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जिला कलक्टर ने जारी किए सख्ती के आदेश

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जिला कलक्टर ने जारी किए सख्ती के आदेश   छोटा अखबार। जयपुर जिला कलक्टर जोगाराम ने एक आदेश जारी कर कहा है कि जयपुर जिले में कोरोना संक्रमण के लक्षण वाले एवं कोरोना पीड़ितों के सम्पर्क में होने के बावजूद स्वास्थ परीक्षण नहीं कराने वाले व्यक्तियों के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्यवाही की जाएगी। कलक्टर ने ये आदेश द राजस्थान एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1957, द डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 और चिकित्सा एवं  स्वास्थ्य विभाग की अधिसूचना के आधार पर कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं स्थितियों के प्रबन्धन के लिए प्रसारित किए गए हैं। आदेशानुसार जिले में अगर किसी भी व्यक्ति में कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षण हैं और उसके द्वारा जानबूझकर स्वास्थ्य परीक्षण नहीं कराया जा रहा है और वह होम आइसोलेशन में भी नहीं है तो उसके खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्यवाही की जाएगी। जिले में निवास कर रहे ऎसे सभी व्यक्ति जिन्होंने किसी कोरोना वायरस पॉजिटिव पीड़ित के सम्पर्क में आने के बावजूद अपना स्वास्थ्य परीक्षण नहीं करवाया गया है और होम आइसोलेशन में नहीं हैं तो उनके खिलाफ भी कार्यवाही होेगी। जिला मुख्यालय पर नियोजित विभिन्न क्वारन्टाइन सेन्

महामारी के समाधान में आमजन का सहयोग लें -ऊर्जा मंत्री

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महामारी के समाधान में आमजन का सहयोग लें -ऊर्जा मंत्री छोटा अखबार। ऊर्जा, मंत्री डॉ बीडी कल्ला ने कहा कि कोरोना वायरस विश्वव्यापी महामारी से  निपटने के लिए संसाधनो की कोई कमी नहीं है, लेकिन संकट की इस घड़ी में समस्या का समाधान करने के लिए आमजन का सहयोग लेते हुए काम करना है।  कल्ला मंगलवार को बीकानेर सर्किट हाउस में कोरोना वायरस की रोकथाम और अब तक प्रशासन द्वारा किए कार्य की समीक्षा कर रहे थे। कल्ला ने अब तक जिले में मिले मरीजों की संख्या और उनके उपचार की स्थिति से जुड़े लोगों की ट्रैसिंग प्रक्रिया व संक्रमण फैलाव की स्थिति पर जानकारी ली।उन्होने कहा कि बीमारी ना फैले इसके लिए सेम्पलिंग ज्यादा से ज्यादा हो यह सुनिश्चित किया जाए और रेण्डम सेम्पलिंग भी बढ़ाई जाए।  मंत्री ने लॉकडाउन और निषेधाज्ञा के दौरान खाद्य, दूध, दवा सहित आवश्यक वस्तुओं की वितरण की स्थिति की भी जानकारी ली तथा कहा कि प्रशासन यह सुनिश्चित करें कि लॉकडाउन या कर्फ्यू प्रभावित क्षेत्र में एक भी व्यक्ति भूखा ना सोए। समस्या का समाधान करने में एकजुटता रखते हुए कार्य करें संसाधनों की कोई कमी नहीं है। स्वास्थ्यकर्मियों के लिए मानदंडा

कोविड-19 की जांच के लिये पहला मोबाइल बूथ केरल में

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कोविड-19 की जांच के लिये पहला मोबाइल बूथ केरल में । छोटा अखबार। देश के परंपरागत एसटीडी बूथों से प्रेरणा लेकर केरल के कोच्चि शहर के डॉक्टरों ने कोविड-19 की जाँच हेतु कसैंपल एकत्रित करने के लिए ख़ास कियोस्क तैयार किए हैं। जहां जाकर कोई भी अपने सैंपल जमा करा सकता है। भारत में पहली बार इस तरह के कियोस्क लगाए जा रहे हैं जिन्हें वॉक इन सैंपल कियोस्क्स के नाम से जाता है। इस में ये ध्यान रखा जाता है कि सैंपल जाँच कराने आए वयक्ति् और स्वास्थ्यकर्मी के बीच किसी तरह का कोई संपर्क नहीं होगा। इसमें एक पारदर्शी सतह भी लगाई गई है, जिसके द्वारा यह सुनिश्चित करने की कोशिश है कि स्वास्थ्यकर्मी किसी तरह संक्रमित नहीं हों। कोच्चि के कलामसेरी मेडिकल कॉलेज हॉस्पीटल के रेजीडेंट मेडिकल ऑफ़िसर डॉ. गणेश मोहन का कहना है कि अगर एक घड़ी कोरोना वायरस संक्रमण को भूल भी जाएं तो भी स्वास्थ्यकर्मियों के हमेशा संक्रमित होने का ख़तरा बना रहता है चाहे वह एच1एन1 हो या फिर चिकन पॉक्स या फिर कोई दूसरा संक्रमण। हमारी कोशिश है कि हम मुंह से थूक के नमूना इकट्ठा करने की प्रक्रिया को सुरक्षित बनाएं। कियोस्क में एक मैग्नेटिक दरवा

