Posts

बगावती सुर-तेवर से जुझ रही भाजपा की कल बुधवार को सांवरिया जी में महत्वपूर्ण बैठक

Image
 बगावती सुर-तेवर से जुझ रही भाजपा की कल बुधवार को सांवरिया जी में महत्वपूर्ण बैठक भूपेन्द्र औझा  छोटा अखबार। समन्वय! मेवाड़ - वागंड में अपनों के बगावती सुर-तेवर से जुझ रही भाजपा की कल बुधवार को सांवरिया जी में उदयपुर संभाग की महत्वपूर्ण बैठक हो रही है। बैठक की आपको अहमियत का इसी से अंदाजा हो जाएगा कि,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ श्रेत्रिय प्रचारक नीमाराम जी, चितौड़गढ़ प्रांत प्रचारक विजयानंद जी, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सी पी जोशी, दिल्ली भाजपा संगठन महामंत्री पवन राणा, उदयपुर संभाग भाजपा प्रभारी दामोदर अग्रवाल, सांसद कनकमल कटारा के बैठक में भाग लेने के संकेत हैं। केन्द्रीय मंत्री एवम राजस्थान भाजपा चुनाव  प्रबंधक प्रहलाद जोशी, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह के भी कल बुधवार को उदयपुर संभाग सांवरिया जी बैठक में  भाग लेने की संभावना है। सांवरिया जी बैठक में संघ चितौड़गढ़ प्रांत तथा उदयपुर  संभाग के बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, उदयपुर, राजसमंद, चितौड़गढ़, भीलवाड़ा जिले के भाजपा जिला प्रभारी,विस्तारक, जिलाध्यक्ष के साथ उनके जिले के विधानसभा क्षेत्रों की संघ एवम भाजपा प्रदेश नेतृत्व द्वारा वहां की मौजूद

कच्ची उम्र में बढ रहे यौन संबंध, फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट

Image
  कच्ची उम्र में बढ रहे यौन संबंध, फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट  अशोक शर्मा  छोटा अखबार। पिछले दिनों कोलकाता हाईकोर्ट ने पाक्सो एक्ट के तहत एक फ़ैसला सुनाते हुए कहा कि किशोरियों को अपनी यौन इच्छाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए। वे दो मिनट के सुख के लिए समाज की नजरों से गिर जाती हैं। यह टिप्पणी जस्टिस चितरंजन दास और जस्टिस पार्थ सारथी सेन ने एक नाबालिग़ को यौन उत्पीडन के आरोप से बरी करते हुए दी, जबकि उसे जिला अदालत ने दोषी करार दिया था। क्योंकि उसने एक नाबालिग लडकी से यौन संबंध स्थापित कर लिया था। जब कि दोनों में प्रेम संबंध था और लडकी के अनुसार दोनों ने आपसी सहमति से सेक्स किया था। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि किशोरों को भी युवतियों की गरिमा और स्वायत्तता का सम्मान करना चाहिए। इसके साथ ही कोर्ट ने अभिभावकों से भी कहा कि वे अपने बच्चों को गुड टच,बेड टच के अलावा अच्छी-बुरी संगत तथा प्रजनन तंत्र के बारे में सही जानकारी और ज्ञान दें। कोर्ट ने बच्चों के संरक्षण अधिनियम पर भी चिंता जताते हुए सुझाव दिया कि अभी लड़के-लड़कियों में यौन संबंध बनाने की उम्र 18 साल है, उसे 16 साल कर दिया जाना चाहिए। क्यो

एक नजर टिकटों के घमासान पर

Image
  एक नजर टिकटों के घमासान पर भूपेंद्र औझा  छोटा अखबार। भाजपा में दो कांग्रेस  ओर एक आरएलपी नेताओं को शामिल  कर चुनाव मैदान में उतारने की कवायद अंतिम चरण में होने के संकेत हैं। भाजपा नेतृत्व के खासे निकट सूत्रों मुताबिक चूरू जिले मे कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे पूर्व मंत्री, चन्दनमल वैद्य के सुपूत्र तारानगर पूर्व विधायक सी आर वैद्य, सादुलपुर राजगढ़ पूर्व कांग्रेस विधायक नंदलाल  पुनिया ओर उदयपुर  जिले मे आरएलपी के प्रमुख नेता उदयलाल डांगी को  कल परसों में भाजपा सदस्य ग्रहण कराने की खासी चर्चा है। भाजपा  परिवार में शामिल कर डॉ वैद्य को चूरू जिले की सरदारशहर सीट से, पूर्व विधायक नंदलाल पुनिया की पुत्रवधू सुमित्रा पुनिया को कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया के सामने सादुलपुर राजगढ़ सीट पर तथा वल्लभनगर उपचुनाव में भाजपा से बगावत कर आर एलपी उम्मीदवार चुनाव मैदान में दूसरे स्थान पर रहने वाले उदयलाल डांगी को वल्लभनगर सीट से भाजपा उम्मीदवार चुनाव मैदान में उताराने की संभावना है। ब्राह्मण बाहुल्य उदयपुर, चितौड़गढ़, राजसमंद जिले में भाजपा की जारी दोनों सूची में किसी भी ब्राह्मण को उम्मीदवार घोषित नहीं

