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प्रवासी मजदुर ने मांगा भोजन तो आईएएस ने कहा कूद जाइये ट्रेन से 

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प्रवासी मजदुर ने मांगा भोजन तो आईएएस ने कहा कूद जाइये ट्रेन से   छोटा अखबार। प्रवासी मजदूर ने एपी सिंह को कहा हम लोग झारखंड के प्रवासी मजदूर बोल रहे हैं। स्पेशल ट्रेन से वापस आ रहे हैं सर, सुबह से खाना नहीं मिला है, भूख से परेशान हो गए हैं हम लोग। तो एपी सिंह बोले अच्छा, खाना रेलवे को देना है, रेलवे देगा खाना। मजदूर ने फिर कहा तो कब देगा सर, सुबह में खाली एक पैकेट ब्रेड, एक केला और एक बोतल पानी दिया है, उसी में दिन भर काटना पड़ रहा है सर, कैसे क्या करें। फिर एपी सिंह बोले कूद जाइये वहां से,और क्या करिएगा। देश में जारी लोकडाउन से परेशानियां झेल रहे प्रवासी मजदूरों का घर वापसी का दौर जारी है। विभिन्न क्षेत्रों में फंसे हुए प्रवासी मजदूरों की पीड़ा पर संज्ञान लेते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को इस मामले में महत्वपूर्ण आदेश दिये है। कोर्ट ने कहा कि ट्रेन या बस से यात्रा करने वाले किसी भी प्रवासी मजदूर से किराया नहीं लिया जाएगा। उसे रेलवे और राज्य सरकारें आपस में वहन करें। जब तक लोग ट्रेन या बस के लिए इंतजार कर रहे होंगे उस दौरान संबंधित राज्य या केंद्रशासित प्रदेश उन्हें भोजन मुहैया क

देश में लोकडाउन के कारण लूट के साथ आत्महत्याओं का दौर शुरू

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देश में लोकडाउन के कारण लूट के साथ आत्महत्याओं का दौर शुरू छोटा अखबार। देश में जारी लोकडाउन से उपजी बेरोजगारी और आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्याओं का सिलसिला शुरू हो गया है। इस का ताजा उदाहरण उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में देखने को मिला है। यहां आर्थिक तंगी से परेशान दो लोगों की आत्महत्या है। समाचार सूत्रों के अनुसार मटौंध थाना प्रभारी निरीक्षक रामेंद्र तिवारी ने बताया कि लोहरा गांव के मजदूर सुरेश (22) ने बुधवार को एक पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वे लॉकडाउन में दिल्ली फंस गए थे और पांच दिन पहले ही अपने गांव लौटे थे। मृत युवक के परिजनों के अनुसार सुरेश दिल्ली से लौटने के बाद आर्थिक तंगी से परेशान थे। उनके पास खर्चे के लिए पैसे नहीं थे। जिसके चलते उसने फांसी लगा ली। शव का पोस्टमॉर्टम करवाया गया है और घटना की जांच की जा रही है। कुछ इसी तरह की घटना पैलानी थाना क्षेत्र के सिंधन कलां गांव में घटी। दस दिन पहले मुंबई से लौटे मनोज (20) ने अपने घर के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मनोज के माता—पिता की पहले मौत हो चुकी थी और परिवार में वो अकेले ही ​थे। पड़ोसियों का कहना है कि मनोज म

देश के कई राज्यों में टिड्डी दल का हमला जारी।

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देश के कई राज्यों में टिड्डी दल का हमला जारी। छोटा अखबार। एक तरफ देश में कोविड—19 महामारी का कहर जारी है तो वहीं दुसरी ओर देश के कई राज्यों में टिड्डियों के दल ने हमला कर किसानों की नींद उडा रखी है। मध्यप्रदेश, राजस्थान और यूपी जैसे प्रदेश टिड्डियों के हमलों से ज्यादा परेशान है। जानकारों के अनुसार टिड्डियों का यह दल ईरान, पाकिस्तान और अफ्रीका को भी खूब नुकसान पहुंचा चुका है। यह भी मानना है कि टिड्डि दल के हमलों पर समय रहते काबू नहीं किया तो यह किसानों को तबाह कर सकता है। इनके हमलों से मूंग, कपास और मिर्ची की फसल को भारी नुकसान हो सकता है।  राजस्थान से मंदसौर के रास्ते मध्यप्रदेश में घुसा यह टिड्डियों का दल कई राज्यों में किसानों पर कहर बरपा सकता है। सबसे ज्यादा नुकसान राजस्थान को हुआ है। यहां टिड्डी दल ने पूर्व में भी हमला कर खेती को चट कर किसानो को खूब रूलाया है। टिड्डी दल के हमलों से सरकार ने कोई खास सकारात्मक सहायता नहीं की। ज्यादातर किसान अपने स्तर पर ही ढोल, थाली, पटाखे और स्प्रे से इन्हें भगाने का प्रयास कर रहे हैं। जयपुर सहित कई शहरों के रिहायशी इलाकों में भी टिड्डी दल का प्रकोप

