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स्वच्छता की अनूठी मिसाल पेश करेगा डेरा सच्चा सौदा

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स्वच्छता की अनूठी मिसाल पेश करेगा डेरा सच्चा सौदा   छोटा अखबार। डेरा सच्चा सौदा के राजस्थान की साध-संगत शनिवार, 4 फरवरी को इतिहास रचने जा रही है। डेरा के लाखों श्रद्धालु पूरे राजस्थान प्रदेश के गांवों व शहरों में सुबह 10 बजे से सफाई अभियान चलाएंगे।  डेरा सच्चा सौदा, सिरसा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां यूपी के बरनावा स्थित आश्रम से वर्चुअली इसकी शुरूआत करेंगे। इसके अलावा परम पिता शाह सतनाम जी महाराज के एमएसजी महारहमोकर्म माह के उपलक्ष में 5 फरवरी को गुलाबीनगरी में एक साथ सात जगहों पर पावन भंडारा भी मनाया जाएगा। डेरा की प्रदेश स्तरीय 45 सदस्यीय यूथ कमेटी के धीरज इन्सां ने बताया कि राजस्थान की संगत के आग्रह पर पूज्य गुरुजी 4 फरवरी को सुबह 10 बजे यूपी आश्रम से स्वच्छता अभियान की शुरूआत करेंगे। राजधानी जयपुर को 18 जोन में बांटा गया है। यहां करीब चार लाख डेरा प्रेमी झाड़ू, कस्सी, तसला, पल्ली, आरी, कुल्हाड़ी आदि के साथ पूरे शहर को चमकाएंगे। सफाई अभियान को लेकर प्रदेश की साध संगत उत्साह से लबरेज है। सफाई के साथ सेवादार भविष्य में अपने आसपास के क्षेत्र को साफ सुथरा रखने के

जयपुर डिस्काॅम होगा इलेक्ट्राॅनिक मोड पर

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जयपुर डिस्काॅम होगा इलेक्ट्राॅनिक मोड पर छोटा अखबार। जयपुर डिस्काॅम के प्रबन्ध निदेशक अजीत कुमार सक्सैना ने निर्देश दिये कि जयपुर डिस्काॅम में राजकाज पोर्टल पर ई-फाईल सिस्टम के अनुसार ही कार्य सम्पादित कर सभी नवीन पत्रावलियां इलेक्ट्रॉनिक मोड में खोली जाए और भौतिक रूप से पत्रावली का सृजन नही किया जाए। श्री सक्सैना ने  कहा कि जयपुर डिस्काॅम में ई-फाईल सिस्टमस सभी कार्यालयों में  मिशन मोड पर लागू किया जाना है। नई ई-फाईलों को खोलने के लिए जयपुर डिस्काॅम के सभी कार्यालय 4 व 5 फरवरी को खोले जाने के निर्देश जारी कर दिए गए है। उन्होंने यह भी ने स्पष्ट किया कि जांच सम्बन्धी मामलों की पत्रावलियां, न्यायालय/वादकरण सम्बन्धी पत्रावलियां एवं अतिगोपनीय/गोपनीय पत्रावलियां/प्रकरणों को ई-फाईल सिस्टम से अलग रखा जाएगा। सभी नवीन पत्रावलियां इलक्ट्राॅनिक मोड पर ही खोली जाएगी और यदि भौतिक पत्रावली खोली जानी आवश्यक हो तो प्रबन्ध निदेशक की पूर्व अनुमति लेनी होगी। पुरानी पत्रावलियां ई-फाईल (राजकाज  एप्लीकेशन) पर प्राथमिकता सेला लाई  जाएगी। उन्होने कहा कि ई-फाईल से जुडा एक महत्वपूर्ण बिन्दू कार्यालयोंमें मौजूद

नायला आवासीय योजना मुहिम की सीएमआर में साथी सुभाष चौधरी की अनुभूति, अपनी जुबान से

