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भारत सरकार का एक फैसला पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं पर पड़ा भारी 

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भारत सरकार का एक फैसला पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं पर पड़ा भारी  अशोक भटनागर   वरिष्ठ पत्रकार छोटा अखबार । जब से देश की संसद ने सीएए, एनआरसी देश में लागू किया है तब से लगातार पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं पर अत्याचारों का जो दौर चालू हुआ है वह रुकने का नाम नहीं ले रहा। पाकिस्तान के हिंदुओं के परिवारों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जा रहा है और उन्हें कहा जा रहा है या तो आप मुस्लिम धर्म को अपनाएं अन्यथा देश छोड़कर चले जाए। पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं पर आर्थिक सामाजिक और मानसिक दबाव इस कदर बढ़ गया है कि अब उनका जीना उस मुल्क में मुश्किल हो गया है हालात यहां तक बिगड़ गए हैं कि वह अपने परिवार की बच्चियों को भी स्कूल पढ़ने नहीं भेज रहे। उन्हें डर है कि ना जाने कब उनकी बच्चियों का स्कूल से अपहरण करके जबरन उनका धर्म परिवर्तन करा दिया जाएगा और मुस्लिम परिवारों में उनकी शादी कर दी जाएगी। अभी हाल ही में जिस तरह की घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है पाकिस्तान में रहने वाले 70 हिंदू परिवार अपने परिजनों की अस्थियां हरिद्वार में विसर्जित करने के नाम पर वीजा लेकर पंजाब की अटारी बॉर्डर होते हुए

53.29 प्रतिशत सरकारी, बीपीसीएल की बिक्री को मंजूरी

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53.29 प्रतिशत सरकारी, बीपीसीएल की बिक्री को मंजूरी छोटा अखबार। देश भर में 15,078 पेट्रोल पंप और 6,004 एलपीजी वितरक वाली बीपीसीएल के निजीकरण के लिए अगले कुछ दिन के भीतर ही बोली लगाने के लिए रुचि पत्र आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल नवंबर में पेट्रोलियम विपणन एवं रिफाइनि कंपनी बीपीसीएल की रणनीतिक बिक्री को मंजूरी दे दी थी। सरकार की इस कंपनी में इस समय 53.29 प्रतिशत हिस्सेदारी है। चर्तमान बाजार कीमत के अनुसार रणनीतिक बिक्री से 60 हजार करोड़ रुपये प्राप्त हो सकते हैंं निवेशकों के लिए बीपीसीएल के बारे में पिछले साल दिसंबर में अमेरिका, लंदन और दुबई में प्रचार अभियान चलाया गया। देश में मुंबई, कोच्चि, बीना, नुमालीगढ़ सहित बीपीसीएल की चार रिफाइनरियां हैं। बीपीसीएल की बिक्री को मंजूरी देते समय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि नुमालीगढ़ रिफाइनरी को बीपीसीएल के नियंत्रण से बाहर कर सरकार पेट्रोलियम कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी। वित्त मंत्री ने यह भी बताया था कि मंत्रिमंडल ने प्रबंधन नियंत्रण अपने पास रखते हुए चुनिंदा सार्वजनिक उपक्रमों में स

महात्मा गांधी की भूख हड़ताल और सत्याग्रह ड्रामा था — भाजपा सांसद

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महात्मा गांधी की भूख हड़ताल और सत्याग्रह ड्रामा था — भाजपा सांसद छोटा अखबार। देश की राजनीति में आपत्तिजनक बयानों का नाता हमेशा से रहा है। विवादों में रहने वाले भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने इस बार महात्मा गांधी पर टिप्पणी करते हुए स्वतंत्रता आंदोलन में उनके संघर्ष को ड्रामा बताया है। यह सवाल भी किया कि भारत में ऐसे लोगों को ‘महात्मा’ कैसे कहा जाता है। समाचार सूत्रों के अनुसार बेंगलुरु में शनिवार 1 फरवरी 2020 को एक रैली को संबोधित करते हुए हेगड़े ने कहा कि पूरे स्वतंत्रता आंदोलन को अंग्रेजों की सहमति और समर्थन के साथ स्टेज किया गया। इनमें से किसी भी तथाकथित नेता को पुलिस ने नहीं पीटा। इनका स्वतंत्रता आंदोलन एक बड़ा ड्रामा था। इसका मंचन अंग्रेजों की मंजूरी के साथ किया गया। यह वास्तविक लड़ाई नहीं थी। महात्मा गांधी की भूख हड़ताल और सत्याग्रह भी ड्रामा था।  उन्होंने कहा कि कांग्रेस का समर्थन करने वाले लोगों का कहना है कि भारत को भूख हड़ताल और सत्याग्रह की वजह से आजादी मिली है। यह सच नहीं है। अंग्रेज सत्याग्रह की वजह से देश छोड़कर नहीं गए थे। अंग्रेजों ने परेशान होकर आजादी दी थी। इतिहास प

