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जयपुर में राष्ट्रीय हथकरघा सप्ताह का हुआ आगाज

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 जयपुर में राष्ट्रीय हथकरघा सप्ताह का हुआ आगाज छोटा अखबार। राजस्थान के बुनकरों और हस्तशिल्पियों को बाज़ार से जोड़ने की कड़ी में जयपुर के सबसे बड़े और व्यस्त माल वल्र्ड ट्रेड पार्क जयपुर में रविवार को नाबार्ड द्वारा राष्ट्रीय हथकरघा सप्ताह का उद्घाटन किया गया। नाबार्ड द्वारा राजस्थान के विभिन्न जिलों के बुनकरों एवं  हस्तशिल्पियों के उत्पादों का प्रदर्शन और बिक्री के लिए  7 अगस्त से 11 अगस्त आगामी 5 दिन तक हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट सप्ताह मनाया जा रहा है। हथकरघा मेले का उदघाटन मुख्य अतिथि उद्योग एवं वाणिज्य आयुक्त महेंद्र कुमार पारख किया। उन्होंने बुनकरों एवं हस्तशिल्पियों द्वारा लगाई गई स्टॉल का निरीक्षण करते हुऎ बुनकरो द्वारा बनाये गए उत्पादो की जानकारी ली एवं नाबार्ड द्वारा हथकरघा एवं कृषीतर क्षेत्र के विकास के लिए किये जा रहे कार्याे की सराहना की । कार्यक्रम में मुख्य महाप्रबंधक बैज्जू कुरप नाबार्ड द्वारा कृषीतर क्षेत्र के विकास हेतु राजस्थान के विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों मे कृषि क्षेत्र से जुड़े बुनकरों, हस्तशिल्पियों  के सशक्तीकरण, संगठन और आजीविका संवर्धन हेतु नाबार्ड द्वारा कई परियोजना ज

मुख्यमंत्री ने की केंद्र सरकार से अपील गौवंश में लम्पी स्किन रोग के प्रभावी नियंत्रण में करें सहयोग

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मुख्यमंत्री ने की केंद्र सरकार से अपील गौवंश में लम्पी स्किन रोग के प्रभावी नियंत्रण में करें सहयोग छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के विभिन्न जिलों के गौवंशीय पशुओं में फैल रहे लम्पी स्किन रोग पर चिंता जताते हुए कहा कि राज्य सरकार गौवंशीय पशुओं के प्रति सजगता एवं संवेदनशीलता बरतते हुए रोग नियंत्रण के सभी संभावित उपाय कर रही है। उन्होंने केन्द्र सरकार से गौवंश को बचाने के लिए आर्थिक एवं आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने और बीमारी के प्रभावी नियंत्रण में सहयोग करने के लिए आग्रह किया। श्री गहलोत ने राज्य के पशुपालकों से धैर्य बनाये रखने एवं गौशाला संचालकों, जनप्रतिनिधियों और स्वयंसेवी संस्थाओं से बीमारी के नियंत्रण एवं रोकथाम में राज्य सरकार का सहयोग करने की अपील की है। श्री गहलोत ने कहा कि पशुधन राजस्थान के किसानों की जीवन रेखा है। गौवंश पशुपालकों को अकाल की स्थिति में आर्थिक संबल प्रदान करते है। सदियों से पशुपालक पशुधन के बल पर विपरित परिस्थितियों से लड़ते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश की बहुमूल्य पशुधन सम्पदा की महत्ता को बनाए रखने, उनके विकास एवं पशुधन उत्पादन की अभिवृद्धि