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ग्राम पंचायत स्तर पर युवाओं को मिलेगा रोजगार

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  ग्राम पंचायत स्तर पर युवाओं को मिलेगा रोजगार  छोटा अखबार। समाधान संस्था की प्रबंध निदेशक श्रीमती सीमा त्रिवेदी ने कहा कि हमारी संस्था प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कृत संकल्पित है।   श्रीमती त्रिवेदी ने शनिवार को जयपुर में हुई प्रेस वार्ता में पत्रकारों को बताया की माननीय मुख्यमंत्री की मंशा है कि राज्य में ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो, इसी क्रम में हमारी संस्था एक योजना लेकर आई है, जिसमें गांव के बेरोजगार युवाओ को रोजगार उपलब्ध करवाया जायेगा। इस योजना के तहत बेरोजगार युवाओं को प्रथम चरण में सेनेटरी पैड और सहकारिता विभाग के मसालों का काम दिया जायेगा। मसालों में मिर्ची, हल्दी, धनिया, गरम मसाला और अमचूर होंगे। इस के लिये समाधान संस्था और सहकारिता विभाग उपहार के मध्य एमओयू हो चुका है। एमओयू के तहत उपहार हमारी संस्था को थोक भाव में मसाले उपलब्ध करवायेगा।  इस कार्य के लिये इच्छुक बेरोजगार समाधान संस्था से फेंचाईजी लेकर कम से कम पूंजी में अपना व्यवसाय शुरू कर सकता है। त्रिवेदी ने बताया कि समाधान संस्था की इस योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत

आर्थिक सर्वेक्षण 2021 के अनुसार पीडीएस में दाम बढ़ा सकती है केन्द्र सरकार

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आर्थिक सर्वेक्षण 2021 के अनुसार पीडीएस में दाम बढ़ा सकती    है   केन्द्र सरकार  विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्र सरकार को सर्वेक्षण की सिफ़ारिशों को नहीं मानना चाहिए। खाद्य सब्सिडी पर बचत के बजाए जीवन बचाना सरकार की बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए दूसरे उपाय कर सकती है। छोटा अखबार। आर्थिक सर्वेक्षण 2021 में खाद्य सब्सिडी के खर्च को बहुत अधिक बताते हुए सुझाव दिया गया है कि 80 करोड़ ग़रीब लाभार्थियों को राशन की दुकानों से दिए जाने वाले अनाज के बिक्री मूल्य में बढ़ोतरी की जानी चाहिए। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से खाद्यान्न बेहद सस्ती दर पर दिए जाते हैं. इसके तहत राशन की दुकानों से तीन रुपये प्रति किलो चावल, दो रुपये प्रति किलो गेहूं और एक रुपये प्रति किलो की दर से मोटा अनाज दिया जाता है। ख़बरों के अनुसार सस्ती दर वाले गेहूं का ये मूल्य बढ़कर लगभग 27 रुपये प्रति किलो हो गया है। इसी तरह चावल का मूल्य भी लगभग 37 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बैठता है। आर्थिक सर्वेक्षण 2021 में कहा गया है कि  "खाद्य सुरक्षा के प्

छात्र संगठनों ने​ चीन का किया विरोध, केन्द्र सरकार पर लगाया विफलता का आरोप

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 छात्र संगठनों ने​ चीन का किया विरोध, केन्द्र सरकार पर लगाया विफलता का आरोप  छोटा अखबार। अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले में चीन द्वारा कथित तौर पर गांव बसाए जाने को लेकर छात्र संगठन ऑल अरुणाचल प्रदेश स्टूडेंट्स यूनियन ने गुरूवार को प्रदर्शन किया। राज्य के शीर्ष छात्र संगठन की विभिन्न इकाइयों और समुदाय आधारित संगठनों ने राजधानी ईटानगर के इंदिरा गांधी पार्क पर धरना दिया और केंद्र से इस मुद्दे पर सख्त कदम उठाने की मांग की। इस बीच बैनर एवं तख्तियां लिए लोगों ने चीन की इस हरकत की निंदा की और केंद्र पर पूरे मामले को लेकर चुप्पी साधने का आरोप लगाया। यूनियन के अध्यक्ष हावा बगांग ने पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार राज्य को विदेशी घुसपैठ से बचाने में विफल रही है। वहीं बगांग ने यह भी कहा कि अगर केंद्र सरकार अनुमति देती है तो छात्र संगठन चीनी सेना के खिलाफ लड़ने को तैयार है। उन्होने राज्य के सांसदों से भी ऐसे मुद्दों पर मुखर होने का अनुरोध किया, जो अरुणाचल प्रदेश और इसके लोगों के हितों से संबंधित हैं। समाचार सूत्रों के अनुसार बगांग ने केंद्र सरकार से अपील कि की सरक

राज्य में आज से ‘स्वास्थ्य बीमा‘ योजना के नये चरण का आगाज

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राज्य में आज से ‘स्वास्थ्य बीमा‘ योजना के नये चरण का आगाज छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज 30 जनवरी 2021 को ‘आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा‘ योजना के नए चरण का आगाज करेंगे। यह अभिनव कदम प्रदेश की लगभग दो तिहाई आबादी की स्वास्थ्य रक्षा के लिए मील का पत्थर साबित होगा।  बता दे कि राज्य में पूर्व में संचालित भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA के 98 लाख लाभार्थी परिवारों के साथ ही सामाजिक आर्थिक जनगणना (SECC 2011) के पात्र परिवारों को भी शामिल कर योजना का दायरा बढ़ाते हुए आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के नए चरण में अब 1 करोड़ 10 लाख परिवारों को निःशुल्क उपचार की सुविधा प्रदान की गई है।  इस योजना में वार्षिक प्रीमियम 1750 करोड़ रुपए का लगभग 80 प्रतिशत (1400 करोड़ रुपए) अंशदान राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। अब प्रति परिवार सालाना निःशुल्क उपचार सीमा को बढ़ाकर 3.30 लाख के स्थान पर 5 लाख रुपए तथा उपचार के लिए उपलब्ध 1401 पैकेज को बढ़ाकर 1576 किया गया है। सामान्य बीमारियों के लिए 50 हजार तथा गंभीर बीमारियों के

