भारत सरकार का एक फैसला पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं पर पड़ा भारी
भारत सरकार का एक फैसला पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं पर पड़ा भारी अशोक भटनागर वरिष्ठ पत्रकार छोटा अखबार । जब से देश की संसद ने सीएए, एनआरसी देश में लागू किया है तब से लगातार पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं पर अत्याचारों का जो दौर चालू हुआ है वह रुकने का नाम नहीं ले रहा। पाकिस्तान के हिंदुओं के परिवारों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जा रहा है और उन्हें कहा जा रहा है या तो आप मुस्लिम धर्म को अपनाएं अन्यथा देश छोड़कर चले जाए। पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं पर आर्थिक सामाजिक और मानसिक दबाव इस कदर बढ़ गया है कि अब उनका जीना उस मुल्क में मुश्किल हो गया है हालात यहां तक बिगड़ गए हैं कि वह अपने परिवार की बच्चियों को भी स्कूल पढ़ने नहीं भेज रहे। उन्हें डर है कि ना जाने कब उनकी बच्चियों का स्कूल से अपहरण करके जबरन उनका धर्म परिवर्तन करा दिया जाएगा और मुस्लिम परिवारों में उनकी शादी कर दी जाएगी। अभी हाल ही में जिस तरह की घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है पाकिस्तान में रहने वाले 70 हिंदू परिवार अपने परिजनों की अस्थियां हरिद्वार में विसर्जित करने के नाम पर वीजा लेकर पंजाब की अटारी बॉर्डर होते हुए