यूपी में आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून 1966 लागू

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यूपी में आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून 1966 लागू   छोटा अखबार। एस्मा संसद में पारित अधिनियम है। इस अधिनियम का प्रयोग देश में सर्व प्रथम 1968 में किया गया था। यह कानून मुश्किलों के बीच कर्मचारियों की हड़ताल रोकने के लिए बनाया गया था। इस का प्रयोग अधिकतम छह माह के लिए किया जा सकता है। कानून के अनुसार कोई कर्मचारी छुट्टी पर या फिर हड़ताल पर जाता है तो उनका यह कृत्य अवैध और दंडनीय की श्रेणी में आता है। इस कानून का उल्लंघन करने पर एक साल तक की जेल या 1,000 रुपये का जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है। एस्मा में पुलिस इस कानून के प्रावधानों का पालन नहीं करने वाले को बिना किसी वारंट के गिरफ्तार कर सकती है। कोविड—19 महामारी को दखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में छह महीने के लिए आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) लागू कर दिया है। इस कानून के अनुसार प्रदेश में सरकारी सेवाओं, निगमों और स्थानीय प्राधिकरणों में कार्यरत कर्मचारी छह महीने तक हड़ताल नहीं कर सकते है। समाचार सूत्रों के अनुसार अतिरिक्त मुख्य सचिव कार्मिक ने 22 मई को जारकारी देते हुये बताया कि प्रदेश में एस्मा लागू कर दिया है और इस आशय का

लॉकडाउन जनित लूट का श्रीगणेश राजधानी से

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लॉकडाउन जनित लूट का श्रीगणेश राजधानी से छोटा अखबार। देश में एक तरफ कोविड—19 का कहर जारी है तो वहीं दूसरी ओर रोजगार और आर्थिक मंदी देश के लिए कोड में खाज के समान उभर के सामने आई है। बेरोजगारी और अर्थिक मंदी से आने वाले संकट का कयास सभी ज्ञानी लोग अपने अपने तरिके से लगा रहे है। लोगों का भी कहना है कि ऐसी स्थिति में लूटमार, चोरी और डकैती की घटनाएं चरम पर रहेगी। लोगों की बातों पर देश की राजधानी दिल्ली ने ठप्पा लगा श्रीगणेश कर दिया है।   समाचार सूत्रों के अनुसार दिल्ली के जगतपुरी क्षेत्र में बुधवार को हुई ठेले लूट की घटना का विडियों सोशल में आग की तरह फैल रहा है। ठेले वाले छोटे का कहना है कि उसने करीब 30 हजार रूपये के आम जमीन पर हमेशा की तरह खुले में रख रखे थे। कुछ लोग ठेले के पास आये और ठेले को पीछे लेने की बात कर कुछ ओर लोगों के साथ लूट करने लगे।  छोटे का यह भी कहना है कि लॉकडाउन के में वैसे ही कुछ कमाई नहीं है, उपर से इस लूट ने मुझे तबाह कर दिया है। दिल्ली पुलिस के अनुसार इस लूट की घटना में 4 लोगो को गिफ्तार किया है। आम लूटेरों की पहचान वायरल वीडियो से की थी। आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज

प्रदेशभर में कल से चलेंगी रोडवेज बसें -परिवहन मंत्री

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प्रदेशभर में कल से चलेंगी रोडवेज बसें -परिवहन मंत्री छोटा अखबार। परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है कि शनिवार, 23 मई से राज्यभर में विभिन्न रूटों पर राजस्थान पथ परिवहन निगम की बसें चलना शुरू हो जाएंगी। राज्यभर में आवागमन में परेशानी को देखते हुए यह निर्णय किया गया है क्योंकि लोगों को राहत देने के लिए अब सार्वजनिक परिवहन सेवा प्रारम्भ करना जरूरी हो गया है। प्रदेशभर में बसों का संचालन कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए निर्धारित सभी गाइडलाइन की पालना के साथ किया जाएगा।

कांग्रेस सनातन धर्म की ओर

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कांग्रेस सनातन धर्म की ओर छोटा अखबार। प्रदेश में कांग्रेस जनित सरकार ने जारी लोकडाउन के बीच दिवंगत हुए लोगों की अस्थि विर्सजन के लिये विशेष बसें चलाने का निर्णय लेकर सनातन धर्म की ओर कदम बढ़ा दिया है। गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास पर हुई कोर ग्रुप की समीक्ष बैठक में यह निर्णय लिया है।   मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना संक्रमण के इस समय में प्रदेशवासियों को राहत देने के लिए एक और मानवीय एवं संवेदनशील निर्णय लिया है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में लॉकडाउन लागू होने के बाद विभिन्न कारणों से दिवंगत हुए लोगों के परिजन अस्थि विसर्जन के लिए जा सकें, इसके लिए विशेष बसें चलाई जाएं। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार से इन बसों के संचालन पर सहमति के लिए शीघ्र वार्ता की जाए। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और पीड़ादायक है कि लॉकडाउन की पालना के कारण परिजन के निधन के बाद शोकाकुल परिवार अस्थियों का विसर्जन करने नहीं जा पाए। राज्य सरकार इस मार्मिक स्थिति से वाकिफ है। इस मानवीय पहलू को ध्यान में रखते हुए ये विशेष बसें चलाने का निर्णय किया गया है।