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कैब को लेकर असम में हालात बेक़ाबू, गुवाहाटी में कर्फ़्यू 

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कैब को लेकर असम में हालात बेक़ाबू, गुवाहाटी में कर्फ़्यू  छोटा अखबार। गरिकता संशोधन विधेयक (कैब) के ख़िलाफ़ दिन भर चले प्रदर्शन व आगज़नी के बाद गुवाहाटी में शाम सवा छह बजे कर्फ़्यू लगा दिया गया। इससे पहले पूरे दिन चले प्रदर्शन के दौरान आक्रोशित लोगो को क़ाबू करने में पुलिस को काफ़ी मशक़्क़त करनी पड़ी। इस दौरान कुछ जगहों पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया और आँसू गैस के गोले छोड़े। इसके बावजूद प्रदर्शनकारियों की कई टुकड़ियां शहर के अलग-अलग इलाक़ों में सड़कों पर निकलती रहीं। लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के ख़िलाफ़ नारे लगाए।दर्शन के दौरान कुछ इलाक़ों में फ़ायरिंग की आवाज़ें भी सुनी गईं। गुवाहाटी के पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार के अनुसार प्रदर्शन के हिंसक होने के बाद पुलिस को कर्फ़्यू का निर्णय लेना पड़ा। यह अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा। हमने दिन में लोगों को समझाने की कोशिशें की थी, लेकिन लोगों का विरोध हिंसक होने लगा। इसके बाद हमारे पास कर्फ़्यू के अलावा और कोई विकल्प नहीं था। हमें देर शाम कुछ इलाक़ों में गोलियां चलाए जाने की सूचनाएं मिलीं। इसके बाद मौक़े पर पहुंची पुलिस

चुनावों को लेकर सरकार का अलर्ट 

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चुनावों को लेकर सरकार का अलर्ट  छोटा अखबार। राज्य सरकार ने आदेश जारी कर फोटोयुक्त मतदान सूचियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम से जुडे़ अधिकारियों एवं कर्मचारियों के स्थानान्तरणों पर 16 दिसम्बर से 07 फरवरी 2020 तक प्रतिबन्ध लगा दिये गये हैं।आदेश के अनुसार जिला निर्वाचन आधिकारयों(कलक्टर),उप जिला निर्वाचन अधिकारियाें(अति जिला कलक्टर),निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों(उपखण्ड अधिकारी/सहायक कलक्टर),सहायक निर्वाचन  रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (तहसीलदार/नायब तहसीलदार) एवं पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान नियुक्त किये जाने वाले बूथ लेवल अधिकारियों अथवा पदाभिहित अधिकारियों एवं सुपरवाईजरों के पद पर सामान्यतया फील्ड स्तर पर कार्यरत विभिन्न स्तर पर कार्यरत कर्मचारियों के स्थानान्तरणों पर 16दिसम्बर से 07 फरवरी 2020 तक प्रतिबन्ध रहेगा । प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग के प्रमुख शासन सचिव डॉ.आर.वेंकटेश्वरन ने जानकारी देते हुए बताया कि विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यकम अवधि में अति आवश्यक मामलों में आयोग अथवा मुख्य निर्वाचन अधिकारी की पूर्व अनुमति से ही उक्त अधिकारियों अथवा कर्मचारियों के स्थानान्तरण