सरकार में 503 पदों पर होगी भर्ती, 26 फरवरी तक मांगे आवेदन

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  सरकार में 503 पदों पर होगी भर्ती, 26 फरवरी तक मांगे आवेदन छोटा अखबार।  सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के अनुसार राजस्थान सहकार भर्ती बोर्ड के माध्यम से राजस्थान सहकारी डेयरी संघ एवं इससे सम्बन्धित जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघों के 20 विभिन्न श्रेणियों में 503 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किये गए हैं। पात्र अभ्यर्थी 26 फरवरी तक आवेदन कर सकते है। 503 पदों में महाप्रबन्धक के 4, उपप्रबन्धक के 27, सहायक प्रबन्धक के 96, सहायक लेखा अधिकारी का 1, सहायक डेयरी केमिस्ट के 10, बॉयलर ऑपरेटर (1) के 9, बॉयलर ऑपरेटर (II) के 22, कनिष्ठ अभियतां का 1, प्रयोगशाला सहायक के 46 डेयरी तकनीशियन के 31, इलेक्टि्रशियन के 23, कनिष्ठ लेखाकार/स्टोर सुपरवाईजर के 48, ऑपरेटर (2) के 77, पशुधन पर्यवेक्षक के 7, रेफ्रिजरेशन ऑपरेटर के 20, फिटर के 15, वेल्डर के 6, हेल्पर के 27 डेयरी पर्यवेक्षक (3) के 13 एवं डेयरी प्रयवेक्षक के 20 पद होंगे। इन पदों पर भर्ती राजस्थान सहकारी भर्ती बोर्ड, जयपुर के माध्यम से की जायेगी। इच्छुक अभ्यर्थी विस्तृत जानकारी एवं आवेदन के लिए बोर्ड की वेबसाइट https://rajcrb.rajasthan.gov.in पर विजिट करें।

लॉकडाउन में भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 35 फीसदी बढ़ी

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  लॉकडाउन में भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 35 फीसदी बढ़ी छोटा अखबार। विश्व आर्थिक मंच की दावोस एजेंडा शिखर बैठक में ऑक्सफैम इंटरनेशनल की कार्यकारी निदेशक गैब्रिएला बुचर ने कहा कि महामारी की आर्थिक मार से उबरने में अरबों लोगों को एक दशक से अधिक का समय लग सकता है, जबकि मार्च 2020 के बाद से सबसे शीर्ष पर सिर्फ़ 10 अरबपतियों का धन आसमान छू लिया है। ऑक्सफैम की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी पिछले सौ वर्षों का सबसे बड़ा स्वास्थ्य संकट है। इसके कारण 1930 की महामंदी के बाद सबसे बड़ा आर्थिक संकट आया हुआ। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भारत में लॉकडाउन के दौरान भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 35 फीसदी बढ़ी है और 2009 से इन अरबपतियों की संपत्ति 90 फीसदी बढ़कर 422.9 अरब डॉलर हो गई है, जिसके बाद भारत अरबपतियों की संपत्ति के मामले में विश्व में अमेरिका, चीन, जर्मनी, रूस और फ्रांस के बाद छठे स्थान पर पहुंच गया है।

दिल्ली में जो हुआ वह किसानों के क्षणिक उत्तेजना का प्रदर्शन भर था

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  दिल्ली में जो हुआ वह किसानों के क्षणिक उत्तेजना का प्रदर्शन भर था अपूर्वानंद छोटा अखबार। 26 जनवरी को पूरे देश में प्रदर्शन हुए। दिल्ली में खासकर। किसी हिंसा की खबर नहीं आई। दिल्ली में जो हुआ वह पिछले कई महीनों से सब्र बांधे किसानों के एक हिस्से की क्षणिक उत्तेजना का प्रदर्शन भर था जो अराजक कहकर इसकी आलोचना कर रहे हैं उनसे पूछा जाना चाहिए कि ऐसा विरोध कैसे हो और हो तो वह किस काम का जिससे हुजूर की नींद में खलल न पड़े? आंदोलन जब इतना व्यापक और इतनी तरह के लोगों के साथ होता है तो उसमें बहुत कुछ होगा जो तय नहीं था। सामूहिक ऊर्जा को संचालित करना आसान नहीं। यह ज़रूर नेताओं का काम है। लेकिन अगर एक हिस्सा तयशुदा रास्ते से अलग चल पड़ता है तो इससे पूरा आंदोलन गलत नहीं हो जाता आंदोलन लोरी नहीं है, वह सत्ता को झकझोरने के लिए ही किया जाता है। उसका शाब्दिक अर्थ भी यही है। वह स्थिरता, जड़ता को तोड़ता है। कर्णप्रिय वह हो, आवश्यक नहीं। सबसे आख़िरी या पहला सवाल तो यही है कि यह परिस्थिति आई क्यों? किसान घरों से निकले क्यों? दिल्ली की दहलीज तक आए क्यों? इसके लिए उन्हें किसने मजबूर किया? सरकार वे कानून बनाए क्य