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नायला आवासीय योजना मुहिम की सीएमआर में साथी सुभाष चौधरी की अनुभूति, अपनी जुबान से  छोटा अखबार। नमस्कार मित्रों। नायला आवासीय योजना में अपना हक प्राप्त करने की हमारी इस मुहिम के तहत आज कुछ साथियों के साथसी एमआर जाना हुआ।।बहुत अच्छा लगा।।साथ ही पांच पत्रकारों के हर रोज यहां आने की इस अनूठी गतिविधि की गम्भीरता का भी अहसास हुआ। हुआ यूं कि वहां मौजूद अधिकारी से हो रही बातचीत में जब हमारी ओर से उन्हें कहा गया कि आज पत्रकारों का चौबीसवाँ  जत्था मुख्यमंत्री जी से मिलने की उम्मीद लेकर आया है। तो..उन्होंने मुस्कुराते हुए तत्काल गिनती को दुरस्त करते कहा चौबीसवाँ नही आज इक्कीसवाँ जत्था आया है। हम पूरी जानकारी रखे हुए हैं आप लोगों की। सीएमआर पहुंचे, 21वें जत्थे के साथी मित्रों, इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि सीएम हमारी पीड़ा से न केवल पूरी तरह वाकिफ हैं बल्कि हमारे तमाम मूवमेंट पर उनकी नजर है।।हमारे प्रयास सार्थक दिशा में हैं। उम्मीद है जल्द ही कोई खुशखबर साथियों को मिलेगी।

23वे दिन पहुंचा महिला पत्रकारों का दस्ता सीएमआर

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23वे दिन पहुंचा महिला पत्रकारों का दस्ता सीएमआर छोटा अखबार। चलो नायला संगठन के आह्वान पर 23वे दिन  गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने उनके निवास पर पहुंची महिला पत्रकारों ने कहा कि निर्दोष 571 परिवारों की पीड़ा से गहलोत कैसे मुंह फेर सकते हैं। प्रत्येक आवंटी के साथ उसका पूरा परिवार 10 साल से परेशान है जबकि उनकी भी कोई गलती नहीं है। अपने परिवार के दुख को आंचल में भरकर आई महिला पत्रकारों से तो मुख्यमंत्री को मिलना ही चाहिए। पिंकसिटी प्रेस एनक्लेव, नायला पत्रकार नगर की आवंटी पत्रकार श्रीमती दीपशिखा शर्मा, अंबिका पारीक, अनिता शर्मा, हेमलता किराड़ और राखी सोनी ने अधिकारियों को बताया कि 10 साल से बकाया राशि जमा कराकर अपने घर का पट्टा लेने के लिए दर दर की ठोकर खा रहे हैं।  571 आवंटियों के साथ उनके पूरे परिवार के अधिकार पर कुठाराघात किया जा रहा है। एक परिवार की पीड़ा महिला से ज्यादा कौन समझा सकता है। महिला पत्रकारों ने अधिकारियों से कहा कि यदि मुख्यमंत्री जी नहीं हैं तो उनको श्रीमती गहलोत से मिलवा दो, ताकि उनका दुख कुछ तो हल्का हो सके। इस पर अधिकारियों ने कहा कि प्रेस एनक्लेव नायला के

22वे दिन भी सीएमआर पहुंचे आवंटी पत्रकार, मुख्यमंत्री पसीजते नहीं

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22वे दिन भी सीएमआर पहुंचे आवंटी पत्रकार,  मुख्यमंत्री पसीजते नहीं छोटा अखबार। पिंकसिटी प्रेस एनक्लेव, नायला पत्रकार नगर के 571 निर्दोष आवंटी परिवारों के साथ 10 साल से हो रहे अन्याय का जवाब जेडीए के पास नहीं है। अब 22 दिन से रोज मिलने की गुहार लगा रहे पत्रकारों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत क्यों नहीं मिल रहे, इसका जवाब सीएमआर के अधिकारियों के पास भी नहीं है। जत्थे बनाकर रोज आ रहे पत्रकारों की पीड़ा सीएमआर के अधिकारी ही सुनते हैं और जल्दी ही मिलाने का आश्वासन ही देते है।  बुधवार को भी मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे जत्थे के पत्रकारों को संयुक्त सचिव ललित कुमार ने बताया कि उनके ज्ञापन रोज मुख्यमंत्री जी को दे रहे हैं। जल्दी ही वे पत्रकारों से भी मिलेंगे। हालांकि पिंकसिटी प्रेस एनक्लेव, नायला के 5 पत्रकारों के जत्थे की सुनवाई के लिए सीएमआर में विशेष व्यवस्था की गई है। संयुक्त सचिव ललित कुमार को नायला के आवंटी पत्रकारों को सुनने और उनके आवंटन दस्तावेज जमा करने के लिए लगाया गया है। बीच बीच में मुख्यमंत्री निवास के विशेषाधिकारी देवाराम सैनी और मुख्यमंत्री के वरिष्ठ निजी सहायक सौभाग मल वर्मा भी आवंट

