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HAPPY NEW YEAR 2024

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  छोटा अखबार परिवार की ओर से आप सभी स्नेही पाठकों को कलेंडर साल की हार्दिक शुभकांमनाएं और हम आपकी सफलताओ के उज्ज्वल भविष्य की उम्मीदों करते है।   

नये साल में नये मंत्री विभागों की भाग—दौड़ में

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 नये साल में नये मंत्री, विभागों की भाग—दौड़ में छोटा अखबार। प्रदेश में मुख्यमंत्री की शपथ लेने के लंबे इंतजार के बाद सरकार ने अपना मंत्रिमंडल बना ही लिया। अब बारी आाती है मंत्रियों को महकमे बांट ने की। महकमाओं के बंटवारों को लेकर मंत्रियों द्वारा लॉबिंग शुरू हो गई है। कई मंत्री साल के अंतिम दिन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मिले तो कुछ मंत्री प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी से मिले। संचार माध्यमों के अनुसार सरकार को महकमे बांटने के लिये पांच से छह दिन लग सकते है या यूं कहे कि महकमों की पर्ची पांच से छह दिन में देदी जायेगी।  संचार माध्यमों का यह भी कहना है कि बडे नाम वाले मंत्री बडे और महत्वपूर्ण विभाग लेने की चाहत रखते है और इसी के जुगाड़ में लगे हुये है। खास बात यह कि इन दिनों में भाजपा के वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश माथुर भी जयपुर में मौजूद हैं। यह कयास लगाया जा रहा है कि इस बार विभागों की पर्ची ओम माथुर लेकर आये है। संचार माध्यमों में यह भी चर्चा है कि संघ का फॉकस शिक्षा पर है। कयास ये लगाया जा रहा है कि शिक्षा का महकमा किसी संघ पृष्ठभूमि के मंत्री को दिया जायेगा।   

मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह से पहले आपके साथ

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 मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह से पहले आपके साथ

मुख्यमंत्री का शपथ समारोह 2023

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 मुख्यमंत्री का शपथ समारोह 2023

इंटरनेट सेवाएं संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निवासियों के स्वतंत्र भाषण के अधिकार का एक हिस्सा हैं :— मणिपुर हाईकोर्ट

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इंटरनेट सेवाएं संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निवासियों के स्वतंत्र भाषण के अधिकार का एक हिस्सा हैं :— मणिपुर हाईकोर्ट छोटा अखबार। मणिपुर हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दोहराया कि सरकार पूरे राज्य में चल रहे मोबाइल इंटरनेट प्रतिबंध को जारी नहीं रख सकती, क्योंकि इंटरनेट सेवाएं संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निवासियों के स्वतंत्र भाषण के अधिकार का एक हिस्सा हैं। अदालत राज्यव्यापी इंटरनेट प्रतिबंध को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।  कोर्ट ने कहा, "यदि हिंसा प्रभावित क्षेत्र में किसी व्यक्ति को शिकायत दर्ज कराने की आवश्यकता हो तो वह कहां जाएगा और किसके पास जाएगा? जिन क्षेत्रों में आप कहते हैं कि वे हिंसा से प्रभावित हैं, वहां के लोगों को न्याय कैसे मिलेगा? उन्हें न्याय कैसे मिलेगा? न्याय तक पहुंच सिर्फ एक नारा नहीं है. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रत्येक नागरिक को न्याय तक पहुंच मिले। अन्यथा वे इस तक कैसे पहुंच पाएंगे?” न्यायालय ने निष्कर्ष में कहा कि वर्तमान मुकदमा प्रतिकूल नहीं था और याचिकाकर्ता राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर नहीं करना चाहते थे, लेकिन मणिपुरी लोगों के अ

जेडीए अधिकारियों की मिली भगत से बसाई जा रही है, अवैध कॉलोनी

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जेडीए अधिकारियों की मिली भगत से बसाई जा रही है, अवैध कॉलोनी  छोटा अखबार। जेडीए की प्रवर्तन शाखा इकॉलोजिकल क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों पर ताबड़तोड़ कार्यवाही कर रही है। लेकिन ज्यादातर अधूरी कार्यवाही कर केवल रस्म अदायगी से वाह—वाही लूटना भर है। यदि पिछले 3 महिनों के आंकड़े उठा कर देखते हैं, तो एक भी अवैध कॉलोनी में निजी खातेदार के विरूद्ध राजस्थान कास्तकारी अधिनियम की धारा 175 के तहत कार्यवाही नहीं की है। मौके पर जब कार्यवाही के दौरान इनके अधिकारियों से ये बात पूंछी तो इनका कहना है कि हम लोगों को खसरा नंबर ही पता नहीं है, तो ऐसे में जेडीए के अधिकारियों पर कई सवाल उठते है। यही वजह है कि इसी पोल का लाभ लेते और देते हुए कई अवैध कॉलोनी बसाई जा रही है। जिसकी सूचना संबंधित प्रवर्तन अधिकारी सहित आला अधिकारियों के पास भी होती है। लेकिन कार्यवाई नहीं होती है। इकॉलोजिकल जोन—10ए में एक इसी तरह का मामला संज्ञान में आया है। जेडीए के रिकॉर्ड के अनुसार 6 सितम्बर 2023 को प्रवर्तन दस्ते ने केशव विहार—विस्तार नाम की एक अवैध कॉलोनी पर कार्यवाई की जो प्रीती पैराडाइज के पास आईओसी लाइन के बराबर केशव विद्या पी

दूध के साथ बासी रोटी खाने से शुगर जड़ के खत्म हो जाता है

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 दूध के साथ बासी रोटी खाने से शुगर जड़ के खत्म हो जाता है छोटा अखबार। शुगर को ठीक करने में बासी रोटी आप के लिये वरदान साबित हो सकती है। आयुर्वेद के अनुसार यदि आप शुगर के मरीज हो तो आपको अपनी दिनचर्या में बासी रोटियों का उपयोग करना चाहिये।  वैध टीसी त्रिवेदी के अनुसार गेहू की बासी रोटियों में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है। साथ ही इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स मात्रा भी काफी कम होती है जो इसे शुगर के मरीजों के लिए एक सुपाच्य भोजन बनता है। दुसरी ओर इसके उपयोग से पाचन क्रिया सहित, ब्लड प्रेशर और वजन को भी नियंत्रण किया जा सकता है।  श्री त्रिवेदी का कहना है कि बासी रोटियां आपको कई रोगों से बचा सकती है। गेहू की बासी रोटियां नाश्ते के लिए पूरी तरह से एक सुरक्षित और स्वस्थ विकल्प है। ये बाजार में मिलने वाले रेडी-टू-मेक ओट्स और पोहा जैसे खाद्य पदार्थों से कहीं बेहतर है।  त्रिवेदी ने कहा कि बासी रोटी को खाने के लिए रोटी को गर्म नहीं करना चाहिए बल्कि ठन्डे दूध में रोटी को टुकड़े—टुकड़े करके डाल दे और दस से पन्द्रह मिनट बाद इसे खाना चाहिए। वहीं आप शुगर के मरीज नहीं है तो इसमें मीठा भी मिला सकते है। उन्हो