नाराजगियों के बारूद में विस्फोट, मुस्लमान और संघ को तवज्जोह नहीं

Image
  नाराजगियों के बारूद में विस्फोट, मुस्लमान और संघ को तवज्जोह नहीं अशोक शर्मा  छोटा अखबार। राजस्थान में राजनीतिक महाभारत शुरू हो गई है। कांग्रेस और भाजपा दोनों की सेनाएं मैदान में उतर रही हैं लेकिन दोनों पार्टियों ने  उम्मीदवारों को टिकट देने में जो पैतरेबाजी की, उससे पार्टियों में आपस में ही घमासान मच गया। कांग्रेस में कम, भाजपा में बहुत ही ज्यादा। इस समय भाजपा की हालत सबसे ज्यादा खराब है। मात्र चार दिनों में ही चित्तौड़गढ़, राजसमंद, कोटा, उदयपुर, सोजत, अलवर, बूंदी, सांगानेर और छबडा में विरोधी भाजपाई सड़कों पर उतर आए हैं, वे बहुत ज्यादा गुस्से में हैं। इनमें सबसे ज्यादा गुस्सा चित्तौड़गढ़ के सांसद और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के प्रति है। सीपी जोशी का पुतला फूंक दिया तो उधर राजसमंद में भाजपा के आफिस में तोडफोड कर दी। यद्यपि दोनों ही पार्टियों के लगभग 70 प्रतिशत उम्मीदवार घोषित हो गए हैं और यहां एक मजेदार बात देखने को मिली कि जहां भाजपा में वसुन्धरा समर्थक लगभग सभी उम्मीदवारों को टिकट दे दिया गया वहीं दूसरी ओर कांग्रेस में गहलोत के खास तीनों मंत्रियों के टिकटों का अभी तक अता-पता नह

प्रदेश में कांग्रेस की दूसरी सूची हुई जारी, कई नेताओं को लगा जोर का झटका धीरे से

Image
प्रदेश में कांग्रेस की दूसरी सूची हुई जारी, कई नेताओं को लगा जोर का झटका धीरे से

प्रियंका वाड्रा अनफिट, राजस्थान को नहीं होगा कोई फायदा

Image
  प्रियंका वाड्रा अनफिट, राजस्थान को नहीं होगा कोई फायदा अशोक शर्मा छोटा अखबार। प्रियंका वाड्रा, कांग्रेस पार्टी की महासचिव। वे दो दिन पहले दौसा आई थीं। वहां उसने पीएम मोदी को लेकर जो कुछ कहा उसने प्रियंका की ही शख्सियत को हल्का किया। पहले प्रियंका ने मालासेरी डूंगरी के मंदिर में बंद लिफाफे में दिये गए 21 रूपए का राग अलापा और उसके बाद भाजपा के मोदी फेस पर चुनाव लडने की बात पर चुटकी ली कि क्या मोदी राजस्थान के सीएम बनेंगे। और तीसरा यह कि यहां बीजेपी के सभी नेता खुद को सीएम घोषित कर रहे हैं। दो टूक,ये वो घिसी-पिटी बातें हैं जो कई बार उछाली जा चुकी हैं। अब इन बातों का कोई मतलब नहीं। राजस्थान के चुनाव से जस्ट पहले प्रियंका की यह पहली सभा थी अतः उन्हें मंच पर आने से पहले होमवर्क करके आना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस स्पीच ने प्रियंका की शख्सियत को ही हल्का किया। अतः प्रियंका का राजस्थान आने का कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होगा। जबकि वे कांग्रेस की महासचिव हैं, आश्चर्य कि उनकी दादी कुशल राजनीतिज्ञ थीं, उनके पिता भारत के पीएम रहे, उनके भाई राहुल की अपनी राजनीतिक शख्सियत है लेकिन प्रियंका ने

गहलोत की गद्दी पर फेवीकोल लगा है या उनके नीचे?

Image
 गहलोत की गद्दी पर फेवीकोल लगा है या उनके नीचे?  सुरेन्द्र चतुर्वेदी छोटा अखबार। राजनीति में कुछ भी हो सकता है। कुछ भी यानि कुछ भी। सुई में धागे की तरह हाथी भी निकल सकता है। कम से कम कांग्रेस में तो यही हो रहा है। कल तक एक दूसरे की प्रभुसत्ता को मिट्टी में मिला देने की कसम खाने वाले अशोक गहलोत और सचिन पायलट टिकिट के बंटवारे में लगभग एक मत हो गए हैं।गहलोत ने कह दिया है कि मानेसर के बाड़े में बग़ावत करने वाले अधिकांश विधायकों को पुनः टिकिट दिया जा रहा है तो सचिन उनसे दो क़दम आगे निकल कर कह रहे हैं कि जिताऊ  उम्मीदवार कोई हो उसे टिकिट दिया जाना चाहिए भले ही उसने सोनिया जी की अवमानना ही क्यों न की हो। ज़ाहिर है कि सचिन अब शान्ति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेन्द्र राठौड़ को टिकिट दिए जाने के विरोधी नहीं। अंदर खाने सचिन और गहलोत यह समझ गए हैं कि एक दूसरे का साथ नहीं दिया गया तो नुक़सान दोनों का ही होगा। अशोक गहलोत अच्छी तरह से जानते हैं कि सचिन पायलट मुख्यमंत्री बनने का जो सपना देख रहे हैं उसके लिए उनके पास इस बार भी संख्या बल उनके मुक़ाबले नहीं आ सकेगा। उनकी गहलोत अपनी बोई हुई शानदार फ़सल को ख़ुद के ल