों के लिये राजस्थान लोक सेवा आयोग ने भर्ती निकाली है। ये भर्ती संस्कृत शिक्षा विभाग में 6 विषयों पर आधारीत इन की कुल संख्या 347 पदों की है। उपरोक्त 347 पदों पर RPSC ने भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया है। अधिक जानकारी के लिये आयोग की वेबसाइट का अवलोकन करें। आयोग सचिव के अनुसार उक्त पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन 6 फरवरी से 6 मार्च 2024 को रात्रि 12 बजे तक किए जा सकेंगे। ऑफलाइन आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। परीक्षा तिथि और स्थान के संबंध में यथासमय सूचित कर दिया जाएगा।

Review on ERCP, a report:- ईआरसीपी पर समीक्षा, एक रिपोर्ट

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Review on ERCP, a report:-  ईआरसीपी पर समीक्षा , एक रिपोर्ट   छोटा अखबार। मूर्ख को मूर्ख बनाना कत्तई गलत नहीं है। सौ-फीसदी सही है और यही केन्द्र सरकार राजस्थान वासियों के साथ कर रही है। ईआरसीपी योजना का जाल यह कह कर फेंका गया है कि इस योजना से राजस्थान के 13 जिलों की प्यास बुझेगी। इस योजना पर 45 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे लेकिन सांसद तथा केन्द्रीय जल संसाधन समिति के सदस्य भागीरथ चौधरी ने यह कह कर इसका रायता फैला दिया कि यह योजना 2051 तक जाकर पूरी होगी। मतलब कि इसे पूरा होने में 27 साल लग जाएंगे। अर्थात इसका लाभ 27 साल बाद मिलेगा उससे पहले नहीं। यह समाचार 30 जनवरी के दैनिक नवज्योति में प्रकाशित हुआ है। अब यहां पहला प्रश्न यह है कि जन हित की बात करें तो मोदी जी ने इन 10 सालों में राजस्थान के लिए यह क्यों नहीं सोचा जो अब सोचा है। 27 साल बाद तक कौन जिंदा रहेगा और कौन स्वर्ग सिधार जाएगा यह कोई नहीं जानता। लोग अगर ऐसा सोच रहे हैं कि उन्हें पानी 2-4 सालों में मिल जाएगा तो वे मूर्ख ही नहीं बल्कि महामूर्ख हैं। केन्द्र और राजस्थान में भी 27 साल बाद किसकी सरकार रहेगी , यह भी कोई न

Rajasthan Education Minister राजस्थान में स्कूलों के लिए लागू हो सकते है खास नियम शिक्षा मंत्री ने दिये संकेत

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Rajasthan Education Minister राजस्थान में स्कूलों के लिए लागू हो सकते है खास नियम शिक्षा मंत्री ने दिये संकेत   छोटा अखबार। प्रदेश में 26 जनवरी को बारां जिला और 29 जनवरी को जयपुर शहर के स्कूल में हुए बवाल को लेकर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बयान दिया है। कहा है कि राजस्थान की स्कूलों में ड्रेस कोड ( School Dress Code) पहले ही लागू था। लेकिन अब इसकी अवहेलना करने वाले स्कूल , शिक्षक और छात्रों की जांच की जाएगी। साथ ही शिक्षा मंत्री ने प्रदेश की स्कूलों में कई नियम सख्त करने के संकेत दिये हैं।   स्कूलो में ये नियम हो सकते हैं सख्त शिक्षा मंत्री के संकेतों के अनुसार स्कूल में चयनित प्रार्थना के अलावा किसी दूसरी तरह की प्रार्थना नहीं कराई जाएगी। इसके लिए 4-5 प्रार्थना का चयन किया गया है और किसी दूसरी तरह की प्रार्थना का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। ना ही स्कूल में किसी तरह का धर्मांतरण किया जाएगा।  स्कूल में मां सरस्वती की तस्वीर होनी चाहिए। किसी न किसी रूप में मां सरस्वती आकृति दिखना चाहिए चाहे मूर्ति हो , तस्वीर हो या दिवार पर हो। स्कूल में पाठ्यक्रम में दिये गए महापुरुषों के

FasTags:— KYC के लिये आज आखिरी मौका, वहीं कल से IMPS नियमों होगा बदलाव

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FasTags KYC के लिये आज आखिरी मौका , वहीं कल से IMPS नियमों होगा बदलाव   छोटा अखबार। सामान्य तौर पर फरवरी माह में कई नियमों में बदलाव हो सकता है। लेकिन FasTags KYC वाला नियम आपको खासा परेशान कर सकता है। इस लिये खासतौर पर आपको आगाह किया जाता है कि यदि आपने 31 जनवरी यानि आज से पहले अपने FasTag अकाउंट का KYC नहीं किया तो आपके पास आखिरी मौका है। इसके बाद 1 फरवरी से आपका फास्टैग अकाउंट बैन कर दिया जाएगा या ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने फास्टैग केवाईसी अपडेट करने का आखिरी समय 31 जनवरी दिया है। वहीं कल 1 February से एक खास नियम में भी बदलाव होगा। इस नियम के बदलाव से आमजन को राहत मिलेगी। RBI (IMPS, Immediate Payment Service) तत्काल भुगतान सेवा के नियमों में बदलाव बदलाव करने जा रहा है। बदले हुए नियमों के अनुसार अब एक फरवरी से  बिना आप लाभार्थी ( Beneficiary) का नाम जोड़ कर 5 लाख रुपये तक का मनी ट्रांसफर कर सकेंगे। आको बतादें कि इसके लिए पहले ही आरबीआई ने सर्कुलर जारी किया था। अब 1 फरवरी से यह नियम लागू होने जा रहा है।

श्रेष्ठ बनने के चक्कर में पुलिस पत्रकारों की स्वतंत्रता का हनन कर रही है:— सुप्रीम कोर्ट

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श्रेष्ठ बनने के चक्कर में पुलिस पत्रकारों की स्वतंत्रता का हनन कर रही है:— सुप्रीम कोर्ट   छोटा अखबार। सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर से पुलिस को भारतीय संविधान के आर्टिकल 19 और 22 की याद दिलाई है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ की बेंच ने कि ‘पत्रकारों के मौलिक अधिकारों की स्वतंत्रता के खिलाफ पुलिस किसी भी पत्रकार से उनकी खबरों के लिए सूत्र नहीं पूछ सकती है। यहां तक की कोर्ट भी उन्हें ऐसा करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। श्री चंद्रचूड़ ने कहा आजकल ये देखने को मिल रहा है कि बिना किसी ठोस सबूत और बिना जांच के पत्रकारों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर लिए जाते हैं। श्रेष्ठ बनने के चक्कर में पुलिस पत्रकारों की स्वतंत्रता का हनन कर रही है। “आपको बता दें कि हमारे देश में किसी विशेष कानून के जरिए पत्रकारों को अधिकार हासिल नहीं हैं। पत्रकारों के लिए अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार बाकी नागरिकों की तरह संविधान के अनुच्छेद 19 (1) ( a) के अंतर्गत ही मिले हुए हैं। पत्रकारों को अपने सूत्र को गोपनीय रखने का अधिकार प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया एक्ट 1978 के तहत मिला हुआ है। इसमे