बैंकों के लिए मुसीबत बना मुद्रा लोन

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बैंकों के लिए मुसीबत बना मुद्रा लोन छोटा अखबार। रिज़र्व बैंक ने अब मुद्रा लोन को लेकर बैंकों के लिए चेतावनी जारी कर दी है। कई बैंकों से ऐसे क़र्ज़ वापस नहीं होने की ख़बरों के बाद रिज़र्व बैंक का ये निर्देश आया है कि ऐसे क़र्ज़ देते समय बैंकों को और सावधानी बरतना ज़रूरी है। 2015 में लॉन्च किए गए प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के तहत छोटे व्यवसाय के लिए सस्ते लोन देने का कार्यक्रम चलाया गया। इससे छोटे और मंझोले उद्योगों को 50 हज़ार से 10 लाख रुपए तक के क़र्ज़ दिए जाते हैं। बैंकों के लिए ऐसे लोन अब सरदर्द बन गए हैं। क्योंकि, सरकार ने संसद में बताया कि इस योजना के तहत अब तीन लाख दस करोड़ रुपए के लोन वापस नहीं किए गए हैं। रिज़र्व बैंक के डिप्टी गवर्नर ने पिछले महीने कहा कि बैंकों को अपने ग्राहकों के क़र्ज़ वापस करने की क्षमता को बेहतर समझने की ज़रूरत है। क्या सरकारी बैंकों को रेवड़ी बांटने की इस पुरानी आदत ने नई मुसीबत खड़ी कर दी है? लेकिन अर्थव्यवस्था की नाव को यहां से और डावाँडोल करने में मुद्रा लोन योजना का हाथ हो सकता है।

आर्थिक अपराधों की राजधानी जयपुर

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आर्थिक अपराधों की राजधानी जयपुर छोटा अखबार। बैंकों में हो रहे बड़े घपलों पर अख़बारों की नज़र बनी रही लेकिन छोटे घपले ने मानों सरकारी बैंकों की रीढ़ तोड़ दी।अब ऐसे घपले बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं हैं। 2017 में जारी हुए राष्ट्रीय आर्थिक अपराध ब्यूरो के आँकड़ों के मुताबिक़ आर्थिक अपराधों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। 2014 में प्रति दस लाख लोगों के बीच 110 अपराध दर्ज किए गए थे जो तीन साल बाद बढ़ कर 111.3 हो गए. इनमें एटीएम से जुड़े अपराध से लेकर जाली नोट और दूसरे अपराध भी शामिल हैं। देश के बड़े शहर जहां आर्थिक अपराध दर्ज किए जाते हैं, उनमें जयपुर का नाम अब सबसे ऊपर है। आँकड़ों की मानें तो लखनऊ, बेंगलुरू, दिल्ली और हैदराबाद का नाम उसके बाद आता है। कानपुर, मुंबई, पुणे, नागपुर और ग़ाज़ियाबाद इस मामले में अगले पांच पायदान पर हैं। रिज़र्व बैंक के नए नियमों के अनुसार 50 करोड़ रुपए के ऊपर के सभी के मामलों की धोखाधड़ी के नज़रिए से भी जांच करना ज़रूरी हो गया है। ऐसे मामलों पर नज़र रखने के लिए 2015 में एक केंद्रीय धोखाधड़ी रजिस्ट्री भी बनाया गया है।

31 दिसंबर 2019 के बाद व्हाट्सऐप बंद हो जाएगा

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31 दिसंबर 2019 के बाद व्हाट्सऐप बंद हो जाएगा छोटा अखबार। अगले कुछ हप्तों में दुनिया के लाखों मोबाइल फ़ोन पर व्हाट्सऐप काम करना बंद कर देगा। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि व्हाट्सऐप बहुत सारे पुराने फ़ोन से सपोर्ट ख़त्म करने जा रहा है। व्हाट्सऐप की मालिक कंपनी फ़ेसबुक ने इस बारे में एक बयान जारी कर कहा है, एक फ़रवरी 2020 से iOS 8 या उससे पुराने वर्ज़न वाले सभी आईफ़ोन, और 2.3.7 या उससे पहले के वर्ज़न वाले एंड्रॉयड डिवाइसों पर व्हाट्सऐप नहीं चल सकेगा। कंपनी ने साथ ही कहा है कि विंडोज़ पर चलने वाले फ़ोनों पर 31 दिसंबर 2019 के बाद व्हाट्सऐप बंद हो जाएगा। माइक्रोसॉफ़्ट भी इसी महीने विंडोज़ 10 पर चलने वाले मोबाइल फ़ोन का सपोर्ट बंद करने वाला है। व्हाट्सऐप ने अपनी वेबसाइट के FAQ सेक्शन में भी इस बात की जानकारी दी है। वहाँ लिखा है कि पुराने वर्ज़न वाले एंड्रॉयड और आईफ़ोन पर 1 फ़रवरी, 2020 के बाद ना तो नए एकांउट खोले जा सकेंगे, ना ही मौजूदा एकांउट्स को री-वेरीफ़ाई किया जा सकेगा। फ़ेसबुक ने व्हाट्सऐप को 2014 में 19 अरब डॉलर में ख़रीदा था। कंपनी व्हाट्सऐप को अपने दूसरे मेसेजिंग प्लेटफ़ॉर्म मेसेंजर और इंस्