पश्चिम बंगाल में महिलाओं के साथ मारपीट

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पश्चिम बंगाल में महिलाओं के साथ मारपीट छोटा अखबार। पश्चिम बंगाल में दो महिलाओं के साथ अमानवीय रूप से मारपीट करने का वीडियो सामने आया है, जहां इन दोनों महिलाओं को रस्सी से पांव बांधकर घसीटा जा रहा है!समाचार सूत्रों के अनुसार पश्चिम बंगाल की ये दोनो महिलाएं अध्यापिका और उनकी बहन हैं। जिनके साथ पंचायत के एक टीएमसी नेता अमल सरकार की अगुवाई वाले समूह द्वारा यह बदसलूकी की गई है। मामला दक्षिण दीनाजपुर ज़िले के फाटानगर गांव का है। इन महिलाओं द्वारा सड़क बनाने के लिए ग्राम पंचायत द्वारा जमीन लेने का विरोध कर रही थीं। ग्राम पंचायत में तृणमूल कांग्रेस का नेतृत्व है। वीडियो सामने आने के बाद टीएमसी की जिला प्रमुख अर्पिता घोष ने सरकार को उनके पद से बर्खास्त कर दिया है।  अध्यापिका स्मृतिकोना दास हैं, जो पास के एक हाई स्कूल में पढ़ाती हैं। सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में स्मृति मैरून कपड़े पहने हुए जमीन पर पड़ी दिखती हैं और उन्हें पीटा जा रहा है। एक व्यक्ति उनके घुटनों के पास रस्सी बांधता है और लोगों का एक समूह उनके हाथ पकड़कर उन्हें मिट्टी की सड़क पर घसीटता है। वहां मौजूद उनकी बहन सोमा दास इन आदमियों

अपैक्स बैंक की नयी योजना, हाऊसिंग लोन 8.2 प्रतिशत ब्याज पर  

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अपैक्स बैंक की नयी योजना, हाऊसिंग लोन 8.2 प्रतिशत ब्याज पर   छोटा अखबार। सहकारिता विभाग के प्रेस नोट के अनुसार प्रत्येक जिले में कम से कम एक-एक ग्राम सेवा सहकारी समिति में सहकारी क्षेत्र की एक-एक कृषि प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की जायेगी।मार्च 2020 तक सभी ग्राम सेवा सहकारी समितियों के प्रस्ताव मंगवाकर राज्य सरकार की अनुदान नीति के तहत ऋण उपलब्ध करवाकर प्रक्रिया को प्रारंभ किया जायेगा। विभाग के अनुसार अपैक्स बैंक में सभी केन्द्रीय सहकारी बैंकों के प्रबन्ध निदेशकों के आयोजित बैठक में चर्चा थी कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कृषि प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देकर किसानों की आय में वृद्धि करना चाहते है। इसके लिए अपैक्स बैंक के स्तर पर 500 करोड़ रूपये का कोष भी गठित किया गया है। कृषि प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना के लिए कृषि विपणन बोर्ड में आवेदन करना होगा।  सहकारिता विभाग के अनुसार अपैक्स बैंक द्वारा हाऊसिंग लोन के लिए 8.2 प्रतिशत ब्याज पर नयी योजना लागू की गई है। जिसमें अधिकतम 2.75 लाख रुपये का अनुदान भी दिया जा रहा है। प्रदेश में सभी केन्द्रीय सहकारी बैंक इस योजना के माध्यम से लोगों को आवासीय लो

टिड्डियों की वजह से सोमालिया में आपातकाल

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टिड्डियों की वजह से सोमालिया में आपातकाल छोटा अखबार। पूर्वी अफ्ऱीका में टिड्डियों के प्रकोप की वजह से सोमालिया ने देश में आपातकाल की घोषणा की है। देश के कृषि मंत्रालय के अनुसार वनस्पितयों को खाने वाले कीटों की वजह से सोमालिया के लिए खाद्य सुरक्षा एक बड़ा मसला बन गया है। ऐसी आशंकाएं हैं कि इस स्थिति पर अप्रैल से पहले काबू नहीं पाया जा सकेगा। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि सोमालिया और इथियोपिया में बीते 25 सालों में टिड्डियों का आतंक काफ़ी बढ़ा है। हालांकि सोमालिया इस क्षेत्र का ऐसा पहला देश है जिसने ऐसी स्थिति के लिए आपातकाल की घोषणा की है।

सरकार करेगी एलआईसी एक्ट में संशोधन

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सरकार करेगी एलआईसी एक्ट में संशोधन छोटा अखबार। सरकार को एलआईसी का आईपीओ लाने से पहले एलआईसी एक्ट में संशोधन करना होगा। भले ही देश के बीमा उद्योग पर इंश्योरेंस रेगुलेटरी डेवलेपमेंट अथॉरिटी निगरानी करती हो। लेकिन एलआईसी के कामकाज के लिए संसद ने अलग से क़ानून बना रखा है। एलआईसी एक्ट की धारा 37 के अनुसार एलआईसी बीमा की राशि और बोनस को लेकर अपने बीमाधारकों से जो भी वादा करती है, उसके पीछे केंद्र सरकार की गारंटी रहती है। प्राइवेट सेक्टर की बीमा कंपनियों को ये सुविधा हासिल नहीं है।यही वजह है कि देश का आम आदमी बीमा कराने वक़्त एलआईसी के विकल्प पर एक बार ज़रूर विचार करता है। कर्मचारी संघों ने  कहा कि यह पहल देश हित के खिलाफ है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के लिए बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार का एलआईसी में आईपीओ के जरिये अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव है। अभी एलआईसी की पूरी हिस्सेदारी सरकार के पास है। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को सरकार के निवेश पहल के हिस्से के तौर पर सूचीबद्ध किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि शेयर बाजार में सूचीबद्धता से कंपनियों में वित्तीय अनुशासन बढ़