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आरपीए क्वार्टर जयपुर में महिला कॉन्स्टेबल का गला काटा

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आरपीए क्वार्टर जयपुर में महिला कॉन्स्टेबल का गला काटा छोटा अखबार। राजस्थान पुलिस एकेडमी (आरपीए) स्थित सरकारी क्वार्टर में महिला कॉन्स्टेबल पर बदमाश ने जानलेवा हमला कर दिया। बदमाश ने महिला के गले पर धारदार हथियार से वार किया। जिससे कॉन्स्टेबल के गले पर कट लग गया। महिला के गले में 8 टांके आए। घटना जयपुर के शास्त्री नगर थाना इलाके की 18 अक्टूबर की रात करीब 2 बजे की है। बुधवार रात वह क्वार्टर में पति और बच्चों के साथ सो रही थी। इसी दौरान अज्ञात बदमाश क्वार्टर में घुसा। बदमाश के घुसने पर वह जाग गई। शोर किया तो बदमाश ने उस पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। इससे उसके गले पर गहरा घाव हो गया। आरोपी क्वार्टर का दरवाजा बाहर से बंद कर फरार हो गया घायल होने के बाद भी कॉन्स्टेबल ने बदमाश को पकड़ने का काफी प्रयास किया। पति ने भी पकड़ने की कोशिश की, लेकिन बदमाश क्वार्टर का दरवाजा बाहर से बंद कर फरार हो गया। कॉन्स्टेबल ने शोर मचाकर आसपास में रह रहे पुलिसकर्मियों को मौके पर बुलाया। पुलिसकर्मियों ने गेट खोला। महिला को पति कांवटिया अस्पताल लेकर गया। महिला कॉन्स्टेबल के गले पर 8 टांके आए। अस्पताल से महिला

शराब, शबाब और चुनाव

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 शराब, शबाब और चुनाव प्रदेश में 36 करोड की शराब एक दिन की घूंट छोटा अखबार। आजादी के बाद से अब तक बगैर शराब और शबाब के कभी भी कोई भी चुनाव सम्पन्न नहीं हुआ। तब से दोनों की गलबहियां बा-दस्तूर चली आ रही हैं। पीढ़ियां बीत गई, जमाने बदल गए ,चेहरे बदल गए, लेकिन इन दोनों का याराना दशकों से परवान चढ़ा आ रहा है। अब चूंकि चुनाव चौखट पर हैं तो हर चुनाव की भांति इस चुनाव के लिए भी करोड़ों की शराब देश के हर राज्य में चोरी-छिपे अंदर-बाहर हो रही है। और शबाब, उन्होंने भी अपने भाव बढ़ा कर सजना-संवरना शुरू कर दिया है। भले ही शबाब लिपा-पुता हो लेकिन नशे में किसे पता चलता है। चूंकि राजस्थान सहित अन्य राज्यों में चुनावों ने दस्तक दे दी है फलतः शराब के गोदाम के गोदाम भरे भी जा रहे हैं और खाली भी हो रहे हैं। मौजूदा समय में अकेले राजस्थान में प्रतिदिन लोग 36 करोड रुपए की शराब और बीयर पी रहे हैं। और जयपुर में रोज एक करोड,40 लाख रुपए की शराब गटकी जा रही है। पिछले महीने सितम्बर में एक महिने में ही लोग 1100 करोड रुपए की शराब गटक गए। इतना राजस्थान में एक साल में पानी पर भी खर्च नहीं होता। मतलब कि राजस्थान में एक स