जेडीए की शिव एन्क्लेव योजना में आरक्षण का प्रावधान

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जेडीए की शिव एन्क्लेव योजना में आरक्षण का प्रावधान 346 भूखण्डों का किया जाएगा लाॅटरी से आवंटन आवेदन की अंतिम तिथि 5 फरवरी-2020 छोटा अखबार। जयपुर विकास प्राधिकरण ने शिव एन्क्लेव के 346 भूखण्डों की आनलाईन आवेदन प्रक्रिया लांच की। इस अवसर पर योजनाओ की बुकलेट का विमोचन भी किया। आॅनलाईन आवेदन 11 दिसम्बर, 2019 से 25 जनवरी, 2020 तक किए जा सकेंगे। योजनाओं की लाॅटरी 05 फरवरी, 2020 को निकाली जाएगी। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने इस अवसर पर कहा कि गहलोत सरकार की मंशा को पूरी करते हुए जेडीए द्वारा गरीब एवं मध्यम वर्ग को रियायती दरों पर भूखण्ड उपलब्ध कराने के लिए शिव एन्क्लेव आवासीय योजना लांच की गई है। शिव एनक्लेव आवासीय योजना गणपतपुरा गोलियावास के समीप 200 फीट रोड वन्देमात्रम मार्ग पर स्थित है योजना में भूखण्ड एलआईजी-ए के 103-भूखण्ड, एलआईजी-बी के 109 व एमआईजी के 134 भूखण्ड है। योजना की आरक्षित दर 25,000/-प्रति वर्गमीटर रखी गई है। जयपुर विकास आयुक्त टी. रविकांत ने बताया कि सकल आय, आवंटन दर प्रति वर्गमीटर एवं पंजीकरण राषि प्रति भूखण्ड के अनुसार एलआईजी-ए भूखण्डों के लिए 45 वर्गमीटर तक परिवार की प्रत

भ्रष्टाचार पर सरकार गंभीर

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भ्रष्टाचार पर सरकार गंभीर छोटा अखबार। राज्य सरकार ने लोकसेवकों के विरुद्ध भ्रष्टाचार की शिकायत करने वाले परिवादियों को प्रताड़ना से बचाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सभी विभागों को इस संबंध में एक परिपत्र जारी कर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में भ्रष्टाचार की शिकायत करने वाले परिवादियों के कार्य द्वेषतापूर्वक नहीं रोकने एवं अन्य किसी भी प्रकार से प्रताड़ित नहीं किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इन निर्देशों की अवहेलना को सरकार गंभीरता से लेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विगत दिनों एसीबी मुख्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में इस संबंध में निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा था कि प्रदेश में किसी प्रकार का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भ्रष्टाचार के विरोध में आवाज उठाने वालों को सरकार पूरा संरक्षण देगी। गृह विभाग द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है कि यह देखने में आया है कि किसी लोकसेवक के खिलाफ शिकायत अथवा ट्रेप कराने वाले व्यक्ति के वैध कार्यों को कई बार उस विभाग के अधिकारी एवं कार्मिक अटकाते हैं या उसे अन्य प्रकार से जान-बूझकर प्रताड़ित करने की भी शिकायतें प्राप्त होती हैं। विभागीय कार्मिकों