प्रदेश में 1474 औद्योगिक इकाइयों को उत्पादन की दी अनुमती

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प्रदेश में 1474 औद्योगिक इकाइयों को उत्पादन की दी अनुमती छोटा अखबार। उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य में 1474 औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन कार्य आरंभ करने की अनुमति जारी की जा चुकी है। इन इकाइयों में से 647 आटा, बेसन, दाल, तेल और मसाला मिलों को तो पहले दिन से ही अनुमति दी गई थी और इनमें से अधिकांश में तभी से उत्पादन जारी है। इन इकाइयों द्वारा और प्रदेश में आटा, बेसन, सूजी, मैदा, मसाले, तेल की उपलब्धता बनी हुई है व प्रभावी सप्लाई चेन व्यवस्था काम कर रही है। केन्द्र व राज्य सरकार की एडवाइजरी के अनुसार अनुज्ञेय श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को भी अनुमति देने की प्रक्रिया को पारदर्शी और तय समय सीमा में निस्तारण किया जा रहा है। इसके तहत रविवार 5 अप्रेल को एक ही दिन में 257 और औद्योगिक इकाइयों को अनुमति जारी की गई है। अग्रवाल ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार द्वारा आटा, दाल, तेल, मसाला आदि मिलों को चालू रखने का निर्णय लिया गया था। उसके बाद अनुज्ञेय श्रेणी के उद्यमों को अनुमति जारी करने की व्यवस्था को भी सरल बनाया है, जिससे अनु

कोरोना के सामुदायिक प्रसार रोकने के लिए सख्त निर्देश

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कोरोना के सामुदायिक प्रसार रोकने के लिए सख्त निर्देश छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वास्थ्य तथा प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जयपुर के रामगंज क्षेत्र में कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए युद्ध स्तर पर काम करें। इस क्षेत्र में संक्रमण की स्थिति नाजुक है और वायरस के सामुदायिक प्रसार (कम्युनिटी स्प्रेडिंग) को रोकने के लिए आपात योजना (मास्टर प्लानिंग) लागू करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जयपुर, जोधपुर चुरू, टोंक, झुन्झुनूं आदि जिलों में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिसके लिए तुरन्त सैम्पल कलेक्शन और टेस्टिंग की गति बढ़ाने की जरूरत है। मौके पर ही रेन्डम टेस्ट के लिए सैम्पल की सुविधा हो। गहलोत ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर नियमित वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा कि जयपुर में भीलवाड़ा की तर्ज पर बड़ी संख्या में संदिग्ध लोगों को आइसोलेट करना होगा। इसके लिए तयशुदा प्रोटोकॉल के अनुसार शहर में स्थित विभिन्न शिक्षा संस्थानों आदि की चिन्हित होस्टल सुविधाओं का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि रामगंज में घर-घर सर्वे और पीसीआर टेस्टिंग सहित जांच की सुविधाएं

योजनाओं से अछूता नहीं रहेगा निराश्रित -स्वास्थ्य मंत्री

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योजनाओं से अछूता नहीं रहेगा निराश्रित -स्वास्थ्य मंत्री छोटा अखबार। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि राज्य में कोरोना के लिए पर्याप्त मात्रा में जांचें हो रही हैं। राजस्थान केरल के बाद पहला ऎसा राज्य है जहां सर्वाधिक जांचें हुई हैं। राज्य में अब तक 11 हजार 136 लोगों की जांचें हो चुकी है और 412 प्रक्रियाधीन है। कोरोना संक्रमण की थोड़ी भी आशंका होने पर स्क्रीनिंग कर जांच करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि विभाग और सरकार कोरोना के संक्रमण की रोकथाम के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है। 25 से ज्यादा से लोग उपचार से हुए नेगेटिव। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि रविवार सुबह तक 210 केसेज पॉजीटिव चिन्हित किए गए हैं। चिकित्सकों की मदद से इनमें 25 से ज्यादा नेगेटिव हो गए हैं । कोरोना से हुई मौतो में ज्यादातर उम्रदराज और किडनी, हार्ट, डायबिटीज सहित अन्य बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियो की हुई है। इनमे से अधिकांश गंभीर हालात में अस्पतालों में भर्ती हुए थे। प्रदेश में वेंटिलेटर्स, पीपीई किट, एन-95 मास्क, थ्री लेयर मास्क सहित समस्त सामग्री पर्याप्त संख्या और मात्रा में उपलब्ध है। प्रदेश

लॉकडाउन और कर्फ्यू की सख्ती से हो पालना -मुख्यमंत्री

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लॉकडाउन और कर्फ्यू की सख्ती से हो पालना -मुख्यमंत्री छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए राज्य में लॉकडाउन एवं कर्फ्यू की सख्ती से पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए लोगों का घरों में रहना जरूरी है। गहलोत रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए गृह विभाग एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ राज्य में लॉकडाउन एवं कर्फ्यू की स्थिति की समीक्षा की।मुख्यमंत्री ने कहा कि ऎसे विकट समय में पुलिसकर्मी सड़क पर खड़े रहकर मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रहे हैं। साथ ही अन्य व्यवस्थाओं और मानवीय कार्यों में भी सहयोग दे रहे हैं जो कि प्रशंसनीय है।  मुख्यमंत्री ने इस महामारी के रोगियों का उपचार कर रहे चिकित्सकों एवं स्क्रीनिंग कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों की पुख्ता सुरक्षा करने के निर्देश दिए। कोरोना वॉरियर्स को सुरक्षा प्रदान करना हम सभी की जिम्मेदारी है। गहलोत ने निर्देश दिए कि सोशल मीडिया तथा अन्य माध्यमों से फैलाई जा रही अफवाहों एवं गलत सूचनाओं पर पुलिस अधिकारी प्रभावी अंकुश लगाएं। ऎसा करने वाले लोगों पर स