बगावत की सजा, धारीवाल,जोशी, राठौड़ को नहीं मिलेगा टिकट

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 बगावत की सजा, धारीवाल,जोशी, राठौड़ को नहीं मिलेगा टिकट छोटा अखबार। शांति धारीवाल,महेश जोशी और धर्मेंद्र सिंह राठौड़ को कांग्रेस टिकट नहीं देगी। बताया जा रहा है कि दिल्ली में आज हुई सीईसी की बैठक में इन तीनों के नाम पर क्रॉस लगा दिया गया है। तीनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खासमखास और उस बगावत के रचयिता और नेतृत्वकर्ता भी थे,जो 25 सितंबर को कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ की गई थी।  उस समय जब सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष और सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाने का फैसला करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को पर्यवेक्षक बनाकर जयपुर भेजा था। सोनिया गांधी के निर्देशों पर एक लाइन का प्रस्ताव पास कराना था,लेकिन दोनों पर्यवेक्षक मुख्यमंत्री आवास पर विधायकों का बैठक के लिए इंतजार करते रहे और उधर शांति धारीवाल के घर पर इन तीनों ने गहलोत समर्थक विधायकों की अलग से बैठक कर ली और पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के प्रयास के विरोध में सामूहिक इस्तीफे ले जाकर विधानसभा अध्यक्ष जोशी को दे दिए। अब वही खड़गे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अजय माकन कोषाध्यक्ष यान

बिना अनुमति मुख्यालय नहीं छोड़ सकेगें चिकित्साकर्मी

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बिना अनुमति मुख्यालय नहीं छोड़ सकेगें चिकित्साकर्मी छोटा अखबार। अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्रीमती शुभ्रा सिंह ने कहा कि विगत कुछ दिनों में मौसमी बीमारियों के मामले बढ़े हैं, ऐसे में प्रदेशभर में जांच, उपचार एवं रोकथाम सहित अन्य सभी व्यवस्थाओं का माकूल इंतजाम हो। इसमें किसी स्तर पर लापरवाही नहीं हो। उन्होंने मौसमी बीमारियों के दृष्टिगत चिकित्साकर्मियों को बिना अनुमति मुख्यालय नहीं छोड़ने के निर्देश दिए हैं। श्रीमती सिंह गुरूवार को स्वास्थ्य भवन में वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से मौसमी बीमारियों की स्थिति की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने सभी संभागों के संयुक्त निदेशक तथा जिला स्तर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों से मौसमी बीमारियों की स्थिति की जानकारी ली और रोकथाम एवं नियंत्रण के संबंध में दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में मौसमी बीमारियों के केस ज्यादा हैं, वहां स्थिति नियंत्रण मंे आने तक संबंधित संयुक्त निदेशक का मुख्यालय उसी जिले में रहेगा। संबंधित संयुक्त निदेशक इन जिलों में प्रभावी माॅनिटरिंग करने के साथ ही सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्ध

राज्य के प्रत्येक ज़िले में स्थापित की जा रही है लव कुश वाटिका

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 राज्य के प्रत्येक ज़िले में स्थापित की जा रही है लव कुश वाटिका  छोटा अखबार। वन विभाग द्वारा राज्य के प्रत्येक ज़िले में लव कुश वाटिका स्थापित की जा रही है, ताकि स्थानीय प्राकृतिक वातावरण संरक्षण के साथ आम जनता को जोड़ा जा सके, साथ ही नेचुरल टूरिज्म को भी बढ़ावा दिया जा सके। ऐसे में राज्य में स्थापित लव कुश वाटिका न केवल आमजन के लिए अब प्रकृति से रुबरु होने का महत्वपूर्ण साधन बन कर उभर रही है बल्कि स्थानीय लोगों के जीवन स्तर में सुधार करने का भी एक जरिया बन चुकी है।  अलवर ज़िले के उप वन संरक्षक अपूर्व कृष्ण श्रीवास्तव ने बताया कि अलवर शहर से 10 किलोमीटर की दूरी पर रूंध- शाहपुरा वन खंड में चूहड़-सिद्ध घाटी  पर लव कुश वाटिका स्थापित की गयी है। उन्होंने बताया कि 75 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैली यह वाटिका मूलतः पलाश का जंगल है जिसकी वजह से  मार्च माह में यह घाटी केसरिया रंग में तब्दील हो जाती है। चारों तरफ से पहाड़ी से घिरी प्रकृति की गोद में बसी लव कुश वाटिका आमजनता को प्रकृति से जुड़ने का सुनहरा अवसर उपलब्ध करवाती है। -छतरियां, गुरुकुल, वाकिंग ट्रेल्स, सांभर हिरण पथ, चीतल पथ के साथ गेबियन आकर्षण क