जया एकादशी - आज

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 जया एकादशी - आज   छोटा अखबार। एकादशी तिथि समय अवधि : 31 जनवरी सुबह 11:53 से 01 फरवरी दोपहर 02:01 तक । व्रत उपवास आज 1 फरवरी 2023 को रखा जायेगा । युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा : भगवन् ! कृपा करके यह बताइये कि माघ मास के शुक्लपक्ष में कौन सी एकादशी होती है, उसकी विधि क्या है तथा उसमें किस देवता का पूजन किया जाता है ? भगवान श्रीकृष्ण बोले : राजेन्द्र ! माघ मास के शुक्लपक्ष में जो एकादशी होती है, उसका नाम ‘जया’ है । वह सब पापों को हरनेवाली उत्तम तिथि है । पवित्र होने के साथ ही पापों का नाश करनेवाली तथा मनुष्यों को भाग और मोक्ष प्रदान करनेवाली है । इतना ही नहीं, वह ब्रह्महत्या जैसे पाप तथा पिशाचत्व का भी विनाश करनेवाली है । इसका व्रत करने पर मनुष्यों को कभी प्रेतयोनि में नहीं जाना पड़ता । इसलिए राजन् ! प्रयत्नपूर्वक ‘जया’ नाम की एकादशी का व्रत करना चाहिए । एक समय की बात है । स्वर्गलोक में देवराज इन्द्र राज्य करते थे । देवगण पारिजात वृक्षों से युक्त नंदनवन में अप्सराओं के साथ विहार कर रहे थे । पचास करोड़ गन्धर्वों के नायक देवराज इन्द्र ने स्वेच्छानुसार वन में विहार करते हुए बड़े हर्ष के

रगड़ाई नेताओं से कराओ मुख्यमंत्रीजी, हम तो पत्रकार हैं

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रगड़ाई नेताओं से कराओ मुख्यमंत्रीजी, हम तो पत्रकार हैं छोटा अखबार। पिंकसिटी प्रेस एनक्लेव, नायला पत्रकार नगर के 10 साल से परेशान 571 आवंटी पत्रकारों के गांधीवादी प्रदर्शन की मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास से लेकर शासन सचिवालय तक खूब चर्चा रही। मुख्यमंत्री निवास पर रोजाना पहुंच रहे आवंटी पत्रकारों का 18वा जत्था मंगलवार को पहुंचा तो सीएमआर के अधिकारियों ने बाकायदा स्वागत करते हुए पत्रकारों की पीड़ा सुनी। पत्रकारों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन, स्वास्थ्य कामना पत्र और आवंटन दस्तावेज सौपे।मंगलवार को 21वे दिन पहुंचे जत्थे में वरिष्ठ पत्रकार विष्णु कुमार पारीक, योगेश शर्मा, फोटो पत्रकार मुकेश खांडल और अमित काला ने सीएमआर के संयुक्त सचिव ललित कुमार को मुख्यमंत्री के नाम पत्र दिए। पत्रकार शीशराम खासपुरिया भी उनके साथ रहे। पत्रकारों ने ललित कुमार से निवेदन किया कि मुख्यमंत्री जी अक्सर कहते हैं कि रगड़ाई होने से नेतृत्व में निखार आता है। उनसे कहें कि पत्रकारों की अब और रगड़ाई न करें। हम नेता नहीं, 10 साल से पीड़ित पत्रकार हैं। मुख्यमं