राजस्थान में 18 वर्षाें बाद 26 सितंबर को होगी नेफस्कोब की बैठक

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 राजस्थान में 18 वर्षाें बाद 26 सितंबर को होगी नेफस्कोब की बैठक  छोटा अखबार। रजिस्ट्रार सहकारिता मेघराज सिंह रतनू ने रविवार को बताया कि राजस्थान में 18 वर्षों बाद नेफस्कोब (नेशनल फैडरेशन ऑफ स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक्स) की बैठक 26 सितंबर, 2023 को आयोजित होगी। इस बैठक में विभिन्न राज्यों के राज्य सहकारी बैंकों के अध्यक्ष/प्रशासक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी सहित सहकारी क्षेत्र के वरिष्ठ जन प्रतिनिधियों द्वारा भाग लिया जाएगा। श्री रतनू ने बताया कि नेफस्कोब का गठन 33 राज्यों के राज्य सहकारी बैंकों द्वारा अल्पकालीन साख संस्थाओं से संबंधित विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श एवं समस्याओं के समाधान हेतु किया गया है। नेफस्कोब अल्पकालीन सहकारी साख संस्थाओं से संबंधित विभिन्न मुद्दों को नाबार्ड, आरबीआई, भारत सरकार आदि के समक्ष रखता है तथा समस्याओं के सकारात्मक समाधान एवं संस्थाओं की बेहतरी के लिए प्रयास करता है। रजिस्ट्रार ने बताया कि 26 सितंबर, 2023 को नेफस्कोब की संचालक मण्डल की बैठक में सहकारिता मंत्रालय द्वारा पैक्स के लिए मॉडल उपनियम, प्रत्येक पंचायत पर पैक्स की स्थापना, अनाज भंडारण योजना, कॉमन सर्विस से

गणेश मंदिरों में गणेश चतुर्थी का जश्न मनाया गया

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 गणेश मंदिरों में गणेश चतुर्थी का जश्न मनाया गया छोटा अखबार। जयपुर के मोती डूंगरी गणेश मंदिर, नहर के गणेश जी, गढ़ गणेश समेत कई मंदिरों में गणेश चतुर्थी का जश्न मनाया गया। मोती डूंगरी गणेश मंदिर में सुबह 4 बजे मंगला आरती से शुरुआत हुई। भगवान का दूध पंचामृत से अभिषेक किया गया। इसके बाद दिन में अलग-अलग समय पर विशेष पूजा की गईं। मोती डूंगरी के दर्शन करने दूर-दराज के इलाकों से भक्त पहुंचे। इसमें पदयात्री नंगे पैर भगवान के दर्शन के लिए समूह में पहुंचे। गणेश चतुर्थी के मौके पर मोती डूंगरी में भगवान गणेश को सोने का मुकुट धारण करवाया। साथ ही चांदी के सिंहासन पर विराजमान किया गया। मोती डूंगरी में दर्शन के लिए पुरूष, महिला और परिवार के लिए अलग अलग व्यवस्था की गई। यह व्यवस्था एमडी रोड़, जेएलएन. मार्ग और रिजर्व बैंक तख्तेशाही मार्ग पर की गई। निशक्तजन के लिए विशेष रिक्शे भी लगाए गए। वहीं मोती डूंगरी मंदिर में भीड़ को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई। सुरक्षा और यातायात व्यवस्था के लिए पुलिस का अतिरिक्त जाब्ता तैनात किया गया। मोती डूंगरी गणेश मंदिर के चारों ओर बैरिकेडिंग की गई। इससे